The Lallantop
Logo

तारीख: CIA ने RAW के भीतर कैसे बिठाया अपना एजेंट?

भारत से कैसे फ़रार हुआ डबल एजेंट, जो RAW और CIA दोनों के लिए काम करता था?

Advertisement

मई 2004 की बात है. दिल्ली के पॉश इलाक़े डिफ़ेंस कॉलोनी में बंगला नंबर C/480 के सामने खड़ा एक सब्ज़ी वाला, एकटक बंगले के मेन गेट को देख जा रहा था. बंगले का मालिक रोज़ एक नियत वक्त पर घूमने निकलता था. उस रोज़ जब बहुत देर तक कोई नहीं निकला, तो सब्ज़ी वाले ने गेट के पास खड़े सिक्योरिटी गार्ड से पूछा. जवाब मिला, घर के मालिक और मालकिन घूमने गए हैं. सब्ज़ी वाले ने जेब से एक फ़ोन निकाला और एक नंबर मिलाया. तुरंत एक गाड़ी बंगले के गेट पर पहुंची और 6-7 लोग सीधे अंदर घुसकर तलाशी लेने लग गए. ये भारत की ख़ुफ़िया एजेन्सी RAW के एजेंट्स थे. इस घर का मालिक उनका ही एक साथी था. और कोई छोटा मोटा आदमी नहीं. बल्कि रॉ में जॉइंट सेक्रेटरी अफ़सर था. जो अचानक ग़ायब हो गया था. खूब छानबीन के बाद भी पहले तो कई दिनों तक उस अफ़सर का पता नहीं चला. और जब पता चला तो रॉ के अधिकारियों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई. रॉ का जॉइंट सेक्रेटरी सालों से भारत के गुप्त दस्तावेज़ अमेरिकी ख़ुफ़िया एजंसी CIA तक पहुंचा रहा था. कौन था ये अफ़सर, कैसे CIA ने उसे अपने जाल में फ़ंसाया और कैसे भाग निकला वो रॉ के चंगुल से. जानेंगे आज के एपिसोड में.
 

Advertisement

Advertisement
Advertisement