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ऑड-ईवेन फॉर्मूला: मोदी का नहीं, पर केजरीवाल का होगा चालान

नए साल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. तारीख का हिसाब रखना शुरू कर दीजिए.

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Source: Reuters
नए साल की खुशी में भूल मत जाना कि 1 जनवरी से दिल्ली में 'ऑड-ईवेन' फॉर्मूला लागू हो रहा है. महाभयंकर लेवल तक बढ़ गए पॉल्यूशन से बचने के लिए केजरीवाल सरकार ने यह फॉर्मूला प्रयोग के तौर पर शुरू किया है, जो 15 जनवरी तक चलेगा. लेकिन ये नियम सब पर लागू नहीं होगा.  कुछ को छूट मिलेगी. जैसे टू-व्हीलर (स्कूटर, बाइक), अकेली महिला ड्राइवर और हाइब्रिड कारें. देश के VVIP लोग भी इस फॉर्मूले से बाध्य नहीं होंगे. सभी मुख्यमंत्रियों को भी छूट मिलेगी, लेकिन चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल ने खुद को इस छूट से बाहर रखा है. वह इसका पालन करेंगे. खबर है कि दिल्ली सरकार ने इस फॉर्मूले के लिए नोटिफिकेशन तैयार कर लिया है. केजरीवाल गुरुवार को फॉर्मूले का ब्लूप्रिंट सामने रख सकते हैं. फॉर्मूला है क्या ? एक दिन सिर्फ वे प्राइवेट कारें चलेंगी जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर का आखिरी अंक ऑड नंबर (1,3,4,7,9) है. अगले दिन सिर्फ वे प्राइवेट कारें चलेंगी जिनके नंबर का आखिरी अंक ईवेन (2,4,6,8) है. अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एनसीआर और दूसरे प्रदेश की कारों को भी यह फॉर्मूला मानना होगा. 24 घंटे लागू? जी नहीं. सिर्फ 12 घंटे. फॉर्मूला सुबह 8 से रात 8 बजे तक ही लागू रहेगा. मकसद? दिल्ली की सड़कों पर वाहन कम निकलेंगे. लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कार पूलिंग को जरिया बनाएंगे. इससे प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी और ट्रैफिक भी कंट्रोल होगा. किन्हें मिलेगी छूट? इसमें 20 तरह के वाहन होंगे. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इन्हें इस फॉर्मूले के पालन से छूट मिल सकती है: 1. सारे टू-व्हीलर 2. CNG वाहन, जिन्हें सर्टिफिकेट दिखाना होगा 3. इलेक्ट्रिक वाहन और हाइब्रिड वाहन 4. अकेली महिला ड्राइवर और 12 साल तक के बच्चे के साथ ड्राइव कर रही महिला. 5. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उपसभापति, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर, सारे राज्यपाल, लेफ्टिनेंट गवर्नर, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, केंद्रीय मंत्री, दोनों सदनों के नेता विपक्ष, सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री (दिल्ली को छोड़कर), सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, लोकायुक्त, इमरजेंसी वाहन, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल, जेल, शव वाहन, पुलिस की गाड़ियां, पैरामिलिट्री की गाड़ियां, डिफेंस मिनिस्ट्री की गाड़ियां, पायल और एस्कॉर्ट, एसपीजी सुरक्षा वाले लोगों के वाहन, डिप्लोमेटिक कॉर्प्स के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली गाड़ियां. 6. फिजिकली चैलेंज्ड लोगों के वाहनों को भी छूट मिल सकती है. अस्पताल जाने या किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के केस में प्रूफ दिखाना होगा. और नहीं माना तो? ऑड-ईवन फॉर्मूले का नियम तोड़ने पर 2 हजार रुपये जुर्माना प्रस्तावित है. मोटर वेहिकल्स एक्ट के तहत ये किया जा सके, इसके लिए दिल्ली सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर से रिक्वेस्ट की है कि वह चालान जारी करने के लिए अफसरों को अधिकृत करें. दुनिया में कहां-कहां आजमाया गया यह फॉर्मूला? कई जगह आजमाया है. बड़े शहरों में हैं, बीजिंग, पेरिस, लंदन, मेक्सिको सिटी और साओ पाउलो (ब्राजील). चीन में यह व्यवस्था सबसे कामयाब रही. बीजिंग में रोजाना करीब 40 लाख प्राइवेट कारें सड़कों पर दौड़ती हैं. इसके मद्देनजर 2008 ओलंपिक के दौरान यह प्रयोग किया गया कि एक दिन ऑड और दूसरे दिन इवेन नंबर वाली गाड़ियां चलेंगी. और नतीजा यह मिला कि गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण करीब 40 फीसदी घट गया. सरकार को आइडिया इतना जंचा कि ओलंपिक खत्म होने के बाद भी हफ्ते में एक दिन इस व्यवस्था को जारी रखा. [total-poll id=4345]

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