रेजांग ला की लड़ाई 18 से 19 नवंबर के बीच की रात हो हुई थी. जिसके अगले ही दिन चीन ने सीजफायर की घोषणा कर दी थी. लेकिन हम कहानी की शुरुआत करेंगे फरवरी 1963 से. इसलिए कि तब तक इस लड़ाई की खबर भारत में किसी को नहीं थी. फरवरी में जब बर्फ पिघलनी शुरू हुई. लद्दाख का एक गड़रिया इत्तेफाक से रेजांग ला पहुंचा। वहां उसने जो मंज़र देखा, खौफनाक था. 113 भारतीय जवान बर्फ में दबे हुए थे। किसी के हाथ में बन्दूक थी, किसी के हाथ में पट्टी। देखकर लगता था मानो अभी भी मोर्चे पर जुटे हुए हों. गड़रिया वापस आया. उसने अधिकारियों को जानकारी दी. हालांकि रेजांग ला से लौटे कुछ जवानों ने पहले भी कहानी सुनाई थी, कि रेजांग ला में क्या हुआ था. लेकिन तब किसी ने उनकी बात को ज्यादा महत्व नहीं दिया था. 124 सैनिकों ने चीन की 3 हजार वाली फौज को रोक दिया था. सुनने में असंभव लगता था. आइए जानते हैं पूरा किस्सा. देखें वीडियो.
तारीख: जब 124 भारतीय सैनिकों ने 1000 चीनियों का सामना किया
रेजांग ला की लड़ाई 18 से 19 नवंबर के बीच की रात हो हुई थी. जिसके अगले ही दिन चीन ने सीजफायर की घोषणा कर दी थी. लेकिन हम कहानी की शुरुआत करेंगे फरवरी 1963 से.
Advertisement
Advertisement
Advertisement