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भोपाल जो म.प्र. की राजधानी बना, कभी भारत का हिस्सा नहीं होना चाहता था

भोपाल के नवाब की सारी कोशिशें कैसे पटेल के आगे फेल हो गईं.

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लेफ्ट में भोपाल के नवाब और राइट में उनके दोस्त माउंटबैटन.
आरक्षण फिल्म का एक सीन याद कीजिए. दीपिका पादुकोण ने साड़ी पहनी है, सैफ अली खान सूट बूट में बैठे हैं. गाना बज रहा है - अच्छा लगता है. दीपिका सैफ से कहती हैं - 'कुछ बोलते क्यों नहीं?' और इश्क में अंडरकॉन्फिडेंट सैफ जवाब देता है - 'मौसम बहुत अच्छा है, झील कितनी खूबसूरत है और तुम भी...' यहां दीपिका सैफ को रोकते हुए कहती है - 'तुम शॉर्ट में सीधे पॉइंट पे नहीं आ सकते क्या?' और शायद यही आप मुझसे भी कहना चाह रहे होंगे.
शूटिंग भोपाल में ही हुई है. सोर्स - आरक्षण
शूटिंग भोपाल में ही हुई है. सोर्स - आरक्षण


पॉइंट पे आते हैं. पॉइंट दरअसल एक किस्सा है. किस्सा खूबसूरत झील वाले शहर भोपाल का और सैफ अली खान के पापा के नाना का. ये किस्सा हमें पता चला है रामचंद्र गुहा की किताब 'इंडिया आफ्टर गांधी' से.
भोपाल आज मध्यप्रदेश की राजधानी है लेकिन 1947 से पहले ये रियासत हुआ करती थी. और भोपाल उन रियासतों में से एक थी जो अंग्रज़ों के जाने के बाद भारत का हिस्सा नहीं होना चाहती थी.
सूरमा

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