The Lallantop

15 हजार रिटायर्ड लोगों से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये लिए और डकार गया

रिटायर्ड कर्मचारियों को चूना लगाने वाले बिल्डर की कहानी.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
भारत में तीन तिकड़म करने वालों की कोई कमी नहीं है. हर्षद मेहता से लेकर केतन पारेख और अब्दुल करीम तेलगी  जैसे लोगों ने जनता को लूटने के लिए नए नए तरीके निकाले. ऐसा ही एक तरीका निकाला डीएस कुलकर्णी ने, जो आजकल जेल की हवा खा रहा है. उसकी कहानी में नया मोड़ ये है कि ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की टीम कुलकर्णी और उसकी पत्नी हेमंती से पूछताछ करने पुणे की यरवडा जेल पहुंची. करोड़ों रुपए के घोटाले का मुख्य आरोपी डीएस कुलकर्णी कुछ ही समय पहले तक पुणे शहर का एक नामचीन बिजनेसमैन था. लेकिन बैंक, निवेशकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं का पैसा खाकर उसने अपनी सारी इज्जत खुद ही मिट्टी में मिला ली. घोटाले की चार्जशीट में ये मामला 2 हजार 43 करोड़ रुपए का बताया गया है. आइए आपको बताते हैं इस घोटाले की पूरी कहानी.
ये हैं मुख्य आरोपी डीएस कुलकर्णी
ये है मुख्य आरोपी डीएस कुलकर्णी

क्या है धोखाधड़ी का मामला?
2014 में, पुणे के रियल एस्टेट सेक्टर में बहुत बड़ा नाम डीएसके डेवलपर्स ने पुणे-सोलापुर राजमार्ग पर लोनी में डीएसके ड्रीम सिटी टाउनशिप प्रोजेक्ट लॉन्च किया था. इस प्रोजेक्ट में कुल 12 हजार हाउसिंग यूनिट्स शामिल थीं और कुल लागत थी 8 हजार करोड़ रुपये. ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट का पहला चरण दिसंबर 2017 में खरीदारों को सौंप दिया गया था. लेकिन अक्टूबर 2016 में डीएस कुलकर्णी के समूह की परेशानियां तब शुरू हो गईं, जब उसने अपने फिक्स्ड टर्म डिपोजिटर्स को भुगतान करने में चूक कर दी. बाद में कम्पनी ने इस चूक का दोषी रियल्टी सेक्टर में मंदी और नोटबंदी को ठहराया.
अक्टूबर 2017 में, उसके रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट्स रुक जाने के बाद, पुणे पुलिस ने डीएस कुलकर्णी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
दिसंबर 2017 में उसने मुंबई हाईकोर्ट को बताया कि वो 50 करोड़ रुपये का भुगतान कर देगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
जनवरी 2018 में, कंपनी ने अदालत से कहा कि लोगों को देने के लिए पैसा विदेशों से ला रहे हैं. पैसा ट्रांसफ़र हो रहा है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
फरवरी 2018 में, कुलकर्णी ने अदालत से कहा कि क्राउड फंडिंग के ज़रिए पैसा इकठ्ठा किया जा रहा था और वापस लौटाया जाएगा, लेकिन एक बार फिर उसकी बात गलत साबित हुई. इसके बाद हाईकोर्ट ने कुलकर्णी की अग्रिम जमानत रद्द कर दी और उसकी गिरफ्तारी का आदेश दिया।
डीएसके ड्रीम सिटी का खाका
डीएसके ड्रीम सिटी का खाका

इसके अलावा, कई गड़बड़ियों के बावजूद डीएसके को अवैध रूप से लोन पास करने के आरोप में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के वर्तमान और पूर्व प्रेसिडेंट के साथ-साथ मैनेजिंग डायरेक्टर और चार अन्य अधिकारियों को 20 जून को गिरफ्तार किया गया.
इस मामले को सामने लाने का काम पुणे में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभर ने किया. हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि वे 'आरटीआई कट्टा' नाम से एक सभा आयोजित करते हैं जहां ये मामला उनके पास 2 साल पहले आया था. जब कुछ रिटायर्ड कर्मचारी उनके पास शिकायत लेकर आए कि उन्हें उनका फिक्स्ड टर्म डिपॉजिट का पैसा नहीं मिला. अपनी जांच में विजय ने पाया कि आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक) से पैसा जमा करने की अनुमति लिए बिना डीएसके समूह ऐसा कर रहा था. वे निवेशकों को पैसा लौटाए बिना ही एक योजना से दूसरी योजना में पैसे घुमा रहे थे. लेकिन उनकी इस धोखाधड़ी का शिकार हुए रिटायर्ड कर्मचारी और कुछ युवा नासमझ निवेशक जिन्होंने सिर्फ नाम देखकर अपना पैसा डीएसके समूह में लगा दिया जबकि वे उनकी सहायक कम्पनियां थी, न कि मूल कंपनी. इस पूरे घोटाले में लगभग 15 हजार वरिष्ठ नागरिकों के तक़रीबन 350 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं.. विजय कुम्भर के मुताबिक केवल नेता ही अब ये पैसा वापस करा सकते हैं. नहीं मिला तो ये मान लेना होगा कि वो सब एक बड़े घपले का शिकार हो चुके हैं.
मामले को प्रकाश में लाने वाले विजय कुम्भर
मामले को सामने लाने वाले विजय कुम्भर

इसके अलावा, विजय के मुताबिक डीएसके ग्रुप ने मनोरंजन और यात्रा पर बहुत पैसा उड़ाया. उनका कहना है कि कुछ 30 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए भी समूह के पास पर्सनल हेलिकॉप्टर था. जब इस ग्रुप ने दुबई में रहने वाले चंदर भाटिया से लिया पैसा वापस नहीं लौटाया, तो उन्होंने 2015 में सेबी (बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से शिकायत भी की, लेकिन सेबी ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया. लेकिन अब पूरा कुलकर्णी परिवार जेल में बंद है.
 


ये भी पढें:
जब आपके बैंक अकाउंट से कोई धोखे से पैसे निकाल ले, तो उस फ्रॉड की ज़िम्मेदारी किसकी होती है?

वीडियो: ATM लाइन में पीछे खड़े इस बंदे ने जो किया, वो कभी अपने साथ न होने दें

देखते ही देखते आसाराम ने 10 हजार करोड़ रुपये का फरेबी साम्राज्य खड़ा कर लिया

PNB के बाद SBI और यूनियन बैंक के भी हजारों करोड़ रुपये डूब गए हैं

PNB घोटाले के बाद पेश-ए-खिदमत है SBI में 824 करोड़ रुपये का घोटाला

 


 
 विडियो 

 
 
 
 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement