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'किताब सिस्टम', ससुर से नज़दीकी या बुआ से धोखा...मायावती ने आकाश आनंद को किनारे क्यों किया?

Mayawati ने एक तरफ आकाश को बाहर का रास्ता दिखाया. दूसरी तरफ उनकी जगह उनके पिता Anand Kumar को और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम को BSP का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया है.

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आकाश आनंद के साथ मायावती की पुरानी तस्वीर. (PTI)

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने 3 मार्च को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया. उन्होंने कहा कि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं है और जब तक वह जीवित हैं, तब तक पार्टी के कामकाज को खुद ही संभालेंगी. ये दूसरा मौका है जब आकाश को मायावती ने सभी पदों से हटा दिया है. मायावती ने कहा कि आकाश को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की वजह से पार्टी के पदों से हटा रही है. पर सवाल है कि क्या कहानी सिर्फ उतनी भर है जितनी मायावती बताना चाह रही हैं? अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही बसपा में लगातार उठापटक क्यों चल रही है? इसकी वजह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है या पारिवारिक कलह?

क्यों निकाले गए आकाश आनंद?

आकाश आनंद को जानने वाले लोग उनके बारे में बताते हैं कि वह विचारधारा की राजनीति को अहम मानते हैं. मायावती ने जब अपने भतीजे को पहली बार को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी तब से वो काडर को मजबूत करने पर तवज्जो दे रहे थे. राजनीति में हर पार्टी के काम का एक स्टाइल होता है. मायावती भी लंबे समय से अपना स्टाइल चलाती आ रही हैं. पार्टी के कामकाज को बुआ और भतीजे के तौर-तरीकों में अंतर दिखा. दोनों के बीच सबसे पहला टकराव यहीं हुआ.

लेकिन आकाश आनंद की शादी के बाद मायावती को कुछ चीज़ें अखरने लगी थीं. दरअसल, मायावती के करीबी उन्हें लगातार ये समझाने की कोशिश कर रहे थे कि अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद, मायावती को नज़रअंदाज कर रहे हैं. अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने दक्षिण के राज्यों की जिम्मेदारी दी थी. पार्टी के अंदर के सूत्र बताते हैं कि मायावती को ऐसा समझ आया कि दक्षिण में पार्टी को मिलने वाला चंदे के बारे में उन्हें बताया ही नहीं जा रहा था. अशोक पर ऐसे कई और आरोप लगे, जो मायावती को लगातार परेशान कर रहे थे.

यूपी में आजतक के ब्यूरो चीफ कुमार अभिषेक बताते हैं-

मायावती को ऐसा लगने लगा था कि जैसे अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद ने पार्टी ने एक पैरलल लीडरशिप बना दी है. और दोनों नेता मायावती को किनारे कर खुद पार्टी चलाने की कोशिश कर रहे हैं. बसपा सुप्रीमो के करीबीे उन्हें लगातार ऐसा बताते रहे. इसलिए उन्होंने अपने लिए खतरा पनपने से पहले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

मायावती ने एक तरफ आकाश को बाहर का रास्ता दिखाया. दूसरी तरफ उनकी जगह उनके पिता आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम  को बसपा का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया. आनंद कुमार को भी मायावती ही राजनीति में लेकर आईं थीं. और आकाश को भी उन्होंने ही मौका दिया. लेकिन ससुर के साथ आकाश की नज़दीकी मायावती को पसंद नहीं आ रही थी. मायावती काफी समय से अशोक सिद्धार्थ से नाराज़ थीं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने अशोक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया था. मायावती की अशोक से नाराज़गी को पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एक उदाहरण से समझाते हैं. हाल ही में अशोक सिद्धार्थ के घर में शादी थी. मायावती ने पूरी पार्टी को अल्टीमेटम जारी कर दिया था कि शादी में कोई नहीं जाएगा.

मगर आकाश के लिए यह सिर्फ पार्टी का नहीं, पत्नी के परिवार का मामला भी था. आकाश शादी में शरीक हुए, जिसे मायावती के आदेश का उल्लंघन माना गया.

इस सबके इतर मायावती और आकाश आनंद के बीच मतभेद का एक और कारण बताया जाता है.  मायावती की किताब को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं. दरअसल, उनके जीवन परिचय और राजनीतिक की इस किताब का कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है. पार्टी के वरिष्ठ नेतागण इसे खरीदते हैं और प्रचार-प्रचार के तौर पर किताबें बाटीं जाती हैं. आरोप लगते रहे हैं कि पार्टी के चंदे में इसका अहम योगदान होता है. सूत्र बताते हैं कि आकाश आनंद ने पार्टी के कामकाज पर मायावती की लगभग सभी बातें तो मान ली थीं. लेकिन किताब को लेकर उनकी असहमति बनी हुई थी. जो मायावती को असहज कर रही थी.

वीडियो: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को BSP के सभी पदों से हटाया, BSP ने बनाए दो राष्ट्रीय संयोजक