डीपी मिश्र: जो इंदिरा गांधी के चाणक्य बताए जाते थे लेकिन संजय गांधी उनसे चिढ़ते थे। पार्ट 2
नेहरू, इंदिरा, संजय और राजीव चारों नेताओं से अलग-अलग तरह के रिश्ते रहे.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र. डीपी मिश्र के नाम से भी जाने जाते हैं.30 सितंबर 1963 को डीपी मिश्र ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सीएम बनने के बाद डीपी मिश्रा ने अपने बेटे की कपड़े की दुकान बंद करवा दी थी.
इंदिरा और नेहरू से करीबी रखने वाले डीपी अचानक कमजोर पड़ने लगे. कांग्रेस में संजय गांधी की एंट्री के बाद डीपी मिश्रा और इंदिरा के रास्ते अलग-अलग हो गए.
चलिए कई सारे किस्से हमने एक साथ बता दिए हिंट में. एक-एक कर बारी-बारी सुनते और समझते हैं इस राजनेता की शख्सियत. ये दूसरा और आखिरी हिस्सा है डीपी मिश्र की कहानी का.