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कौन था असली ड्रैक्युला?

ऑटोमन साम्राज्य से लड़ने वाले ड्रैक्युला की कहानी

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व्लाड ड्रैक्युला अपने दुश्मनों को बेहद बर्बरता से तड़पा-तड़पा कर मारता था, उसकी क्रूरता के खौफ़ से ऑटोमन सैनिक यूरोप की सीमा में घुसने से कतराने थे (तस्वीर- Wikimedia commons/IMDB)

ये उस दौर की बात है जब ऑटोमन साम्राज्य और यूरोपियन क्रूसेडर्स के बीच धर्म युद्ध चलता था. 15 वीं सदी के शुरुआती सालों में दोनों एक दूसरे की सीमाओं पर हमला करते थे. कभी कोई जीतता था कभी कोई. साल 1462 में ऑटोमन सुल्तान, सुल्तान मुहम्मद ने अपनी एक बड़ी सेना इकठ्ठा की और पूर्वी यूरोप पर धावा बोल दिया. यूरोप की सीमा पर एक राज्य हुआ करता था, वलेकिया. मुहम्मद की सेनाएं वलेकिया में दाखिल हुई. उन्हें वहां एक नजारा दिखाई दिया. 23 हजार लाशें खूंटी पर टंगी हुई थी. भाले शरीर को चीरते हुए उनके सिर से निकल रहे थे. और इसी हालत में उन्हें एक कतार में लटकाया गया था. (Vlad the Impaler)

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ये कतार कुल 100 किलोमीटर लम्बी थी. ऑटोमन तुर्क अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे लेकिन ये नजारा उनसे भी नहीं सहा गया. सुल्तान ने अपनी सेना का ये हश्र देखकर कहा,

"जो शख़्स अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए इस हद तक जा सकता है, उसे अपना राज्य बचाए रखने का पूरा अधिकार है".

सुल्तान ने वलेकिया को जीतने का इरादा छोड़ दिया और वापस लौट गए. जिस शख़्स की क्रूरता ने ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान को विचलित कर दिया था, उसका नाम था व्लाड द थर्ड. हालांकि उसका एक और नाम भी था, जो आपने सुना होगा. ड्रैक्युला- ये नाम नहीं. उपाधि थी. कौन था ड्रैक्युला? (Dracula)

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Vlad the Impaler
व्लाड द इम्पेलर का जन्म 1428 से 1431 के बीच पूर्वी यूरोप के राज्य वलेकिया में हुआ था (तस्वीर- Wikimedia commons)

Dracula कौन? 

एक विशालकाय हवेली. काले कोट वाला एक वकील हवेली में घुसता है. हवेली का मालिक बूढ़ा है. उसकी स्किन इस कदर सफ़ेद है मानो उसमें से खून की आख़िरी बूंद भी निचोड़ ली गई हो. बूढ़े को लन्दन में एक घर खरीदना है. वो वकील से कहता है, कुछ दिन यहीं रुक जाओ, काम पूरा होने के बाद जाना. वकील तैयार हो जाता है. एक के बाद दूसरी और फिर तीसरी रात गुजरती है. हर रात के बाद वकील जब सुबह उठता है, तो पाता है कि उसके शरीर का रंग कुछ सुर्ख़ होता जा रहा है. वहीं हवेली के बूढ़े मालिक की आंखों में चमक लौटने लगी है. उसकी त्वचा जवान होती जा रही है. एक महीने बाद वकील पाता है कि वो एक अस्पताल में है. उसके शरीर से लगभग पूरा खून निकाला जा चुका था. जिसने ये किया था , वो था काउंट ड्रैक्युला. (Count Dracula)

काउंट ड्रैक्युला- 1897 में ब्रॉम स्ट्रोकर ने अपनी एक नॉवेल से पूरी दुनिया में ड्रैक्युला को फेमस कर दिया. एक काल्पनिक किरदार, जो दूसरों का खून पीकर जवान रहता है. जो धूप में बाहर नहीं निकल सकता और जब चाहे एक कुत्ते का रूप ले सकता है. ब्रॉम स्ट्रोकर ने इस किरदार की प्रेरणा एक ऐतिहासिक किरदार से ली थी. वो किरदार जिसका नाम सच में ड्रैक्युला था. (The real Dracula)

बात 15 वीं सदी की है. पूर्वी यूरोप में एक राज्य हुआ करता था, वलेकिया. 21 वीं सदी में जिसे हम रोमेनिया देश के नाम से जानते हैं, वलेकिया उसका हिस्सा था. यहां के राजा का नाम था व्लाड द सेकेंड. वलेकिया का राज्य ऑटोमन साम्राज्य की सीमाओं से लगता था. यूरोप और ऑटोमंस की लड़ाई थी, जिसमें वलेकिया पिसता रहता था. वलेकिया को पार किए बिना यूरोप में दाखिल नहीं हो सकते थे. इसलिए वलेकिया एक तरह से फ़्रंट का काम करता था. यूरोप में उस दौर में ईसाई धर्म योद्धाओं का एक संगठन हुआ करता था. Order of the Dragon. व्लाड इस संगठन का सदस्य था. जिसके चलते उसे एक उपाधि मिली हुई थी. ड्रैक्यूल की उपाधि. ड्रैक्यूल - जिसका मतलब होता था ड्रैगन.

व्लाड ड्रैक्यूल अपने राज्य में उठ रहे विद्रोह से परेशान था. पड़ोस में एक और राज्य था हंगरी. जो विद्रोही सामंतों को समर्थन देता था. इसलिए 1442 में व्लाड ने अपनी गद्दी बचाने के लिए ऑटोमन तुर्कों की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया. सुल्तान मुहम्मद संधि के लिए राज़ी हो गए. लेकिन इसकी दो शर्तें थी. एक ये कि वलेकिया को हर साल टैक्स चुकाना होगा. और व्लाड अपने दो बेटों को सुल्तान की सेवा में भेजगा. राजा व्लाड ड्रैक्यूल के तीन बेटे थे, मिरसिया, व्लाड द थर्ड, और राडु.

Sultan Mehmed II
ऑटोमन सुल्तान मुहम्मद  द्वितीय ने व्लाड ड्रैक्यूल के दो बेटों व्लाड द थर्ड, और राडु कई साल अपनी कैद में रखा (तस्वीर- Wikimedia commons)

मिरसिया उसका सबसे बड़ा बेटा था. उसका वारिस. इसलिए उसने व्लाड द थर्ड और राडु को सुल्तान मुहम्मद की सेवा में भेज दिया. ये एक प्रकार की क़ैद थी. जहां दोनों को तुर्की तौर तरीके अपनाने के लिए फ़ोर्स किया जाता था. राडु अंत में इस प्रेशर के आगे झुक गया. उसने इस्लाम क़बूल कर तुर्कों के अधीन रहना स्वीकार लिया. लेकिन व्लाड द थर्ड इसके लिए राज़ी नहीं हुआ. इसकी सजा भी उसे मिली. उसे यातनाएं दी गयी, टॉर्चर किया गया. लेकिन फिर भी व्लाड द थर्ड झुका नहीं. उधर उसके पिता भी मुसीबत में थे.

ड्रैक्युला का बदला 

1447 में सामंतों ने एक बार फिर विद्रोह शुरू कर दिया. और व्लाडिस्लाव नामक सामंत की लीडरशिप में व्लाड द सेकेण्ड को सत्ता से उखाड़ फेंका. इस घटना के कुछ वक्त बाद व्लाड द थर्ड वापस वलेकिया आया. और तब उसे पता चला कि उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी गयी है. उसके पिता को मारकर उनके घर के पीछे दफना दिया गया था. जबकि उसके भाई मिरसिया को खूब टॉर्चर के बाद जमीन में जिन्दा गाड़ दिया गया था. ये सब सुनकर व्लाड झन्ना उठा. उसने बदले की शपथ ली. और सेना इकठ्ठा कर व्लाडिस्लाव के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया. युद्ध के मैदान पर व्लाडिस्लाव का सर काटकर उसने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी. और वलेकिया का राजा बन बैठा.

अपने पिता की तरह उसने ड्रैक्युला की उपाधि अपनाई और व्लाड ड्रैक्युला के नाम से जाना जाने लगा. हालांकि उसका एक और नाम था जो पूरे यूरोप में फेमस था. व्लाड द इम्पेलर. इम्पेलर का अर्थ छेद करने वाला. व्लाड का ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि वो अपने दुश्मनों को भाले से छेद कर लटका दिया करता था. यूरोपियन इतिहास में व्लाड ड्रैक्युला को सबसे क्रूस शासक के तौर पर जाना जाता था. उसके दुश्मन उसे शैतान की औलाद कहते थे. उसे ये नाम उसके तौर तरीक़ों के चलते मिला था.

सत्ता पर बैठने के कुछ साल बाद व्लाड ड्रैक्युला के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने विद्रोह करने की कोशिश की. व्लाड अपने पिता की गलती नहीं दोहराना चाहता था. उसने सभी लोगों को दावत पर बुलाया. और दावत के बीच में ही अपने एक एक दुश्मन को चाकुओं से गुदवा डाला. गेम ऑफ़ थ्रोन्स में रेड वेडिंग वाला एपिसोड देखा हो आपने तो कल्पना कर सकते हैं. व्लाड ने अपने दुश्मनों को सिर्फ़ मारा ही नहीं. उनके शरीर को भाले से छेद कर शहर भर में लटका दिया. ताकि सबके लिए एक नज़ीर बन जाए.

Vlad Dracula
व्लाड द इम्पेलर ने 7 साल वलेकिया पर राज किया. एक आंकड़े के अनुसार इस दौरान उसने 80 हज़ार लोगों का क़त्ल किया था (तस्वीर- Wikimedia commons)

व्लाड अपने दुश्मनों के लिए क्रूर था. लेकिन यूरोप के लोग उसे मसीहा मानते थे. ख़ासकर पोप ने उसे हीरो की संज्ञा दी थी. क्योंकि उसने ऑटोमन सैनिकों के साथ ऐसी क्रूरता की थी कि वो यूरोप की सीमा में घुसने से कतराने लगे थे. एक बार उसने दो भाइयों को ज़िंदा उबाल दिया था. और इसके बाद उनके परिवार को वो सूप पीने पर मजबूर कर दिया. दूसरे मौक़े पर उसने ऑटोमन सैनिकों के सर में कील ठोक दी थी. क्योंकि वो अपना साफ़ा उतारने से इंक़ार कर रहे थे.

यूरोप और ऑटोमन्स के बीच उसकी दहशत ऐसी थी कि उसके बारे में कहानियां चलने लगी थी. जिनके अनुसार व्लाड ड्रैक्युला अपने दुश्मनों के खून में डुबो कर ब्रेड खाता है. आगे चलकर यही मिथक ड्रैक्युला नाम के साथ जुड़ा और ड्रैक्युला नाम के काल्पनिक किरदार की रचना हुई. व्लाड ड्रैक्युला ने सिर्फ़ 7 साल वलेकिया पर राज किया. एक आंकड़े के अनुसार इस दौरान उसने 80 हज़ार लोगों का क़त्ल किया था.

ड्रैक्युला का अंत कैसे हुआ?

साल 1462 में ऑटोमन फ़ौज ने वलेकिया पर हमला किया.व्लाड ने हंगरी से मदद मांगी. लेकिन हंगरी ऑटोमन साम्राज्य से पंगा नहीं लेना चाहता था. इसलिए हंगरी के सैनिकों ने उसे क़ैद कर लिया. उसकी पत्नी की हत्या कर दी गई. और राज्य छीनकर उसके भाई को दे दिया. यूरोपियन मिथकों के अनुसार क़ैद में रहते हुए उसने अपने दुश्मनों को श्राप दिया था कि जिन्होंने उसके ख़ानदान को तबाह किया है, उनका भी सर्वनाश हो जाए. इस श्राप को अमली जामा पहनाने का, व्लाड को एक आख़िरी मौका मिला. वो हंगरी की क़ैद से रिहा होने में सफल रहा. लेकिन एक साल के अंदर ही ऑटोमन तुर्कों से लड़ते हुए उसकी मौत हो गई. ऑटोमन सैनिकों ने उसका सिर काटकर पूरे कांस्टेंटिनोपल (इस्तांबुल) में घुमाया और फिर ले जाकर सुल्तान मुहम्मद के क़दमों में डाल दिया.

Count Dracula
1897 में ब्रॉम स्ट्रोकर ने ड्रैक्युला नाम का एक नॉवेल लिखा .स्ट्रोकर ने इस किरदार की प्रेरणा व्लाड ड्रैक्युला के जीवन और व्यक्तित्व से ही ली थी (तस्वीर- Wikimedia commons)

इसके तीन सदी बाद ब्रॉम स्ट्रोकर ने ड्रैक्युला नाम से एक नॉवेल लिखा. जिसने ड्रैक्युला की कहानी को दुनिया भर में फैला दिया. उस पर कई फ़िल्में बनी. नाटक लिखे गए. हालांकि एक सच ये भी है कि स्ट्रोकर के ड्रैक्युला और ऐतिहासिक ड्रैक्युला में नाम के अलावा ज़्यादा समानताएं नहीं हैं, सिवाय कुछ मिथकों को छोड़कर. मसलन कहानी कहती है कि जब व्लाड ड्रैक्युला की कब्र खोदी गई, उसकी लाश या कोई भी निशान वहां से गायब था. कहते हैं ड्रैक्युला ने एक श्राप दिया था कि वो मरने के बाद ज़िंदा होकर लौटेगा और अपने दुश्मनों से बदला लेगा. स्ट्रोकर का काल्पनिक ड्रैक्युला भी कुछ ऐसा ही करता है. वो हर सुबह अपनी कब्र में सोता है. और रात होते ही जाग जाता है. खून पीने के लिए.

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