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'नमक इश्क का' 5 फीसदी GST के साथ?

Popcorn से पहले मालाबार पराठा घेरे में था. बेचारे आइडेंटिटी क्राइसिस से गुजर रहे पराठे को समझ नहीं आ रहा था. वो ब्रेड है, 5 फीसद टैक्स के साथ. या फिर पैक्ड पराठा 18 फीसद GST वाला.

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गुड़ से मीठा इश्क इश्क, पर इसपे GST कितना?

‘ज़बां पे लागा लागा रे… नमक इश्क का’ डायरेक्टर विशाल भारद्वाज की ‘ओमकारा’, आज रिलीज होती. तो शायद इसमें दिखाए इश्क पर, 5 फीसद वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगता. वहीं सुभाष घई की ताल ‘पिच्चर’, में इश्क पर 18 फीसद GST देना पड़ता. क्योंकि इनका इश्क गुड़ से मीठा था.  इग्जैक्ट लाइन, 

इश्क बिना क्या जीना यारा

इश्क बिना क्या मरना

गुड़ से मीठा इश्क इश्क 

इमली से खट्टा इश्क इश्क

बहरहाल खट्टे इश्क पर कितना GST लगता. इस बारे में कहना मुश्किल है. आप जानते ही हैं, हाल में वित्त मंत्री प्रेस के सामने नजर आईं. GST के साथ चर्चा में पॉपकॉर्न आया. कहा गया कि बिना पैक्ड नमकीन, पॉपकॉर्न पर 5 फीसद. पहले से पैक्ड - ब्रैंडेड पॉपकॉर्न पर 12 फीसद. और ऊपर से मिलाई गई चीनी वाले पर - 18 फीसद कर लगाने की बात कही गई. सोशल मीडिया में मीम्स की बाढ़ आ गई. सवाल पूछे गए कि पॉपकॉर्न को भी नहीं छोड़ा? पर लोग ये बात भूल जाते हैं कि कभी अमेरिकी फाउंडिंग फादर बेंजमिन फ्रैंकलिन ने कहा था, 

दुनिया में मौत और कर के अलावा कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता है. 

“...but in this world nothing can be said to be certain, except death and taxes.”

मृत्यु की तरह टैक्स फाइल करने का एक दिन भी तय है. फिर इस पर इतना हो हल्ला क्यों? दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर भी जोर दिया, कि इस मामले को अलग-थलग करके ना देखें. ये मामला एडेड शुगर का है. इसलिए कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर रेट अलग है. 

कुल मिलाकर मामला ये बनता है कि एडेड शुगर या ऊपर से मिलाई गई चीनी, वाली चीजों पर GST ज्यादा. शुगर वाली ड्रिंक्स पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी कर लगाने की बात कहता है. ताकि ज्यादा शुगर की वजह से होने वाली, बीमारियों से बचा जा सके. WHO का मकसद नेक नजर आता है. वित्त मंत्री का मकसद वो ही बता सकती हैं. 

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खैर इतना टैक्स लगने के बाद, पॉपकॉर्न अगर जूलरी की दुकान से खरीदने पड़ें. तो कोई ताज्जुब नहीं होगा. थोड़ा अतिशयोक्ति हो गई. लोग भी एक पॉपकॉर्न को तीन स्लैब में रखने के बारे में यही कह रहे हैं. सोशल मीडिया पर जनता सवाल पूछ रही है. साल्टेड एंड कैरामेल पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स लगेगा? जो GST तमाम करों को एक करने की नीयत से लाया गया था. जैसा कि बताया गया. वो अब खुद शहरों के चौक इलाके में मौजूद बिजली के खंभों में लिपटे तारों सा- कॉम्पिलिकेटेड नजर आता है. 

पॉपकॉर्न से पहले मालाबार पराठा घेरे में था. बेचारे आइडेंटिटी क्राइसिस से गुजर रहे पराठे को समझ नहीं आ रहा था. वो ब्रेड है, 5 फीसद टैक्स के साथ. या फिर पैक्ड पराठा 18 फीसद वाला. मामला केरल हाइकोर्ट में भी चला. खैर ये जीएसटी के नमकीन-मीठे मामले के बारे में आप क्या सोचते हैं. हमें कमेंट्स में बताएं. बाकी मिर्ज़ा ग़ालिब ने तो नहीं कहा पर. कह सकते थे. 

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