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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि– क्या, क्यों, कैसे? सब सवालों के जवाब

यूपी के मिर्जापुर में एक सांसद और उसके परिवार का नाम पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों में शामिल पाया गया, जो कि योजना की शर्तों का उल्लंघन है.

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फाइल फोटो- पीटीआई

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक सांसद के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा मिलने की खबर सामने आई. रॉबर्ट्सगंज से अपना दल के सांसद पकौड़ी लाल और उनके विधायक बेटे राहुल प्रकाश का नाम इस योजना के लाभार्थियों में शामिल है. साथ ही, उनके खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत नौ किस्तें भी जमा की जा चुकी हैं. यहां तक कि पकौड़ी लाल की पत्नी का नाम भी लाभार्थियों में दर्ज है. जबकि किसान सम्मान निधि योजना की शर्तों के तहत सांसद या विधायक भी इसके लाभकारी नहीं हो सकते.

जाहिर है ऐसे में बहुतेरे सवाल उठते हैं. क्या सरकारी योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलना इतना आसान है? क्या कोई भी लाभार्थी हो सकता है? क्या योजना ही ऐसी है या गलत या आधी जानकारी से कुछ का भला और बहुतों का नुकसान होता है? 

पीएम किसान सम्मान निधि– क्या, क्यों, कैसे?

सभी भूमि धारक किसान (landholding farmers) परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की. 24 फ़रवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे ऑफिशियली लॉन्च किया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी लाना है.

सांकेतिक तस्वीर (सोर्स: पीटीआई)

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) एक केंद्रीय स्कीम है. ऐसी योजनाओं में भारत सरकार की ओर से 100% फंडिंग मिलती है. पीएम किसान के तहत लाभार्थियों को वित्तीय मदद ट्रांसफर करने की ज़िम्मेदारी भारत सरकार की है. 

इस योजना के तहत केंद्र हर साल कुल 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करता है. माने हर चार महीने में 2000 रुपये लाभार्थियों की खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं. पहले योजना केवल उन छोटे और मार्जिनल किसान परिवारों तक सीमित थी जिनकी कुल खेती 2 हेक्टेयर या उससे कम हो. लेकिन बाद में इसमें बदलाव किए गए और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया (eligibility criteria) का दायरा बढ़ाया गया. अगर कोई किसान इन मापदंडों को पूरा करता है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है. 

सभी किसान नहीं हो सकते लाभार्थी

पीएम किसान योजना का लाभार्थी बनने के लिए कुछ शर्तों का पूरा होना जरूरी है. अगर आप इन शर्तों से उलट स्टेटस रखते हैं तो आप इस योजना के तहत लाभार्थी नहीं हो सकते. यानी हरेक किसान को योजना का लाभ नहीं मिलेगा. नीचे दी गई श्रेणियों से जुड़े किसान परिवार पीएम किसान योजना के लिए एलिजिबल नहीं हैं:

- संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान धारकों से संबंधित किसान परिवार इस योजना को प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हैं.
- लोकसभा/राज्य सभा/वर्तमान राज्य/केंद्रीय मंत्रियों के वर्तमान सदस्यों, राज्य विधानसभाओं के सदस्यों, राज्य विधान परिषद, नगर निगम के वर्तमान महापौरों और जिला पंचायतों के अध्यक्ष से जुड़े किसानों के परिवार सभी इसके लिए पात्र नहीं होंगे.

सांकेतिक तस्वीर (सोर्स:पीटीआई)

- यदि किसान परिवार सर्विसिंग या सेवानिवृत्त अधिकारियों से संबंधित हैं, राज्य और केंद्र सरकार के क्षेत्रों में नौकरी करते हैं, सरकार से संबद्ध स्वायत्त संस्थान के कर्मचारी हैं, तो इस योजना के लिए पंजीकरण नहीं करा सकते. 
- लगभग 10,000/- प्रतिमाह पेंशन प्राप्त करने वाले सभी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों से जुड़े किसान इस योजना का लाभ लेने के पात्र नहीं होंगे.
- वे सभी लोग जिन्होंने पिछले साल आयकर का भुगतान किया था, वे भी पात्र श्रेणी में नहीं हैं.
- वकील, डॉक्टर, शिक्षक, इंजीनियर, लेखाकार, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर और अन्य व्यवसायों में शामिल लोग योजना की लाभार्थी श्रेणी में नहीं आते हैं.

कैसे करें योजना के लिए अप्लाई?

अगर आप ऊपर बताई गई श्रेणी में नहीं आते हैं और एक भूमिधारक किसान हैं तो आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभ पाने के लिए ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं. इसके लिए:

- सबसे पहले, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmkisan पर जाएं.
- फिर होम पेज दिखाई देगा, उस पर ‘फार्मर्स कार्नर’ दिखाई देगा.
- इसी कार्नर में आपको एक और ऑप्शन दिखेगा. ‘न्यू फार्मर्स रजिस्ट्रेशन’ मतलब ‘नया किसान पंजीकरण.’
- उस विकल्प पर आप क्लिक कीजिए.

स्क्रीनशॉट (सोर्स: पीएम-किसान पोर्टल) 

- फिर आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर एक नया पंजीकरण फॉर्म दिखाई देगा.
- इस पंजीकरण फॉर्म में आपको अपनी निजी जानकारी, जैसे आधार नंबर, फोन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर वगैरह सहित सभी आवश्यक विवरण और दस्तावेज़ सबमिट करने होंगे. सब डाक्यूमेंट्स अपलोड करने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें. 
- इस बटन पर क्लिक करने के बाद आपका पंजीकरण फॉर्म सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा और आप नजदीकी साइबर कैफे से इसका प्रिंटआउट प्राप्त कर सकते हैं. 
- रजिस्ट्रेशन के लिए अब ऐप भी उपलब्ध है. साथ ही, सर्विस सेंटरों में खुद जाकर भी पंजीकरण कराया जा सकता है.

सांकेतिक तस्वीर (सोर्स: पीटीआई)
योजना से जुड़ी कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारियां

- लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की होती है.
- गलत लोगों के खातों में किस्त चली जाए तो? उसके लिए भी उपाय है. अपात्र लाभार्थी (ineligible beneficiaries) के मामले में वसूली तंत्र को बहुत सहज और पारदर्शी बनाया गया है. इसके लिए राज्य द्वारा डिमांड ड्राफ्ट या भौतिक चेक जमा करने की जरूरत नहीं है. इस प्रक्रिया में राज्य के नोडल विभाग के खाते से केंद्र सरकार के खाते में ऑटो ट्रांसफर होता है. इस वजह से ये प्रक्रिया बहुत कुशल और कम समय लेने वाली बन गई है.

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