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तारीख: कारगिल में जब 'नींबू साहब' ने पाकिस्तान आर्मी के आगे जूता उतारा!

इंडियन आर्मी में थे नींबू साहब. कारगिल में द्रास पर चढ़ना था.

अंग्रेज़ी की एक कहावत है, जिसका हिंदी में तर्जुमा कुछ इस प्रकार है, अगर ज़िंदगी आपको नींबू दे, तो उस नींबू का शरबत बना लीजिए. कहने का मतलब खट्टे नींबू मिले तो चीनी घोल के शरबत बना लो. लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि आपको नींबू मिलता है, और आप कचूमर बना देते हैं. कचूमर दुश्मन का. बात समझ आएगी जब कहानी सुनेंगे नींबू साहब की.

इंडियन आर्मी में थे नींबू साहब. कारगिल में द्रास पर चढ़ना था. 16 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई. माइनस दस डिग्री का टेम्प्रेचर. जवानों को दिक़्क़त आ रही थी. लेकिन क़िस्मत की बात थी. सबसे आगे नींबू साहब थे. वो जिस कबीले से आते थे, वहां युद्ध सिर्फ़ लड़ा नहीं जाता था. जीतने के बाद दुश्मन का सिर उतार कर ले आते थे. नींबू साहब कुछ लेकर तो नहीं आए. बल्कि खुद को वहीं छोड़ आए. लेकिन वो काम कर गए जो शायद कोई दूसरा नहीं कर सकता था. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो.