पश्चिम में हिप्नॉटिज्म का इतिहास बहुत पुराना था. हालांकि तब इसे हिप्नॉटिज्म नहीं कहते थे. लेकिन इस पहली बार एक थियोरी की शक्ल देने वाले शख्स का नाम था, फ्रांज मेस्मर. उनके नाम पर हिप्नॉटिज्म को तब मेस्मेरिज्म कहा जाता था. मेस्मर का मानना था, कि सम्मोहन ‘animal magnetism’ के कारण काम करता है. यानी मेस्मर का मानना था, इंसानों और जानवरों में एक अदृश्य फोर्स होता है. इसी कारण वो सम्मोहन में फंस जाते हैं. जेल में रहते हुए ऐबे फारिया को एहसास हुआ कि सम्मोहन और कुछ नहीं, इंसान की कल्पना शक्ति है. वीडियो देखें.
तारीख: सम्मोहन काम कैसे करता है? गोवा के एक लड़के ने दुनिया को सिखाया
हिप्नॉटिज्म (Hypnosis) की पहली साइंटिफिक थ्योरी देने वाला भारतीय कौन था? कोंकणी बोलने वाला पादरी, पुर्तगाल के राज दरबार तक कैसे पहुंचा?
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