पर शुरुआत से सब ऐसा ही नहीं था. ये कहानी तब से ही शुरू करता हूं. मैं राजीव कपूर. महान राज कपूर साहब का सबसे छोटा बेटा. जिसे लोग सिर्फ एक फिल्म से याद रखते हैं. राम तेरी गंगा मैली. मसखरे कहते हैं कि फिल्म भी सिर्फ एक ही वजह से याद रखी जाती है. झरने के नीचे सफेद साड़ी, सिर्फ सफेद साड़ी पहन नहाती मंदाकिनी के सीन के लिए. हालांकि फिल्म का एक सीन और भी विवादित हुआ था. जिसमें मंदाकिनी का किरदार ट्रेन से सफर कर रहा है. उसकी गोद में बच्चा है. उसे भूख लगती है. और मंदाकिनी वहीं चोली ऊपर कर उसे दूध पिला देती है. दुनिया का सबसे पवित्र दृश्य. मां बेटे का पोषण कर रही है. मगर किसी को कैमरे के एंगल पर ऐतराज हुआ तो किसी को राज कपूर की नीयत पर. पर कपूर साहब के लिए ये बवाल नए नहीं थे. पर आज बात मेरी. मेरा बर्थडे है आज. 58 साल का हो गया इस 25 अगस्त को.

पहली बार भइया की हेल्प की
पढ़ाई तो जितनी की उतनी की. काम होता बचपन से देख रहा था. घर में फिल्मों का माहौल था. पापा ने चिंटू भइया (ऋषि कपूर) के साथ फिल्म अनाउंस की. प्रेम रोग. विधवा की शादी की थीम थी. घर में होने वाले सेक्शुअल अब्यूस की भी बात थी. इस फिल्म के जरिए मुझे भी पहली बार एक्टिव काम और क्रेडिट मिला. मैं फिल्म का असिस्टेंट डायरेक्टर था.
अगले साल मेरी फिल्म आ गई. एक जान हैं हम. ज्यादा तो नहीं चली. गाने सुपर हिट हुए. अभी बड़ा अच्छा लगा. कुछ साल पहले अनुराग कश्यप की फिल्म के बड़े हल्ले थे. गैंग्स ऑफ वासेपुर. उसमें यशपाल शर्मा मेरा यही गाना गा रहा था. जब सरदार खान मरता है तब. आज आप ऑरिजिनल भी देख लो. शब्बीर कुमार का जलवा था उन दिनों. आजकल तो ऑर्केस्ट्रा पार्टी चला रहे हैं वो. गरबा वगैरह में भी गा लेते हैं. सब बदल जाता है यार.
मंदाकिनी के बोल्ड सीन से मिला स्टारडम!
डेब्यू के दो साल बाद आई राम तेरी गंगा मैली. पापा की आखिरी फिल्म. इसके बाद वो हिना बना रहे थे. पाकिस्तान की लड़की जेबा बख्तियार और चिंटू भइया के साथ. मगर बीच में ही बीमारी के चलते डेथ हो गई. फिर मैंने उस फिल्म को प्रोड्यूस किया और डब्बू भइया (रणधीर कपूर) ने डायरेक्ट.हां, तो मैं बात कर रहा था राम तेरी गंगा मैली की. इसमें मेरी हीरोइन थीं मंदाकिनी. उनका नाम बाद में इंडिया के सबसे पाजी गुंडे दाऊद के साथ जोड़ा गया. सब जगह एक ही चर्चा. मंदाकिनी डॉन की गर्लफ्रेंड है. मुझे नहीं पता. आज-कल वह बौद्ध धर्म के हिसाब से जी रही हैं. बेंगलुरु के बाहर फॉर्म हाउस पर रहती हैं. और दाऊद भी तो अब बूढ़ा हो गया है. पाकिस्तान में छिपा है.
मंदाकिनी का झरने के नीचे नहाते का एक सीन है. गाने के दौरान. उसमें वो सफेद साड़ी पहनती हैं. साड़ी भीगती है तो उनके ब्रेस्ट नजर आते हैं. इस पर खूब हल्ला कटा. आज तक यूट्यूब पर ये क्लिप खोज-खोज देखी जाती है.
https://www.youtube.com/watch?time_continue=183&v=M-8WEytWyk0
एक सीन और था. जिसका मैंने ऊपर जिक्र किया. ब्रेस्ट फीडिंग का. बार-बार कहा गया. इस स्किन शो के चलते ही फिल्म चली. पर क्या फिल्म का कोई मैसेज नहीं था. मेरे काम की कोई कीमत नहीं. सब सीन का खेल ही है.
खैर, सीन की क्या कहें. गंगा जी भी अब खूब न्यूज में हैं. मोदी गवर्नमेंट इसकी सफाई पर काफी बातें प्लानिंग कर रही है. गंगा मैली है. कब से है. कोई तो भला करे इसका. मेरा फिल्मी भला पहली और आखिरी बार इस फिल्म में हुआ. उसके बाद कई फिल्में कीं. मगर चली एक भी नहीं. तो डेब्यू के सातवें साल में ही मैंने रिटायरमेंट ले लिया. 1990 में आखिरी फिल्म आई थी. इसमें शीबा थीं मेरे साथ. उनका भी करियर नहीं चला. बोल्ड इमेज थी वैसे उनकी. विनोद मेहरा अंकल भी थे.

आखिरी फिल्म
एक्टिंग की दुकान बंद हुई तो मैंने प्रोडक्शन और डायरेक्शन में ट्राई किया. हिना का तो आपको ऊपर बताया ही. ये फिल्म चली नहीं. पापा जी भी चले गए थे. 1996 में मैंने डायरेक्शन ट्राई किया. फिल्म का नाम था प्रेमग्रंथ. राज कपूर स्टाइल की फिल्म थी. गरीब देसी हीरोइन, रेप एंड ऑल. चिंटू भइया और माधुरी थे लीड रोल में. कुछ गाने हिट हुए, मगर फिल्म फ्लॉप हो गई. 1999 में फिर प्रॉडक्शन संभाला. आरके बैनर के लिए ही. आ अब लौट चलें बनी. इस बार चिंटू भइया डायरेक्टर बने. इसमें ऐश्वर्या थीं. अक्षय खन्ना थे. राजेश खन्ना साहब थे. गाने हिट हुए, मगर फिल्म ये भी नहीं चली. इसके बाद से आरके बैनर शांत है.

आरके की लास्ट फिल्म के दो साल बाद मैंने शादी कर ली. आरती सब्बरवाल से. आर्किटेक्ट थीं पेशे से वो. पर हमारी रास पटी नहीं. दो साल में ही डिवोर्स हो गया. तब से सिंगल हूं. बच्चे भी नहीं हैं. मुंबई में ही रहता हूं आजकल.

पत्नी आरती सब्बरवाल और राजीव कपूर
मैं राज कपूर का छोटा बेटा. राजीव कपूर. चल चिंपू. केक काटते हैं.
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ये स्टोरी सौरभ द्विवेदी ने 2016 में लिखी थी. राजीव कपूर के बड्डे पर इसे रीहैश करके हम दोबारा आपको आपको पढ़ा रहे हैं.