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रेलवे यूनियन की शुरुआत करने वाले पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी: Ep 34

पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में जानिए भारत के चौथे राष्ट्रपति वी.वी. गिरि के पॉलिटिकल करियर के बारे में. जानिए कौन हैं भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी. जानिए वीवी गिरी के असमंजस की कहानी क्या है. पॉलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में जानिए देश की पहली रेलवे यूनियन बनाने वाले कांग्रेस नेता वीवी गिरी कैसे उसी रेलवे के पहिये रुकने का कारण भी बने. इस एपिसोड में जानिए आयरलैंड से वकालत करने के बाद कांग्रेस का नेता, लेबर मिनिस्टर, फिर गवर्नर और उसके बाद देश का उपराष्ट्रपति बनने वाले वीवी गिरी कैसे इंदिरा गाँधी का साथ देकर भारत के राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय करते हैं.

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पॉलिटिकल किस्से का ये पॉडकास्ट भारत के चौथे राष्ट्रपति वराहगिरी वेंकट गिरी या वीवी गिरी के सयासी सफर के बारे में हैं. भारत के ओडिसा के बृह्मपुर जिसे बरहमपुर भी कहा जाता है, जहाँ नब्बे के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव इस लोकसभ में आए थे. उसी बरहमपुर में जन्मे वीवी गिरी जो कभी वकालत पढ़ने आयरलैंड तक गए थे और जिन्हे तब नहीं पता था की वो एक दिन भारत के राष्ट्रपति भी बनेंगे.

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इस एपिसोड में सौरभ, तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी की बेबसी के बारे में भी बात कर रहे हैं. वीवी गिरी जिन्होंने भारत की पहली रेलवे यूनियन बनायीं थी, कैसे वो खुद देश में पहली बार भारत की रेलवे के पहिये रोकने को मजबूर हुए.

पोलिटिकल किस्से के इस एपिसोड में आप कुलदीप नय्यर की किताब बियॉन्ड द लाइन्स का एक किस्सा भी सुनेंगे. तत्कालीन राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन की मौत के बाद कैसे वीवी गिरी का परिवार राष्ट्रपति भवन में अपने अपने कमरों के लिए भगदड़ मचा रहा था. इस  एपिसोड में जानेंगे की किन परिस्थितियों में वीवी गिरी को भारत रत्न से भी नवाज़ा गया.

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