अंग्रेजी में अगर Kalaignar लिखा हो तो आप उसे कैसे पढ़ेंगे? कलाइग्नार या ‘कलआयंगर’. लेकिन दरअसल इसे कलईन्यार पढ़ा जाता है.
करुणानिधि को ‘कलईन्यार’ क्यूं पुकारते थे उनके चाहने वाले?
कलईन्यार एक तमिल शब्द है, जिससे करुणानिधि के अतीत के एक इंट्रेस्टिंग फेज़ की जानकारी मिलती है!

फोटो - thelallantop
मुथुवेल करुणानिधि को उनके चाहने वाले ‘कलईन्यार’ ही पुकारते रहे हैं, और आगे भी वो लोगों के दिलों में इसी नाम से बसे रहेंगे.
लेकिन लोगों में, खास तौर पर उत्तर भारतियों में उत्सुकता है कि ‘कलईन्यार’ का मतलब क्या होता है और 94 वर्ष की आयु में इहलोक छोड़कर चले गए करुणानिधि को कलईन्यार क्यूं कहा जाता है?
इन दोनों ही प्रश्नों के उत्तर बहुत आसान और जानकारीपरक हैं. कलईन्यार एक तमिल शब्द है जो थोड़ी-बहुत हिंदी के एक शब्द ‘कलाकार’ की तरह ‘साउंड’ करता है. और दोनों का अर्थ भी एक ही है. ‘कलईन्यार’ कहो ‘कलाकार’ कहो या ‘आर्टिस्ट’ कहो.
और करुणानिधि को ‘कलईन्यार’ कहा जाता है उनके कला (ख़ास तौर पर लेखन और कविता) के प्रति प्रेम के चलते.
राजनीति में आने से पहले उन्होंने तमिल फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखी.
करुणानिधि तमिल साहित्य में उनके योगदान के लिए जाने जाते हैं. कविताएं, स्क्रीनप्ले, उपन्यास, जीवनी, संवाद और लिरिक्स. साहित्य के अलावा करुणानिधि ने कला और वास्तुकला के माध्यम से भी तमिल भाषा को समृद्ध किया है.
करुणानिधि ने स्क्रिप्ट राइटर के रूप में अपना करियर केवल 20 वर्ष की उम्र से शुरू कर दिया था. उन्होंने लगभग 40 फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी थी.
तमिल सिनेमा के शुरुआती इतिहास की सबसे प्रभावशाली फिल्मों में से एक परासकथी (1952) है, जो तमिल सिनेमा में मील का पत्थर बन साबित हुई. इसने ऐसी कई परंपराओं को तोड़ा था जो उस वक्त अस्तित्व में थीं.

करुणानिधि अपने बोल्ड संवादों के लिए जाने जाते थे. उनके डायलॉग नास्तिकता से ओतप्रोत रहते थे और ब्राह्मणवाद जैसी रूढ़ियों पर सवाल उठाते थे.
आम धारणा ये भी रही है कि जब-जब करुणानिधि ने राज्य पर शासन किया है, तब-तब तमिल सिनेमा ने उन्नति की है.
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