एक कैप्टन हैं, हथगोले के विस्फोट से उनकी एक टांग नष्ट हो चुकी है. एक मेजर उनके पास आते हैं. भरोसा दिलाते हैं, कि सब ठीक हो जाएगा. किस्मत की बात है, आज तुम हो, कल मैं हो सकता हूँ. कुछ दिन बीते, कैप्टन को जब पुणे अस्पताल में भर्ती कराया गया. तो अस्पताल के गलियारे में उनके स्वागत में बैसाखियों के सहारे एक टांग पर कौन खड़ा था? वो कोई और नहीं, वही मेजर इयान कारडोजो थे.
किताबी बातें: माइन पर पैर पड़ा परखच्चे उड़े, फिर भी लड़ते रहने वाले 1971 के हीरोज के साहस की कहानी
इंडियन आर्मी के वो हीरोज़ जिन्हें पाक कभी भूल नहीं पाएगा.
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किताबी बातें में आज रचना बिष्ट की किताब, “1971 Charge of the Gorkhas and Other Stories” में से सुनाएंगे कहानी भारतीय फ़ौजियों की उस जीवटता की, जिसमें एक टांग गंवाने के बाद भी उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ. बात इंडियन आर्मी के उन हीरोज़ की भी जिन्हें पाक कभी भूल नहीं पाएगा. देखें वीडियो.
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