दी लल्लनटॉप का कविताओं से जुड़ा कार्यक्रम जिसका नाम है 'एक कविता रोज़'. एक कविता रोज़ में आज हम आपके लिए एक गज़ल लेकर आए हैं. गज़ल लिखी है अभिषेक शुक्ल ने. उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में जन्मे अभिषेक ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. पिछले 10 -15 वर्षों के बीच जिन लोगों ने ग़ज़ल के मैदान में अपनी छाप छोड़ी है, उनमें अभिषेक शुक्ल एक अहम नाम हैं. नए लिखने वालों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर भी देखे जाते हैं. उन पहला काव्य संग्रह ‘हर्फ़-ए-आवारा’ 2020 में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था. गज़लें लिखने के अलावा अभिषेक शुक्ल भारतीय स्टेट बैंक में काम करते हैं. एक कविता रोज़ में सुनिए अभिषेक शुक्ल की गज़ल. देखिए वीडियो.
एक कविता रोज़ में सुनिए अभिषेक शुक्ल की गज़ल
'मैं ख़्वाब ख़्वाब जला हूं क़सम उन आंखों की/दिखाई देता है सब कुछ मुझे अंधेरे में'
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