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तारीख: 58 हत्याएं, लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार का दोषी कौन, कोई खोज ही नहीं पाया!

नाव से मल्लाहे उतरे. उनको गोली मार दी गई. किसने मारी. पता ही नहीं चला.

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तारीख़. जिसमें हम सुनाते हैं उस तारीख़ से जुड़ी हुई भारत की ऐतिहासिक कहानियां. आज 2021 के आखिरी महीने की पहली तारीख है. मतलब 1 दिसंबर 2021. आज की तारीख का संबंध लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार से है. साल 1997 की बात है. बिहार के अरवल ज़िले में सोन नदी के किनारे एक गांव पड़ता है. नाम है लक्ष्मणपुर बाथे. जो दलित और पिछड़ी जाति के लोगों की बसावट वाला गांव है. दिसंबर की ठंड में रात के 11 बजे थे. पानी पर नाव थी और नाव पर मल्लाहे. साथ में ‘कोई नहीं’ था. कुछ देर बाद नाव किनारे लगी. मल्लाहे उतरे. और उनको गोली मार दी गई. किसने मारी? किसी ने नहीं. कुछ देर बाद लक्ष्मणपुर बाथे का भी यही हाल था. 58 निर्दोष गांव वालों की लाश गांव में पसरी हुई थी. इनमें शामिल थे 16 बच्चे. 27 औरतें.

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