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तारीख: धमकियों के बीच जब पहली हिंदू विधवा का कराया गया पुनर्विवाह, उस रोज क्या-क्या हुआ?

विधवा स्त्रियों के पुनर्विवाह को नाजायज़ बताया जाता था.

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तारीख़. जिसमें हम सुनाते हैं उस तारीख़ से जुड़ी हुई ऐतिहासिक कहानियां. आज 7 दिसंबर 2021 है. आज की तारीख का किस्सा हिंदू विधवा पुनर्विवाह से जुड़ा हुआ है. ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने हिंदू विधवा पुनर्विवाह ऐक्ट की लड़ाई शुरू की. 1855 में उन्होंने ब्रिटिश सरकार के पास एक पिटिशन डाली. ताकि विधवा पुनर्विवाह के लिए कानून बनाया जा सके. दूसरा धड़ा भी सामने आया. इस पिटिशन के खिलाफ हिंदू रूढ़िवादी संगठनों ने एक और पिटिशन जमा की. इसके बावजूद ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पिटिशन स्वीकार की गई. 19 जुलाई 1856 को विधवा पुनर्विवाह ऐक्ट पास हुआ. रही बात आज की तारीख की, तो 7 दिसंबर 1856 को पहली बार किसी विधवा का पुनर्विवाह कराया गया. समाज में सहमति बनाने के लिए 800 लोगों को निमंत्रण दिया गया. इसका बहुत सारे लोगों ने विरोध किया. विद्यासागर को जान से मारने की धमकी तक दी गई. देखें वीडियो.

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