अमेरिकी फेडरल रिज़र्व (US Federal Reserve) ने सितंबर 2025 में अपनी ब्याज दरों (US Interest Rate) में 0.25% की कटौती की है. यह दिसंबर 2024 के बाद पहली बार है जब फेड ने दरें घटाई हैं. अब फेडरल फंड्स रेट 4.00–4.25% हो गया है. इस कदम का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy), रुपया (Rupee), शेयर बाजार (Stock Market), RBI और विदेशी निवेश (FII/FDI) पर पड़ेगा.
US Fed Rate Cut: भारतीय रुपया, शेयर बाजार और RBI पर होंगे 5 बड़े असर, शुभ संकेत या खतरे की घंटी?
US Federal Reserve Rate Cut: अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने सितंबर में 0.25% की ब्याज दर कटौती कर दी है. यह फैसला दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका और महंगाई के बीच लिया गया है. अब सवाल यह है कि भारत पर इसका असर कैसा होगा? क्या रुपया मजबूत होगा, शेयर बाजार चढ़ेगा और विदेशी निवेश बढ़ेगा? या फिर कच्चे तेल की कीमतें और महंगाई भारत के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेंगी?


एक-एक करके भारत पर पड़ने वाले 5 बड़े असर के बारे में जानते हैं-
1. रुपये और डॉलर पर असरजहां तक रुपये पर पड़ने वाले असर का सवाल है तो यहां हालात भारत के लिए बेहतर होंगे. US Fed Rate Cut के बाद डॉलर इंडेक्स कमजोर हो सकता है. इसका फायदाा भारतीय रुपये (INR) को मिलेगा. विदेशी निवेशक डॉलर से पैसा निकालकर भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश कर सकते हैं. इससे रुपया डॉलर के मुकाबले स्थिर या और मजबूत रह सकता है.
दर कटौती से ग्लोबल लिक्विडिटी (Global Liquidity) बढ़ेगी, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर होगा. जिसके असर को दो तरीके से देखा जा सकता है.
- IT, बैंकिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर में तेजी देखी जा सकती है.
- सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex, Nifty) को शॉर्ट टर्म में मजबूती मिलेगी.
हालांकि, अगर अमेरिका में मंदी (Recession) गहराई तो अस्थिरता भी बनी रह सकती है.
3. RBI की मौद्रिक नीति पर दबावभारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) फिलहाल महंगाई (Inflation) नियंत्रित करने पर केंद्रित है. लेकिन Fed Rate Cut के बाद RBI पर भी रेपो रेट (Repo Rate) घटाने का दबाव बढ़ सकता है. अगर महंगाई काबू में रही तो RBI भी ब्याज दरों में नरमी ला सकता है, जिससे लोन सस्ता होगा और निवेश बढ़ेगा.
अमेरिका में ब्याज दरें घटने से वहां बॉन्ड यील्ड कम होंगे. निवेशक ज्यादा रिटर्न पाने के लिए भारत जैसे देशों में निवेश करेंगे. इससे FII inflows बढ़ेंगे और शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी. साथ ही FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) भी बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आ सकता है.
5. भारत की ग्रोथ स्टोरी को समर्थनभारत पहले से ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. Fed की दर कटौती से अगर वैश्विक मंदी टलती है तो भारत की एक्सपोर्ट डिमांड को सहारा मिलेगा. इससे GDP ग्रोथ (India GDP Growth) मजबूत रहेगी. विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर और बढ़ेगा.
6. महंगाई और कच्चे तेल पर असर (Bonus Impact)दर कटौती से वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की मांग बढ़ सकती है. अगर कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Prices) ज्यादा बढ़ीं तो भारत की महंगाई (Inflation) पर दबाव आ सकता है. ऐसे में RBI को संतुलित नीति अपनानी होगी.
सौ बात की एक बातUS Fed Rate Cut का भारत पर कम से कम 5 बड़े असर दिखेंगे.
- रुपया मजबूत होगा.
- शेयर बाजार को सहारा मिलेगा.
- RBI की नीति पर दबाव बढ़ेगा.
- FII और FDI निवेश में तेजी आएगी.
- भारत की GDP ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
कुल मिलाकर, यह कदम भारत के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसका फायदा कितना टिकाऊ होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति और वैश्विक महंगाई पर निर्भर करेगा.
वीडियो: GST घटी, Royal Enfield, Hero और Bajaj... कौन- कौन सी बाइक हुई सस्ती?