
मेजर जनरल इयान कारडोज़ो. फोटो - द हिन्दू
उन्हें ऐसी हालत में देख साथी सैनिक दौड़े. बटालियन हेडक्वार्टर ले जाया गया. इयान कारडोज़ो को छोड़ सब हैरान-परेशान थे. उन्होंने डॉक्टर से मॉर्फीन मांगी, ताकि दर्द कम हो सके. दुश्मन के हमलों में मॉर्फीन का सारा स्टॉक तबाह हो चुका था. ऐसा ही हाल एक और पेन किलर पेथिडीन का भी था. कारडोज़ो अपने साथी की तरफ मुड़े,
“मेरी खुखरी कहां है?"
“ये लीजिए सर.” साथी ने हाथ में खुखरी थमा दी. कारडोज़ो ने दूसरा ऑर्डर दिया,
“काटो इसे.”
साथी सन्न रह गया. पैर काटने से साफ मना कर दिया. कारडोज़ो ने ज्यादा रिक्वेस्ट नहीं की. उसी वक्त खुखरी से अपना पैर अलग कर डाला और साथी को कटा हुआ पैर थमाते हुए कहा,
“जाओ इसे कहीं दफन कर आओ.”
ऊपर आपने जो पढ़ा, वो किसी फिल्म का सीन नहीं बल्कि हकीकत थी. हां, ये बात अलग है कि ये सीन जल्द आपको एक फिल्म में दिखने वाला है.
15 अक्टूबर, 2021 को अक्षय कुमार ने ट्वीट किया,
कई बार आपकी ऐसी इंस्पिरेशनल कहानियों से मुलाकात होती है, जिन्हें आपको बनाना ही होता है. लिजेंड्री वॉर हीरो मेजर जनरल इयान कारडोज़ो की ज़िंदगी पर बनी 'गोरखा' भी ऐसी ही फिल्म है. ऐसे आइकॉन का रोल निभाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं.
अक्षय की फिल्म ‘गोरखा’ जल्द ही फ्लोर पर जाने वाली है. फिल्म में मेजर जनरल इयान कारडोज़ो की कहानी कैसे दिखाई जाएगी, वो जानने में अभी समय है. आज बताते हैं फिल्मी स्टोरी से परे उनकी रियल लाइफ स्टोरी.