ये आर्टिकल 'डेली ओ' के लिए नित्यानंद मिश्रा ने लिखा है. वेबसाइट की इजाज़त से हम उसका हिंदी अनुवाद आपको पढ़ा रहे हैं.
परशुराम जयंती पर उनके 21 नामों की कहानी जानिए
हर नाम से जुड़ा एक किस्सा है.

आज अक्षय तृतीया है. हिंदू और जैन धर्म के लिए ये सबसे पावन दिनों में से एक. वो दिन, जब मान्यताओं के अनुसार सतयुग की शुरुआत हुई थी. इसीलिए इस दिन को लोग कोई नया काम शुरू करने के लिए शुभ मानते हैं, इस दिन कोई मुहूर्त नहीं निकालना पड़ता. इस दिन चारों धाम के पट खुलते हैं. यज्ञ और उपवास के अच्छे नतीजे मिलते हैं. इस सब के अलावा ये दिन इसलिए भी खास है कि इस दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है.
हिंदू धर्मग्रंथों में परशुराम का इतने अलग-अलग नामों से ज़िक्र आता है कि उनकी स्तुति में 'सहस्रनाम' तक गया जाता है. सहस्रनाम माने 1,000 नामों का भजन. यहां उनके 21 नामों के बारे में बताया गया है. पूछिए 21 ही क्यों? तो बात ऐसी है कि पुराणों के मुताबिक 21 बार परशुराम ने धरती से क्षत्रियों का नाश किया था. इसलिए 21 का आंकड़ा खास है.

परशुराम, राजा रवि वर्मा की बनाई तस्वीर में.
इन चुनिंदा 21 नामों की कहानी यहां पढ़िएः
#1. भार्गव:
ये नाम परशुराम का वंश बताता है. भार्गव माने 'भृगु का वंशज'. परशुराम भृगु के कुल में पैदा हुए थे. महाभारत के आदि पर्व के मुताबिक वंशावली कुछ ऐसी हैः
भृगु → च्यवन → अर्व → रिचिका → जमदग्नि → परशुराम.
#2. भृगुपति:
इसका मतलब है भृगु के वंशजों का भगवान. इस नाम का इस्तेमाल कालीदास ने 'मेघदूत' में, जयदेव ने 'गीता गोविंद' में और तुलसीदास ने 'रामचरितमानास' में किया है.
#3. रेणुकेय:
मतलब रेणुका का बेटा. रेणुका ऋषि जमदग्नि की पत्नी और परशुराम की मां थीं. ब्रह्माण्ड पुराण के मुताबिक वो राजा प्रसेनजीत की बेटी थीं.
#4. कोङ्कणासुत:
माने कोंकणा का बेटा. परशुराम की मां रेणुका को कोंकणा के नाम से भी जाना जाता है. कोंकणा का मतलब होता है कोंकण देश में पैदा होने वाली. स्कंद पुराण के 'सह्याद्री खंड' में परशुराम को समुद्र से कोंकण को पुनः प्राप्त करने को वर्णन किया गया है.
#5. जामदग्न्य:
यहां नाम में पिता का ज़िक्र है. जामदग्न्य: माने जमदग्नी के बेटे. ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक जमदग्नी और रेणुका का आश्रम नर्मदा नदी के तट पर था.
#6. राम:
राम का मतलब होता है वो जिसमें योगी आनंद लेते हैं. परशुराम का ये नाम दो और महापुरुष शेयर करते हैं: दशरथ के बेटे राम और कृष्ण के भाई राम. परशुराम को इनसे अलग बताने के लिए अक्सर 'भार्गव राम' कहा जाता है.
#7. परशुधर:
परशुधर माने जिसके हाथ में फरसा हो. ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक, परशुराम को उनके गुरु शिव ने सफेद रंग का फरसा दिया था. कहते हैं कि इसमें मृत्यु की आग का तेज था.
#8. परशुराम:
इसका मतलब होता है वो जिसका प्रिय हथियार परशु यानी फरसा हो. परशुराम का ये सबसे प्रचलित नाम है और उनके ज़्यादातर चित्रणों में वो फरसे के साथ ही नज़र आते हैं.
अक्षय तृतीया के दिन पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के रथ का निर्माण भी शुरू होता है. भारत के कुछ हिस्सों में, खेतों की जुताई शुरू हो जाती है. ये दिन शादियों, गृह प्रवेश और सोने की खरीद के लिए भी शुभ माना जाता है.#9. खण्डपरशु:
खण्डपरशु: माने वो जिसके पास तबाह कर देने वाला फरसा हो. ये भगवान शिव का भी एक नाम है. ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक, परशुराम के फरसे से ही गणेश के दांतों में से एक टूटा था.

#10. ऊर्ध्वरेता:
इस नाम का मतलब परशुराम के ब्रह्मचर्य से है. नाम का शाब्दिक यूं है - "जिसकी यौन ऊर्जा ऊपर की ओर बहती हो." परशुराम ब्रह्मचारी थे, इसलिए उन्हें ये नाम दिया गया है.
#11. मातृकच्छिद:
ये नाम उस किस्से से आया है जिसमें परशुराम ने अपनी ही मां का सिर काट दिया था. महाभारत के वन पर्व के अनुसार, परशुराम की मां रेणुका, राजा चित्ररथ पर मोहित हो गईं थीं. ये जान कर जमदग्नि ने अपने बेटों को उनका सिर काटने का आदेश दिया था. सारे बेटों ने मना कर दिया लेकिन परशुराम ने आदेश का पालन किया.
#12. मातृप्राणद:
मातृप्राणद - वो जिसने अपनी मां को जीवन दिया हो. जब परशुराम ने रेणुका का सिर काट दिया, तब खुश होकर जमदग्नि ने कहा कि वो उनकी सारी इच्छाएं पूरी करेंगे. परशुराम ने मांगा कि उनकी मां को फिर से जीवित कर दिया जाए. लेकिन रेणुका को दोबार जीवित होने पर ये याद न रहे कि उनका सिर काटा गया था और उन्हें उनके पाप से मुक्त कर दिया जाए. जमदग्नि ने ऐसा ही किया.
#13. कार्त्तवीर्यारि:
जो कर्तवीर्य अर्जुन के दुश्मन हों. ब्रह्मांड पुराण और महाभारत के अनुसार, कर्तवीर्य अर्जुन की सेना ने जमदग्नि की दैवी गाय को छीनकर ऋषि को मार दिया था. जब परशुराम को इस बारे में पता चला तो उन्होंने कर्तवीर्य अर्जुन की राजधानी महिशिमती पर चढ़ाई करके युद्ध में उसे मार दिया था.

जमदग्नि परशुराम को गुस्सा न करने के बारे में समझाते हुए.
#14. क्षत्रान्तक:
क्षत्रियों का विनाश करने वाला. कई पुराणों के अनुसार, परशुराम अपने पिता की हत्या को लेकर इतने गुस्से में थे कि उन्होंने पूरी धरती के क्षत्रियों के साथ 21 बार युद्ध किया. हर बार धरती से क्षत्रियों का बिलकुल विनाश हो जाता था.
#15. न्यक्ष:
माने वो जो अपमानित करे. इस नाम का अर्थ है 'वो जो आंखों को नीचे झुका दे'. परशुराम ने क्षत्रियों को 21 बार अकेले हराकर अपमानित किया था.
'अक्षय' - जो कभी नष्ट न हो. ये त्योहार वैशाख के शुक्ल पक्ष की तीसरी तारीख को मनाया जाता है, इसलिए नाम में 'तृतीया' जुड़ा है.#16. न्यस्तदण्ड:
न्यस्तदण्ड माने जिसने दंड को छोड़ दिया हो. यहां 'दंड' दंडित करने के संकल्प के लिए है. 21 युद्धों के बाद, परशुराम तपस्या करने के लिए महेंद्र पर्वत चले गए थे. उन्होंने इस तरह 'दंड' को छोड़ दिया था.
#17. क्रौञ्चारि:
मल्लिनत के अनुसार, परशुराम और कार्तिकेय में एक प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें उन्होंने पक्षियों के पार जाने के लिए क्रौंच पर्वत में छेद कर दिया था. इसी लिए परशुराम का एक नाम क्रौञ्चारि पड़ गया था, माने क्रौंच पर्वत का दुश्मन.

#18. ब्रह्मराशि:
बहुत ज़्यादा तपस्या करने वाला. भीष्म ने इस नाम का इस्तेमाल महाभारत के उद्योग पर्व में तब करते हैं, जब वो अपने गुरु परशुराम के साथ हुए अपने युद्ध के बारे में बताते हैं.
#19. स्वामिजङ्घी:
माने वो जिसके पैर किसी राजा जैसे हों. हालांकि वो एक ब्राह्मण पैदा हुए थे, लेकिन परशुराम की ताकत और साहस किसी क्षत्रिय जैसा ही माना जाता था.
#20. सह्याद्रिवासी:
माने वो जो सह्याद्री में रहता है. स्कंद पुराण के सह्याद्री-खंड में बताया गया है कि भारत के दक्षिण पश्चिम में परशुराम ने परशुराम क्षेत्र बसाया था.
#21.चिरञ्जीवीः
ये वाला आसान है. माने वो जो चिर काल तक जिए, जो अमर हो. आनंद रामायण के मुताबिक परशुराम उन सात लोगों में हैं जिन्हें अमरत्व प्राप्त है, माने जो मौत से जी गया हो. बाकि के छह भी जान लीजिए - अश्वत्थामा, बालि, व्यास, हनुमान, विभीषण और कृपा.
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