अजीब तो ये है कि जिस इंसान ने मेरे साथ ये सब किया, उसे फिल्म और टेलिविजन इंडस्ट्री का सबसे 'संस्कारी' आदमी समझा जाता है.

अपनी पोस्ट के आखिर में विंता ने हाइलाइट करके संस्कारी लिखा है. ये शब्द आलोक नाथ के लिए बड़ा इस्तेमाल होता है.
आलोक नाथ और तारा की लीड एक्ट्रेस में पहले भी विवाद हुआ था ये 'संस्कारी' शब्द ही है, जिसकी वजह से लोग आलोक नाथ को इस मामले से जोड़ रहे हैं. और भी चीजें हैं, जो बताती हैं कि विंता ने जिस आदमी के बारे में लिखा है वो आलोक नाथ ही हैं. ये तारा सीरियल 1993 में ज़ी टीवी पर शुरू हुआ था. 1997 में ये खत्म हुआ. इसकी लीड ऐक्ट्रेस थीं नवनीत निशान. इसमें आलोक नाथ भी थे, जिन्होंने दीपक सेठ का किरदार निभाया था. 1994 में दिए गए एक इंटरव्यू में आलोक नाथ ने कहा था कि नवनीत ड्रग्स लेती हैं. इस पर नवनीत ने उनके ऊपर एक करोड़ का दावा ठोक दिया था. नवनीत ने तब कहा था-
मैं आज जहां हूं, वहां तक पहुंचने के लिए मैंने आठ साल मेहनत की है. मैं नहीं चाहती कि कोई शराबी मेरी मेहनत पर पानी फेर दे.
His wife was my best friend. We were in and out of each other’s homes, we belonged to the same group of friends, most...
Posted by Vinta Nanda
on Monday, October 8, 2018
उसकी पत्नी मेरी बेस्ट फ्रेंड थी. हम एक-दूसरे के घर जाया करते थे. हमारे दोस्तों का ग्रुप एक सा था. ज्यादातर लोग थियेटर से थे. 1990 के दशक में जब सैटेलाइट टीवी का चलन बढ़ा, उसकी वजह से पैदा हुए मौकों में अपनी कला दिखाने की कोशिश में लगे थे हम लोग. उस समय टीवी का नंबर वन शो था तारा. मैं ये सीरियल बना रही थी. वो आदमी इस सीरियल में मुख्य किरदार निभा रही लड़की के पीछे पड़ा था. मगर लड़की को उसमें दिलचस्पी नहीं थी. वो शराबी था. बेशर्म था. बेहूदा था. लेकिन उस वक्त वो टीवी का बड़ा मशहूर चेहरा भी था. इसीलिए उसके बुरे बर्ताव को लोगों ने माफ कर दिया. बल्कि कई लोग तो उसे और बदतर होने के लिए उकसाते थे, बढ़ावा देते थे.विंता की कहानी यहीं पर खत्म नहीं हुई. अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि इन सबके बाद वो टूट गईं. उन्होंने लिखना जारी रखा, लेकिन डायरेक्शन वगैरह में दोबारा कोशिश करने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं. इस बात को लगभग 20 साल गुजर चुके हैं. वो अब ठीक हैं. मगर वो लोगों के सामने बोलने से डरती हैं. खूब सारे लोगों के सामने घंटों बोलने की आदत थी उनको, लेकिन अपने साथ हुई चीजों ने उन्हें इस कदर तोड़ दिया कि अब वो ऐसा नहीं कर पाती हैं. उनका कहना है कि इतने सालों बाद सच लिखने की हिम्मत जुटाई है उन्होंने. ताकि कोई और लड़की कभी डरकर चुप न रहे. क्योंकि चुप रहने की वजह से उनके साथ और बुरा हुआ. उनकी प्रफेशनल लाइफ खराब हो गई. अपने डर और तकलीफ से सामना करने के लिए वो तकरीबन रोज शराब पीने लगीं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ है, तो चुप न रहें.
मेरी लीड एक्ट्रेस को उसने तंग किया. वो सीरियल के सेट पर उस लड़की को परेशान करता और वहां मौजूद लोग सब देखकर भी चुप रहते. जब उस लड़की ने हमसे शिकायत की, तो हमने तय किया कि उस आदमी को सीरियल से हटा दें. हमें उसके और लीड एक्ट्रेस के बीच बस एक आखिरी सीन शूट करना था. हमने तय किया कि वो सीन लेने के बाद हम उसे बता देंगे कि अब हम उसके साथ काम नहीं करना चाहते. उस आदमी को हमारे इरादों की भनक लग गई. उस दिन वो शराब पीकर सेट पर आया. जब तक उसे सीन की शूटिंग के लिए नहीं बुलाया गया, तब तक वो लगातार पीता ही रहा. जब सीन की शूटिंग शुरू हुई और कैमरा ऑन हुआ, तब उस आदमी ने लीड एक्ट्रेस को बहुत बदतमीजी से छुआ. एक्ट्रेस ने उसे थप्पड़ मारा. हमने उस आदमी को सेट से चले जाने को कहा. उसे ये भी बता दिया कि अब वो सीरियल में नहीं है.
शो उसके बिना चलता रहा. हमारे दोस्तों ने हमारे बीच चीजें ठीक करवाने की कोशिश की. शो अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर चैनल का मैनेजमेंट बदल गया. उन्होंने हमसे कहना शुरू किया कि शो की लीड एक्ट्रेस को बदलो. हमने कहा, हम ऐसा नहीं कर सकते. मगर फिर मैनेजमेंट ने कहा कि सीरियल में कहानी आगे बढ़ाएं और जनरेशन बदल दें (मतलब मौजूदा करेक्टर्स को बूढ़ा कर दें). उन्होंने कहा, तारा के करेक्टर को जवान बना दो. वो एकाएक कहानी में आएगी और बाद में पता चलेगा कि वो तारा की बेटी है. कहानी को ये रूप देने का मतलब था कि हमारी ऑरिजनल तारा भी सीरियल में बनी रहेगी. हमने सीरियल में ये बदलाव करने के लिए हामी भर दी. हमारे पास चारा ही क्या था.
मगर इस नई कहानी की शूटिंग शुरू होने से एक दिन पहले मैनेजमेंट की तरफ से बताया गया कि जिस लीड ऐक्टर (वही बदतमीज आदमी) को हमने निकाला था, उसे वापस शो में लाना होगा. हमें ऐसा करना पड़ा. हमारे इनकार करने या विरोध करने का कोई मतलब नहीं था. उसी चैनल पर हमारे चार और शो चल रहे थे. सबकी रेटिंग काफी अच्छी थी. अगर हम मैनेजमेंट की बात नहीं मानते, तो उन चारों सीरियल्स पर भी असर पड़ता. तारा की वो नई पीढ़ी वाली कहानी शूट हुई. एक हफ्ते तक चली भी. फिर सोमवार आया और चैनल के नए CEO ने हमें मिलने बुलाया. उसने कहा, शो बंद करो. बस 'तारा' नहीं, बल्कि बाकी चारों सीरियल्स को भी बंद करने कहा. उस CEO ने मेरी बेइज्जती की. मुझे दफ्तर से बाहर निकल जाने को कहा. उसने कहा कि मेरे जैसी औरतों को देश के बाहर निकाल फेंकना चाहिए. हमारे सारे सीरियल्स तुरंत बंद कर दिए गए. मेरी प्रॉडक्शन कंपनी भी बंद हो गई. मगर बदतर होना अभी बाकी था.
मुझे अपनी जिंदगी से प्यार था. मैं कामयाब महिला था. मैं सिगरेट पीती थी. शराब पीती थी. मैं आजाद थी. मुझे इस आदमी ने अपने घर पार्टी में बुलाया. उसकी पत्नी, यानी मेरी बेस्ट फ्रेंड शहर से बाहर गई हुई थी. थियेटर के हमारे दोस्तों में ऐसी पार्टियां आम थीं. इसीलिए मेरा उस पार्टी में जाना नॉर्मल सी बात थी. शाम ढलती गई, पार्टी बढ़ती गई. मेरी ड्रिंक्स में छेड़छाड़ की गई. मुझे अजीब सा महसूस हुआ. रात के तकरीबन दो बजे मैं उसके घर से निकल गई. कोई मेरे पीछे नहीं आया, ये देखने कि मैं ठीक हूं कि नहीं. किसी ने मुझे घर ड्रॉप करने का ऑफर नहीं दिया. ऐसा आमतौर पर होता नहीं था. मैं बस जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहती थी. मुझे लग रहा था कि वहां और रुकना सही नहीं होगा.
मैं खाली सड़क पर चलकर घर जा रही थी. जबकि मेरा घर वहां से दूर था. रास्ते में मुझे ये आदमी मिला. वो अपनी कार में था. उसने कहा वो मुझे मेरे घर छोड़ देगा. मैंने उस पर यकीन किया और कार में बैठ गई. उसके बाद की चीजें मुझे धुंधली याद हैं. मुझे इतना याद है कि मुझे जबरन और शराब पिलाई गई. मुझे याद है कि मेरे साथ गलत हुआ. अगले दिन दोपहर में मेरी नींद खुली. मुझे दर्द हो रहा था. न केवल मेरे साथ बलात्कार हुआ था, बल्कि मुझे मेरे ही घर ले जाकर मुझ पर ज्यादती की गई थी. मैं बिस्तर से उठ नहीं पा रही थी.
मैंने कुछ दोस्तों को ये बात बताई. उन्होंने कहा कि मैं इसे भूलकर आगे बढ़ूं. मेरी प्रॉडक्शन कंपनी तो बंद ही हो चुकी थी. लेकिन फिर मुझे प्लस चैनल पर एक सीरियल की कहानी लिखने और उसे डायरेक्ट करने का काम मिल गया. उस आदमी को भी उस शो के लीड ऐक्टर्स में जगह मिल गई. उसने ऐसा माहौल बनाया कि मुझे डर लगने लगा. मैंने प्रड्यूसर्स से कहा कि मैं अब उस सीरियल को डायरेक्ट नहीं करना चाहती. क्योंकि मैं उस आदमी के आस-पास भी नहीं मौजूद रहना चाहती. मैंने डायरेक्शन छोड़ दिया, लेकिन सीरियल लिखने का काम करती रही.
आज के जमाने में अगर कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है, तो पुरुष का इस पर कुछ भी कहना मायने नहीं रखता. मैं विंता को अच्छे से जानता हूं. इस वक्त मैं इस मामले पर चुप ही रहना चाहूंगा. उनको अपनी बात कहने का हक है. सही क्या है, ये वक्त आने पर सामने आ जाएगा. फिलहाल तो मैं इस बात को पचाने की कोशिश में लगा हूं. इसपर कमेंट मैं बाद में करूंगा.
लोगों का यौन शोषण करने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है
















.webp)

.webp)

