साब अपुन अलग है. अपन टिका रहेगा.ये एक क्रिमिनल और पुलिसवाले के बीच की डायलॉगबाज़ी है. अगर आपने सलमान खान की फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ का ट्रेलर देखा होगा, तो समझ जाएंगे कि यहां कौन क्रिमिनल है और कौन पुलिसवाला. लेकिन शुरू में सुना डायलॉग शायद आपने पहली बार न सुना हो. 2018 में एक मराठी फिल्म आई थी. वहां भी पुलिसवाले और क्रिमिनल के बीच यही कॉन्वर्ज़ेशन होता है. वो फिल्म थी ‘मुलशी पैटर्न’. सलमान खान अब जिसका हिंदी रीमेक ला रहे हैं. ‘अंतिम’ के नाम से.
इस दुनिया में कुछ नहीं टिकता, सिवाय प्लास्टिक के.
तो आप ऐसा समझो कि अपुन प्लास्टिक है.

'अंतिम' बस द सलमान खान फिल्म बनकर न रह जाए.
हिसाब से ‘अंतिम’ को ‘द सलमान खान फिल्म’ नहीं कहलाना चाहिए, लेकिन कहलाएगी. इससे पहले भाई के फैन्स हमपर बिगड़े, हम ऐसा कहने की वजह बता देते हैं. ‘अंतिम’ में सलमान भाई एक पुलिसवाले बने हैं. और अगर आप ट्रेलर देखेंगे तो पाएंगे कि वहां पुलिसवाले और क्रिमिनल को बराबर फुटेज मिली है. लेकिन वास्तविकता में ऐसा केस नहीं है. मतलब ‘मुलशी पैटर्न’ सिर्फ एक पुलिसवाले और क्रिमिनल के बीच के चेज़ की कहानी नहीं है. तो फिर किस बारे में है ‘मुलशी पैटर्न’, अब उसपर बात करेंगे.
‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ 26 नवंबर को सिनेमाघरों पर रिलीज़ होगी. ये हिंदी फिल्म आने से पहले हमने ‘मुलशी पैटर्न’ देख डाली. ताकि आपको बता सकें उन फैक्टर्स के बारे में जहां सलमान खान की फिल्म पिछड़ सकती हैं, और साथ ही वो चीज़ें जो वो ओरिजिनल से बेहतर कर सकती है.
