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एक कविता रोज़ में सुनिए त्रिभुवन की कविता- मैं आपको बस सुरक्षित दिख रहा हूं

आप छंद और अलंकार भी छोड़ दें/ आप बस भ्रांतिमान को सही-सही समझ लें.

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'दी लल्लनटॉप' का कविताओं से जुड़ा कार्यक्रम 'एक कविता रोज़'. एक कविता रोज़ में आज त्रिभुवन जी की कविताएं. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के एक छोटे से गांव चक 25 एमएल में एक अश्वपालक के घर पैदा हुए त्रिभुवन मूलत: रिपोर्टर हैं. जयपुर रहते हैं और इन दिनों हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय में शिक्षक की भूमिका में भी हैं. उनकी एक ताज़ा कविता जो हम आज आपको सुनाने जा रहे हैं उसका शीर्षक है -  मैं आपको बस सुरक्षित दिख रहा हूं. देखिए वीडियो.

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