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तारीख: जब अपना ही जनरल आर्मी के लिए मुसीबत बन गया

भिंडरांवाले कैसे बना इतना ताकतवर?

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7 जून 1984. बुधवार का दिन. सुबह के 6 बजे RK धवन अपने गोल्फ लिंक वाले घर के हॉल में चहल कदमी कर रहे थे. पिछली रात न तो उन्हें नींद आई थी, न ही सुबह वर्जिश का मन था. सिर्फ एक फोन कॉल का इंतज़ार था, और वो भी जल्द ही पूरा हो गया. घंटी बजी. फोन उठा. दूसरी तरफ राज्य रक्षा मंत्री के.पी. सिंहदेव थे. चंद सेकेण्ड की बातचीत हुई. धवन ने फोन का रिसीवर नीचे रखा और सीधे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने पहुंचे. देखें वीडियो.

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