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क्या होता है ये pH, जिसकी कमी से आपका शरीर तेज़ाबी हो सकता है

सलमान माधुरी के लिए 'इमली के बदले बताशे' नहीं लाता, अगर उसे ‘पीएच स्केल’ के बारे में पता होता.

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सलमान माधुरी के लिए 'इमली के बदले बताशे' नहीं लाता, अगर उसे ‘पीएच स्केल’ के बारे में पता होता.
गूगल ने आज एक मज़ेदार इंटरेक्टिव डूडल बनाया है. जो एक क्विज़ की तरह है. इंटरेक्टिव का मतलब होता है जिसमें आप भी अपने इनपुट्स दे सकते हो, और आपके इनपुट्स के आधार पर ही डूडल अपना दूसरा स्टेप लेगा. कोई टीवी सीरियल या फ़िल्म नॉन-इंटरेक्टिव होती है और कोई वीडियो गेम इंटरेक्टिव होता है. 
तो इस इंटरेक्टिव डूडल में आपको एक वैज्ञानिक (एस पी एल सोरेनसन) द्वारा बारी बारी से 6 चीज़ें दिखाई जाएंगी – टमाटर, अंडा, ब्रोकली, नींबू, लिक्विड सोप और बैटरी.
इन्हें आपने ड्रैग करके लेफ्ट या राईट में रखना है. यदि आप इन्हें सही जगह पर रख देते हैं तो गेम ख़त्म हो जाता है और इसके बाद इस गेम को शेयर करने का या फिर इसके बारे में सर्च करके और जानने का विकल्प आता है.
ऑफिस के मेरे एक कुलीग का कहना है कि इतना टेक्निकल और इंट्रेस्टिंग डूडल इससे पहले कभी नहीं देखा. और मैंने भी पिछले कुछ डूडल याद करने का प्रयास किया तो मुझे भी ऐसा ही लगा. तो चलिए आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
गूगल डूडल (29.05.18)
गूगल डूडल (29.05.18)

एस पी एल सोरेनसन का आज यानी 29.05.18 को न बड्डे है न पुण्य तिथि. उनका जन्म हुआ था डेनमार्क के छोटे से गांव हेवरबजर्ग में 9 जनवरी, 1868 को और उनकी मृत्यु हुई थी डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में 12 फ़रवरी, 1939 को.
तो यूं, अभी किसी को क्लियर नहीं है कि आज के दिन ही इस डूडल को लांच करने/दिखाने के पीछे गूगल की क्या मंशा रही थी. जहां गूगल अपने बाकी के डूडल में – ‘अमुक का जन्मदिन’ या ‘अमुक के/को एक सौ पचास साल’ आदि लिखता है वहीं इस वाले डूडल में उन्होंने लिखा है – ‘एस पी एल सोरेनसेन का जश्न’.
आपको एक और इंट्रेस्टिंग बात बताते हैं. गूगल के कुछ डूडल एक से अधिक क्षेत्रों में दिखते हैं, जबकि कुछ केवल एक ही क्षेत्र या देश में. जैसे कुछ ही दिनों पहले, यानी 22 मई को, राजा राममोहन राय के ऊपर बना डूडल केवल भारत में ही देखा जा सकता था.
जहां एक तरफ एसपीएल वाले डूडल की पहुंच आधी दुनिया तक थी वहीं राजा राम मोहन राय जी का डूडल केवल भारत के लिए था
जहां एक तरफ एसपीएल वाले डूडल की पहुंच आधी दुनिया तक थी वहीं राजा राम मोहन राय का डूडल केवल भारत के लिए था

वहीं सोरेनसेन का आज वाला डूडल भारत के अलावा कनाडा, अमेरिका, यूके, कोलंबिया, वेलेजुएला, बोलीविया, यूके जर्मनी, स्वीडन, फ्रांस, डेनमार्क, क्यूबा, ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैण्ड सहित कई अन्य देशों में देखा जा सकता है.
सोरेनसेन इतिहास में प्रसिद्ध हैं अपने दिए गए स्केल के चलते. जैसे आवाज़ की तीव्रता को नापने के लिए ‘डेसिबल’ नाम का स्केल होता है, करंट नापने के लिए ‘एंपियर’ का स्केल होता है, वैसे ही किसी भी पदार्थ की अम्लीयता या क्षारीयता नापने के लिए पीएच (pH) स्केल होता है.
सोरेनसेन ने 1901 से 1938 तक कोपेनहेगन में कार्ल्सबर्ग प्रयोगशाला में रासायनिक विभाग के निदेशक के रूप में कार्य किया. ये एक शराब बनाने वाली कंपनी की प्रयोगशाला थी जिसकी बीयर आज भी विश्व प्रसिद्ध है. यहीं रहते हुए उन्होंने pH स्केल बनाया.
कोपेनहेगन की कार्लस्बर्ग
कोपेनहेगन की कार्लस्बर्ग

उनकी दूसरी पत्नी मार्गरेट भी एक वैज्ञानिक थीं और सोरेनसेन को अपने कामों में मार्गरेट की पूरी सहायता मिलती रही.


# pH क्या है?

pH स्केल, किसी सोल्यूशन की अम्लता या क्षारता नापने का स्केल है. pH का शाब्दिक अर्थ होता है पोटेंशियल ऑफ़ हाइड्रोजन यानी हाइड्रोजन की शक्ति या हाइड्रोजन का सामर्थ्य.
लेकिन एक आम जन की भाषा में कहें तो किसी सोल्यूशन या घोल में जितने कम हाइड्रोजन के आयन होंगे उस घोल की pH वैल्यू उतनी ही ज़्यादा होगी (कम नहीं). यानी हाइड्रोजन के जितने कम आयन हाइड्रोजन की पॉवर, (pH) उतनी ही अधिक.
और जिस घोल की pH वैल्यू जितनी अधिक होगी वो उतना ज़्यादा क्षारीय होगा. यानी 14 pH वाला घोल सबसे ज़्यादा क्षारीय होगा. वहीं 7 pH वाला सोल्यूशन या घोल न्यूट्रल होगा. और अगर किसी घोल का pH 7 से भी कम होता रहे तो घोल अम्लीय होता चला जाएगा. 0 pH वाला घोल सबसे अधिक अम्लीय होगा.
तो और आसान भाषा में कहें तो जैसे-जैसे किसी घोल की pH वैल्यू बढ़ती जाती है वो अम्लीय से न्यूट्रल और न्यूट्रल से क्षारीय होता चला जाता है.
25 डिग्री सेंटीग्रेट में पानी न्यूट्रल होता है. बाकी यदि आप गूगल-डूडल वाला खेल खेलेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि –
"attachment_126561" align="alignnone" width="800"एस पी एल सोरेनसेन
एस पी एल सोरेनसेन

बियर जैसे उच्च-फास्फोरस वाले पेय से बचा जाना चाहिए. सोडा वाली कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरस अधिक होता है. इसलिए इसे अवॉयड करें. अगर शराब पीनी ही है तो निम्न-फास्फोरस वाली शराब जैसे रेड या वाइट वाइन आपके लिए मुफ़ीद होगी. ये बात बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि अम्लीय भोजन से हड्डियां कमज़ोर तो बेशक होती हैं लेकिन कई रिसर्च के बाद पता चला है कि क्षारीय भोजन इनको मज़बूत करने में कोई योगदान नहीं करता.
मतलब ये कि क्षारीय आहार एक स्वस्थ विकल्प है. और हां, हमारी हैडिंग की इमली एसिडिक है, इसलिए ही तो खट्टी है. जबकि बताशे की कोई भी pH वैल्यू नहीं होती. वो जिसमें घुलता है, उसकी pH वैल्यू ग्रहण कर लेता है.



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