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मां, सोशल मीडिया पर आज अनवर तुम्हारे हाथ की भिंडी भी खा लेगा!

आज मदर्स डे है, इसलिए तुम्हें खाने में मिर्ची तेज रखने की छूट है.

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मां, मेरी मां, प्यारी मां....! तुम सोशल मीडिया पर अपना घर क्यों नहीं बसा लेतीं. देखो आपके फरमाबरदार बेटे कितनी खूबसूरत बातें आपकी शान में लिख रहे हैं. "लव यू मॉम" कहते कहते प्यारी बेटियों के लबों पर खुश्की आ जा रही है. मां तुम देख भी पा रही हो या नहीं. या फिर बच्चों की भूख मिटाने के लिए चूल्हा संभाले बैठी हो. सोशल मीडिया पर मां ही मां है, लेकिन मां तुम्हारी ये खामोशी बता रही है कि तुम इस बात की उलझन में बैठी हो रात को खाने में क्या बनाऊं, क्योंकि अनवर को भिंडी पसंद नहीं है, फौजिया को गोश्त से एलर्जी है और उनके पापा दाल पसंद नहीं करते हैं. फिर भी तुम सबकी पसंद पूरी कर देती हो. पसंद में जरा सी मिर्च तेज हुई तो खाना धरा रह जाता है और तुम्हारी मेहनत बेकार. वैसे तुम बेकार की उलझन में बैठी हो. मां आओ तुम्हें सोशल मीडिया की सैर करा दूं. देखो तुम्हारे बच्चे सुधर गए हैं. यहां सब अच्छा-अच्छा है. अनवर आपके हाथ की भिंडी खा लेगा. जो तुम परोस दोगी उसपर जरा भी चूं चरा नहीं करेगा. गुस्सा भी नहीं होगा, क्योंकि वो तो तुमसे बेहद प्यार करता है. यकीन नहीं आ रहा न तुमको, क्योंकि आज तक तुमने अनवर को मनमानी करते और झिड़कते ही देखा है. चलो तसल्ली करने के लिए आज का उसका फेसबुक स्टटेस चेक कर लो. पक्का तुम्हारी आंखें भर आएंगी इतनी मोहब्बत देखकर. फौजिया ने तुमसे बात करना बंद कर दिया था, क्योंकि तुमने उसके पापा को उसके लिए स्कूटी खरीदने से मना कर दिया था. तुम्हें उसकी फिक्र थी. एक्सीडेंट न हो जाए या फिर कहीं कुछ रास्ते में कोई और अनहोनी न हो जाए. फौजिया ने तुम्हारे लाख निहोरे करने के बाद भी पूरा दिन खाना नहीं खाया था न. देखो वही फौजिया आज कई साल पुरानी तुम्हारे साथ खींची गई तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर कर रही है. उस तस्वीर पर उसने कैप्शन भी दिया है. "मेरी मां मेरी जिंदगी, लव यू मॉम" तुम भी न बेकार की फिक्र में मरी जा रही थीं कि बच्चे पता नहीं बड़े होकर किसके नक्शे कदम पर चलेंगे. अब मैं क्या बताऊं तुम खुद ही सोशल मीडिया पर देख लो वो तो अपना आइडल तुमको ही मानते हैं. मां सच कहूं सारे बहन भाइयों पर बेइंतेहा प्यार आ रहा है. मन कर रहा है कि सबके स्टटेस को चूमता रहूं, जो तुम्हारी ममता में उमड़ पड़े हैं. फ्रेम कराकर रख लूं. और अपने होने वाले बच्चों को दिखाऊं कि देखो मां से कैसे प्यार करते हैं. बस अफसोस इस बात का है, तुम ये सुख भोग नहीं पा रही होगी, क्योंकि तुम्हारा तो सोशल मीडिया पर अकाउंट ही नहीं है. उफ्फ! तुम इस प्यार से भी वैसे ही वंचित रह जाओगी, जैसे घर में सबकी ख्वाहिशें पूरी करने के चक्कर में अपनी ख्वाहिशों को किसी कोने में दफन कर देती हो. जैसे खाना कम होने पर कह देती हो कि मुझे भूख नहीं है, जैसे बीमार होने पर अगर कोई कह देता है कि दवाई ले आओ तो तुम झट से उठकर काम करने लगती हो कि नहीं मैं अब सही हूं. ऐसा तुम इसलिए करती हो ताकि बच्चों की स्कूल की ज़रूरतें पूरी होने में पैसे की कमी सामने न आ जाए. और तुम आराम नहीं कर पाती. बस मेरी तो ये ही दुआ है कि सोशल मीडिया में छेद हो जाए, ताकि उस छेद से प्यार रिसकर तुम तक पहुंच जाए. जो इस वक़्त बरस रहा है. मां तुमसे एक बात कहूं बुरा न मानना. देर रात तुम अब बच्चों का इंतजार न करना बेफिक्र होकर सो जाना, वो क्या है न कि आज दोस्तों के साथ पार्टी में आने से लेट हो जाएंगे. या फिर ऑफिस में बहुत काम होगा. या फिर कहीं और जाना होगा. वैसे फेसबुक, ट्विटर पर तो अपडेट कर ही दिया गया है. खैर, सारे बच्चे बहुत प्यारे हैं. अगर तुम सोशल मीडिया पर नज़र डालोगी तो इस बात का एहसास कर सकोगी. तुम वैसे ही शिकायत करती रहती हो कि बच्चे काम को नहीं सुनते, मोबाइल में लगे रहते हैं. देखो वो मोबाइल में क्या करते हैं. आपसे प्यार करते हैं. अब उन्हें इस बात पर न डांटना कि मोबाइल में लगे रहते हैं. भले ही आपकी बात न सुनी जाए कम से कम एक दिन तो मां की अहमियत का बखान हो जाता है. आपके साथ सेल्फी खींचकर फेसबुक पर न डालने वाला आपका नालायक बेटा!