ये एक फिल्म का सीन था. लेकिन बिना किसी स्टंट डबल के. बिना किसी वीएफएक्स के. और हां, इसका बजट भी करोड़ों में नहीं था. ना ही इस सीन में सूर्या, महेश बाबू या विजय जैसा कोई सुपरस्टार था. फिर भी जिसने भी ये सीन देखा, बिना अचंभित हुए नहीं रह सका. क्योंकि सीन में जो बूम-बैम वाला एक्शन मचा रहे थे, वो दरअसल बड़े नहीं बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चे थे. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ये वीडियो खूब घूम रहा था. फेसबुक पर दमादम शेयर किया गया. देखने वाले एक यूज़र ने लिखा,
इससे साबित होता है कि आपको अपना टैलेंट दिखाने के लिए फैन्सी इक्विपमेंट्स की जरुरत नहीं. आपका पैशन ही काफी है.

लोगों ने फेसबुक पर कमेंट्स की बाढ़ ला दी.
दूसरे यूज़र ने लिखा,
वाह! ये तो विज़ुअल ट्रीट है. जिस तरह से इन्होंने पूरे सीन को कोरियोग्राफ किया, वो कमाल है. शॉट डिविज़न और कैमरा वर्क बेहतरीन है.

बिना तकनीकी जानकारी के भी बच्चों ने कमाल कर दिया.
एक और यूज़र ने लिखा,
ये इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के फ्यूचर स्टंट मास्टर्स हैं.

लोग इन्हें 'खोज' बताने लगे.
शुरू में जिस वीडियो की बात हुई, उसे मलयालम एक्टर उन्नी मुकुंदन ने भी शेयर किया था. जिन्होंने बच्चों के काम को प्योर टैलेंट बताया. वीडियो में पवन कल्याण की फिल्म ‘वकील साब’ का एक सीन रिक्रिएट किया गया था. साउथ से नॉर्थ आए इस वीडियो को जिसने भी देखा, बच्चों के टैलेंट पर हैरानी जताने से पीछे नहीं हटा. लेकिन ये पहला मौका नहीं था जब इन बच्चों के हिस्से इतनी तारीफ़ें आ रही थीं. पिछले साल भी बच्चों के इस ग्रुप ने एक फेमस फिल्मी सीन रिक्रिएट किया था. जिसे देखकर सब दंग रह गए थे. फिल्मी सीन्स को अपने तरीके से रिक्रिएट करने का चलन कोई नया नहीं. खासतौर पर ऐसे दौर में जब यूट्यूब हर कोने तक पहुंच चुका है.
फिर इन बच्चों में और इनके काम में ऐसा क्या खास है कि लोग इन्हें इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का फ्यूचर बता रहे हैं. यही जानने की कोशिश करेंगे.
