1827 में गोबिंदराव की पत्नी चिमनाबाई की कोख से जन्म लिया ज्योतिबा ने. इस नाम का भी एक दिलचस्प किस्सा है, बात ये है कि “ज्योतिबा” यूं तो कोल्हापुर के एक स्थानीय देवता का नाम है, जिन्होंने चैत पड़वा को रत्नासुर का नाश किया था. उसी दिन हर साल मेला लगता है और उसी दिन जब गोबिंद राव के छोटे बेटे का जन्म हुआ तो उन्हें नाम मिला – ज्योतिबा. क्या है महात्मा ज्योतिबा फुले की कहानी, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.
तारीख: कहानी ज्योतिबा फुले की जिनकी वजह से औरतों को अधिकार मिलने शुरू हुए
मात्र तेरह बरस की उम्र में ज्योतिबा की शादी हो गई. ब्याहे गए सावित्री बाई से. ये वो जोड़ी थी जिसे अगर ‘19वीं सदी के फ्यूचरिस्टिक कपल’ के तौर पर देखा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.
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