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हरियाणा की लड़कियां, कुश्ती नहीं लड़ेंगी तो जियेंगी कैसे?

वो जगह जहां सेक्स रेशियो सबसे कम है, जहां 'मैं हूं बलात्कारी' गाने वाले रैपर रोल मॉडल हैं, वहां की लड़की ने कुश्ती में जीता मेडल.

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हरियाणा में लड़कियों के पास पहलवान बनने के अच्छे खासे कारण हैं या यूं कहें कि पहलवान बनने के अलावा बहुत कम विकल्प हैं. लड़कियों की कम संख्या के लिए कुख्यात हरियाणा से ओलंपिक में कुल 21 खिलाड़ी गए हैं जिनमें 11 लड़कियां हैं.
ये खबर देखिए 11 अप्रैल की है और वहां की है जहां से विनेश और बबीता पहलवान हैं.  चरखी दादरी, ज़िला भिवानी-
'कॉलेज के सामने बाइक पर सवार होकर लड़कियों के साथ छेड़खानी रोकने के लिए पुलिस की एक पीसीआर कॉलेज के आगे तैनात कर दी गई है।

प्रिंसिपल ने बताया कि कोई छेड़खानी करता है तो उसके अभिभावकों को शिकायत दी जाएगी, दूसरी शिकायत आती है तो लड़के का कॉलेज से नाम काट दिया जाएगा। छात्राओं ने बताया कि मनचले राह चलती लड़की का हाथ पकड़ प्रपोज कर देते हैं। लड़की जवाब नहीं देती तो लड़के थप्पड़ मारकर भाग जाते हैं। लड़कियों की फोटो को फोटोशॉप कर किसी भी लड़के के साथ जोड़ पोस्टर बना दीवारों पर लगा देते हैं। कुछ समय पहले एक लड़के ने एक लड़की के कपड़े फाड़ दिए थे।'

और ये खबर 4 मई की है हरियाणा के रेवाड़ी से -
'रेवाड़ी के गांव सूमाखेड़ा व कतोपुरी की करीब
50
छात्राओं ने लड़कों की छेड़छाड़ से परेशान होकर स्कूल जाना छोड़ दिया है। इन छात्राओं में
2
कबड्डी खिलाड़ी भी शामिल हैं।
18
अप्रैल को
9
वीं कक्षा की एक छात्रा का अपहरण किया गया और एक व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया
और दो अन्य लोगों ने आरोपी का सहयोग किया। इसके बाद सूमा खेड़ा व कतोपुरी की छात्राओं ने स्कूल जाना बंद कर दिया।
 
तीन दिन पूर्व जाटूसाना गांव स्थित स्कूल से लौट रही एक छात्र के साथ अश्लील हरकत की गई। नहर पर नहा रहे कुछ युवकों ने इस छात्रा के सामने ही कपड़े उतार दिए।'

ये कोई एक-दो घटनाएं नहीं. हरियाणा में स्कूल-कॉलेज जाने वाली ज्यादातर छात्राओं की रोज़मर्रा की घटनाएं हैं. हरियाणा में लड़कियों के लिए छेड़खानी की बड़ी घटना झेले बिना पढ़ाई-लिखाई कर जाना ओलंपिक मेडल लाने जितना ही कठिन है.
Vinesh Phogat
विनेश फोगट

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की सरकारी कोशिश फाइलों में जारी है. सरकार इसे ‘बिजली बचाओ’ अभियान की तरह ही ले रही है. हरियाणा के राजनीतिक दल लड़कों के रोल मॉडल बने रैपरों जो ‘राह चलता पकडूं मैं नारी, मैं हूं बलात्कारी’
छाप गाने गाते हैं उनसे चुनाव प्रचार करवा रहे हैं.
साक्षी के दादा पहलवान रहे हैं और विनेश के पिता ने लोगों के खिलाफ जा अपने परिवार में 5 बेटियों को पहलवान बनाया है. वो जानते हैं कि ऐसे समाज में लड़कियो के लिए खेल एक तरह से मुक्ति मार्ग है.
वो जानते हैं ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ठीक है पर ‘बेटी को पहलवान बनाओ’ ही एक रास्ता है जिससे बेटी बचेगी भी और पढ़ेगी भी.
Sakshi Malik
साक्षी मलिक