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तारीख: जब सैम मानेकशॉ ने खाने की मेज पर पाकिस्तान के जनरल की बोलती बंद की!

मानेकशॉ को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था.

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साल 2004 की बात है. द ट्रिब्यून में छपी एक खबर में लिखा था. अपनी तीव्र निर्णय क्षमता के लिए जाने जाने वाले मानेकशॉ इस दुविधा में हैं कि उन्हें डॉक्टर फ़ील्ड मार्शल मानेक शॉ कहा जाए, या फ़ील्ड मार्शल डॉक्टर मानेकशॉ.

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दरअसल उस साल IGNOU की तरफ़ से मानेकशॉ को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. सम्मान समारोह के दौरान एक दिलचस्प घटना हुई. डॉक्टरेट की डिग्री देने से पहले उपकुलपति ने मानेकशॉ को एक पीला लबादा पहनाया, जो कि ऐसे समारोह में अमूमन किया जाता है. उस समय तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन बाद में उपकुलपति को अहसास हुआ कि उनसे बड़ी गलती हुई है. समारोह के बाद चाय के दौरान मानेकशॉ ने उपकुलपति को बताया. "क्या आपको पता है, कि सैनिक को पीला लबादा देने का मतलब उसका अपमान करना होता है. क्योंकि पीला रंग फ़ौज में कायरता का प्रतीक माना जाता है". इसके बाद पूरे चायपान के दौरान उपकुलपति मानेक शॉ से माफ़ी मांगते रहे. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

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