The Lallantop

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कहानी जहां से सुनीता विलियम्स लौट आई हैं, 9 महीने क्यों लग गए?

International Space Station Explained: आखिर ऐसा क्या हुआ था जो Sunita Williams की 8 दिनों की ट्रिप, 9 महीने की आफत में बदल गई? कैसे एलन मस्क की कंपनी स्पेस X, इस समस्या का निपटारा करने में कामयाब हुई?

Advertisement
post-main-image
सुनीता विलियम्स 19 मार्च को धरती पर लौट आई हैं. (फ़ोटो - AP)

नासा (NASA) के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद धरती पर लौट आए हैं. भारतीय समयानुसार सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट (Dragon Spacecraft) उन्हें लेकर मैक्सिको की खाड़ी में उतरा. इसके बाद से ख़ुशियां मनाई जा रही हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

लेकिन इससे लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. मसलन, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) क्या है, जहां दोनों फंसे थे? दोनों के लौटने में 9 महीने क्यों लग गए? स्पेसX ने उन्हें कैसे निकाला और उनके शरीर में क्या बदलाव हो सकते हैं?

शुरुआत से समझते हैं

साल 1869. हवाई जहाज की पहली उड़ान और आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी से भी दशकों पहले, अमेरिका में बैठे एक युवक के मन में एक कल्पना उपजी—'द ब्रिक मून'. यानी ईंटों से बना एक ऐसा घर, जो अंतरिक्ष में तैरता हो, धरती के चक्कर लगाए और दुनिया के नेविगेशन सिस्टम का केंद्र बने.

Advertisement

अब अंतरिक्ष के प्रति इंसान का जुनून कोई नई बात नहीं है. हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी स्वर्ग और जन्नत जैसी जगहों का उल्लेख है. विज्ञान की मदद से इंसान ने इस कल्पना को पंख दिए और 1998 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) का निर्माण हुआ, जिसे दुनिया की 5 बड़ी स्पेस एजेंसियों ने मिलकर बनाया.

इसे किन देशों ने मिलकर बनाया?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को NASA (अमेरिका), Roscosmos (रूस), ESA (यूरोप), JAXA (जापान), और CSA (कनाडा) ने मिलकर बनाया. इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में विभिन्न शोध करना और वहां नजर रखना था.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?

धरती से 400 किलोमीटर ऊपर स्थित यह अद्भुत संरचना हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाती है. इसमें दुनिया की सबसे एडवांस्ड लैब्स, स्पेसक्राफ्ट्स के लिए पार्किंग, 6 बेडरूम वाला घर, जिम, और पर्याप्त ऑक्सीजन, पानी, तथा खाना मौजूद होता है.

Advertisement
सुर्खियों में क्यों आया ISS?

जून 2024 में ISS अचानक सुर्खियों में आ गया. वजह थी बोइंग (Boeing) का एक डिफेक्टिव स्पेसक्राफ्ट. इस खराबी के कारण भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ISS में फंस गए और अंततः एलन मस्क की कंपनी स्पेसX (SpaceX) ने उन्हें निकाला.

बोइंग मिशन की असफलता

बोइंग, जो दुनिया की सबसे बड़ी विमान निर्माण कंपनियों में से एक है, हाल के वर्षों में विवादों में रही है. खासतौर पर बोइंग 737 मॉडल से जुड़ी प्लेन क्रैश घटनाओं ने इसे बदनाम किया. और अब, स्पेस मिशन भी इसके लिए चुनौती बन गया.

कैसे हुई डॉकिंग की प्रक्रिया?

6 जून 2024 को जब बोइंग का "स्टारलाइनर" स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक करने की तैयारी कर रहा था, तभी इसमें मौजूद 28 में से 5 थ्रस्टर्स अचानक बंद हो गए. इस वजह से डॉकिंग रोकनी पड़ी. कुछ समय बाद दोबारा प्रयास किया गया और इस बार डॉकिंग सफल रही. लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हुई. डॉकिंग के दौरान पता चला कि स्पेसक्राफ्ट से हीलियम गैस लीक हो रही थी, जो स्पेसक्राफ्ट के ईंधन प्रणाली के लिए आवश्यक होती है.

9 महीने क्यों लग गए सुनीता विलियम्स को वापस लाने में?

ISS में केवल 8 डॉकिंग पॉइंट्स होते हैं—4 रूस के और 4 अमेरिका के. रूस के डॉकिंग पॉइंट्स पर अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट नहीं लग सकते थे. अमेरिका के 4 डॉकिंग पॉइंट्स में से 2 कार्गो स्पेसक्राफ्ट के लिए थे. बचे 2 पॉइंट्स में से एक पर "स्टारलाइनर" खुद ही पार्क था और दूसरे पर SpaceX का एक और स्पेसक्राफ्ट पहले से मौजूद था. इसलिए तुरंत कोई नया स्पेसक्राफ्ट भेजना संभव नहीं था.

ये भी पढ़ें - अब धरती पर लौटने की भी कीमत चुकाएंगी सुनीता विलियम्स

स्पेसX ने कैसे निकाला?

ISS में एक नियम है कि यहां कभी भी अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह से खाली नहीं होते. जब एक बैच वहां पहुंचता है, तभी पुराना बैच वापस आता है. 24 सितंबर 2024 को जब अगला मिशन गया, तो SpaceX के स्पेसक्राफ्ट में दो कम अंतरिक्ष यात्री भेजे गए. जिससे वापसी के दौरान सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लाया जा सके. 18 मार्च 2025 को SpaceX का "ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट" रवाना हुआ और 19 मार्च को वे धरती पर लौट आए.

स्पेस में 9 महीने रहने के प्रभाव

स्पेस में लंबा समय बिताने से शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. मांसपेशियों और हड्डियों पर असर
गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में मांसपेशियों की ताकत हर 6 महीने में 30% तक घट जाती है. हड्डियां हर महीने 1-2% कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है. इसलिए अंतरिक्ष यात्री रोज़ 2.5 घंटे एक्सरसाइज करते हैं.
2. वजन और पाचन पर असर
अंतरिक्ष में भोजन का पाचन धीमा हो जाता है और वजन तेजी से घटता है. स्कॉट केली नाम के अंतरिक्ष यात्री 340 दिनों तक ISS में रहे और उनका वजन 7% कम हो गया था.
3. डीएनए और जेनेटिक्स पर असर
स्पेस रेडिएशन से डीएनए में बदलाव आ सकता है. शोध में पाया गया कि स्पेस में रहने से टेलोमेर (Telomere) लंबे हो जाते हैं, लेकिन धरती पर लौटने के बाद वे सामान्य हो जाते हैं. यह बदलाव कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है. 

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का यह मिशन मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक सीख है. बोइंग की तकनीकी असफलता और SpaceX की सफलता ने यह साबित किया कि अंतरिक्ष में मिशन जितने रोमांचक होते हैं, उतने ही खतरनाक भी. अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में बोइंग अपने स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को सुधार पाएगा, या स्पेसX का दबदबा और बढ़ेगा?  

वीडियो: आसान भाषा में: ऐसा क्या हुआ, जो 9 महीने तक फंसी रहीं सुनीता विलियम्स? धरती पर कैसे आईं?

Advertisement