इस बार भी कुछ ऐसे खिलाड़ी निकले हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में बड़ा दम दिखाया. हमने परफॉर्मेंस और फैक्ट के बेसिस पर अलग-अलग टीमों से ऐसे पांच नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं, जो आगे चलकर क्रिकेट वर्ल्ड में ‘नेक्स्ट बिग थिंग’ बनने का दम रखते हैं.
इन्हीं पांच नाम पर बात करते हैं...
यशस्वी जायसवाल (भारत): 133.33 की एवरेज
59, 29 नॉटआउट, 57 नॉटआउट, 62, 105 नॉटआउट, 88.
ये स्कोर रहे यशस्वी जायसवाल के अंडर-19 वर्ल्ड कप की छह पारियों में. यशस्वी टीम इंडिया के ओपनर हैं. उम्र 18 साल. लेफ्ट हैंडेड बैट्समैन. पार्टटाइम लेगब्रेक बॉलिंग भी कर लेते हैं. यशस्वी ने पूरे टूर्नामेंट में 133.33 की एवरेज से 400 रन बनाए. छह में से तीन इनिंग तो आउट ही नहीं हुए. चार हाफसेंचुरी, एक सेंचुरी.
यशस्वी टूर्नामेंट के टॉप-स्कोरर रहे. प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी बने. दबदबा इतना कि इस लिस्ट में नंबर-2 वाला खिलाड़ी उनसे 114 रन पीछे रह गया. यशस्वी का यहां तक आने का स्ट्रगल
उनकी अचीवमेंट को कुछ और कद दे देता है.
पिछले अंडर-19 वर्ल्ड कप ने भारत को राइट हैंडेड ओपनिंग टैलेंट दिया था- पृथ्वी शॉ. यशस्वी भी इस शुरुआत को कैपिटलाइज कर ले गए, तो समझिए मज़ा ही आ जाएगा.
बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने 10 ओवर में 30 रन देकर चार विकेट लिए. तीन ओवर मेडन फेंके. 177 का टारगेट डिफेंड करने उतरी टीम इंडिया के लिए पहले चार विकेट बिश्नोई ने ही लिए. एक वक्त तो लगा था कि टीम कमाल कर जाएगी. लेकिन बांग्लादेश वाले भी तो खेलने ही उतरे थे न, तो खेल गए.
खैर, बिश्नोई पूरे टूर्नामेंट में चले. छह मैच में 17 विकेट लिए. सबसे ज्यादा. 5 रन देकर चार विकेट बेस्ट परफॉर्मेंस. ऑन एवरेज देखा जाए तो हर 18वीं गेंद पर एक विकेट, हर 11 रन देने के बाद एक विकेट.
रवि के पास गुगली और फ्लिपर की अच्छी रेंज है. एक स्पिनर के लिहाज से उनकी रफ्तार भी बाकियों से ज्यादा रहती है. कभी-कभी 90 kmph से आगे निकल जाते हैं. यही सब वजहें थीं कि अंडर-19 टीम के कोच रह चुके राहुल द्रविड़ ने रवि से कहा था कि- तुम कुछ-कुछ अनिल (कुंबले) जैसे हो.

रवि बिश्नोई ने टूर्नामेंट में छह मैच में 17 विकेट लिए. (फोटो- ANI)
रविंदु रसांथा (श्रीलंका) : टूर्नामेंट के दूसरे टॉप स्कोरर
श्रीलंका के बैट्समैन रविंदु रसांथा ने टूर्नामेंट की शुरुआत भारत के खिलाफ 49 रन की पारी से की और टूर्नामेंट खत्म किया छह मैच में 286 रन के साथ. एक सेंचुरी, एक हाफ सेंचुरी और 71 का एवरेज.
इंग्लैंड के खिलाफ जो मैच हारकर श्रीलंका की टीम वर्ल्ड कप से बाहर हुई, उस मैच में भी रसांथा अच्छा खेले. पूरी टीम ने 127 रन बनाए, जिनमें से 66 रन रसांथा ने ही बनाए.
श्रीलंकाई क्रिकेट की इस वक्त जो हालत है, उस हिसाब से रसांथा जैसे खिलाड़ियों की अच्छी ग्रूमिंग सीनियर टीम की मुश्किलें कम कर सकती है. खासकर 2024 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए.
शफीकुल्लाह गफारी (अफगानिस्तान) : बिश्नोई से बस एक विकेट कम रह गया
अफगानिस्तान के शफीकुल्लाह गफारी ने वर्ल्ड कप में पांच मैच खेले और 16 विकेट लिए. यानी टूर्नामेंट के टॉप विकेट टेकर रवि बिश्नोई से सिर्फ एक विकेट कम. फिर शफीकुल्लाह ने रवि से एक मैच भी तो कम खेला.
स्ट्राइक रेट तो बिश्नोई से भी अच्छा रहा. एवरेज हर 17वीं गेंद पर विकेट लिया. इकोनॉमी रेट सिर्फ 2.45 रन का रहा. साउथ अफ्रीका के खिलाफ गफारी ने 15 रन देकर छह विकेट लिए थे. साउथ अफ्रीका के ही खिलाफ नॉकआउट मैच में गफारी ने फिर चार विकेट लिए.
अफगानिस्तान के पास यूं भी राशिद खान, मुजीब और नबी जैसे स्पिनर्स हैं. नई-नई टीम तैयार कर रहे अफगानिस्तान के लिए गफारी का आना बेंच स्ट्रेंथ को मजबूती देने वाली बात हो जाएगी.
अकबर अली (बांग्लादेश) : विकेटकीपर-बैट्समैन और फिनिशर
अकबर अली ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश की कैप्टेंसी की. अब तो वर्ल्ड चैंपियन कैप्टन बन गए हैं. अकबर का नाम ना तो टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर में है और विकेट टेकर्स में तो हो नहीं सकता क्योंकि विकेटकीपर हैं.
फिर इस लिस्ट में नाम क्यों है? एक इनिंग के दम पर. इनिंग फाइनल मैच वाली. 62 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद अकबर बैटिंग करने आए. स्कोर 65 पर चार, 85 पर पांच, 102 पर छह होता गया, बांग्लादेशी कप्तान टिका रहा.
अंडर प्रेशर गज़ब की बैटिंग. 77 गेंद पर 43 रन नॉटआउट. वर्ल्ड कप फाइनल में 145 मिनट बैटिंग की और बांग्लादेश को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाकर ही लौटे. कहने की बात नहीं है कि कप्तानी की हुनर भी अगले में है ही.

अकबर अली ने फाइनल में नॉटआउट 43 रन बनाए (फोटो- (फोटो- ANI)
बांग्लादेश के लिए ये विकेटकीपर-बल्लेबाज बड़ी उम्मीद साबित हो सकता है.
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