उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खुला नया 'लुलु' मॉल सुर्खियों में है. 11 एकड़ में करीब 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना देश का यह सबसे बड़ा शापिंग मॉल खुलने से पहले अपने स्ट्रक्चर और खूबसूरती को लेकर चर्चाओं में था. लेकिन, उद्घाटन के चार दिन बाद यह नमाज पढ़े जाने को लेकर विवादों में घिर गया. लुलु मॉल को लेकर छिड़ी इन चर्चाओं के बीच एक चर्चा इस को बनाने वाले LuLu Group International की भी है.
लखनऊ में देश का सबसे बड़ा मॉल बनाने वाले 'लुलु ग्रुप' का ये नाम कैसे पड़ा?
उद्घाटन के चार दिन बाद नमाज पढ़े जाने को लेकर लुलु मॉल विवादों में घिर गया.


फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ग्रुप के स्टोर्स मिडिल ईस्ट, एशिया, अमेरिका और यूरोप सहित 22 देशों में हैं. दुनिया में इस ग्रुप के कुल 235 रिटेल स्टोर और कई शॉपिंग मॉल हैं. LuLu Group International का कारोबार अरब देशों, खासतौर पर संयुक्त अरब अमीरात में काफी फैला हुआ है. इस ग्रुप का हेड क्वार्टर भी UAE की राजधानी अबू धाबी में है. LuLu ग्रुप का सालाना टर्नओवर 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (639 अरब रुपये से अधिक) का है.
क्यों रखा गया 'लुलु' नाम?लुलु ग्रुप का मुख्य बिजनेस अरब देशों में होने के चलते इसका नाम अरबी शब्द 'लुलु' पर रखा गया. आजतक से जुड़े कबूल अहमद के मुताबिक 'लुलु' का मतलब मोती होता है. लुलु शब्द का जिक्र कुरान के सूरा रहमान में और कुरान के आयत नंबर 22 में है. युसूफ अली ने बस इसी को ध्यान में रखते हुए अपने ग्रुप का नाम लुलु रखा. इस नाम के पीछे का एक मकसद अपने ब्रांड को तेजी से अरब देशों में स्थापित करना भी था.

एमए यूसुफ अली लुलु इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. उनका जन्म 15 नवंबर 1955 को केरल के एक गांव में हुआ था. ग्लोबल फ़ोर्ब्स लिस्ट में 589वीं रैंक के साथ इनकी नेटवर्थ कुल 4.7 बिलियन डॉलर है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1973 में यूसुफ अली अपने चाचा के छोटे से डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस से जुड़ने के लिए अबू धाबी चले गए थे. वहां जाते ही उनकी किस्मत बदल गई. उन्होंने अबू धाबी में छोटा शॉपिंग स्टोर खोला. इसके बाद धीरे-धीरे अपने कारोबार को बढ़ाते चलते गए. 1990 के दशक में अली ने अबू धाबी में पहला लुलु हाइपरमार्केट खोल दिया. साल 2000 में यूसुफ अली ने पूरे गल्फ में लुलु हाइपरमार्केट ग्रुप की शुरुआत की.
यूसुफ अली की 3 बेटियां हैं. उनका पूरा परिवार अबू धाबी में रहता है और बिजनेस संभालता है. अरब देशों के शाही परिवारों से भी एमए यूसुफ अली की काफी करीबियां हैं. बताया जाता है कि अप्रैल 2020 में अबू धाबी के शाही परिवार के एक सदस्य ने LuLu Group में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 80 अरब रुपए) का निवेश कर 20% की हिस्सेदारी खरीदी थी.

लुलु ग्रुप के मालिक यूसुफ अली का नाम दान देने वाले उद्योगपतियों में भी आता है. उन्होंने अगस्त 2018 में केरल बाढ़ के पीड़ितों के लिए करीब 9 करोड़ रुपये की मदद दी थी. इसके अलावा युसूफ अली ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भी 54 करोड़ का दान दिया था.
गल्फ में बिजनेस जमाने के बाद 2006 में युसूफ अली ने भारत का रुख किया. उन्होंने अपने मूल निवास स्थान केरल के त्रिशूर में एक होटल शुरू करके भारत में अपने बिजनेस की शुरुआत की. 2013 में उन्होंने त्रिशूर स्थित कैथोलिक सीरियन बैंक (CSB) के 4.99 फीसदी और त्रिशूर स्थित धनलक्ष्मी बैंक के 4.99 फीसदी शेयरों को खरीदा. 2013 में उन्होंने अलुवा स्थित फेडरल बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 4.47 फीसदी कर दी.

2014 में युसूफ अली ने साउथ इंडियन बैंक, त्रिशूर स्थित एक अन्य बैंक की 2 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया. इसके बाद उन्होंने कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 9.37 फीसदी हिस्सेदारी ले ली. साल 2019 में युसूफ अली ने केरल के थ्रिप्रयर और त्रिशूर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू किया. अक्टूबर 2021 में उन्होंने बेंगलरु में एक और मॉल खोलकर भारत में अपना तीसरा शॉपिंग मॉल शुरू किया. फिर दिसंबर 2021 में चौथा मॉल केरल के तिरुवनंतपुरम में खोला, और पांचवां हाल ही में लखनऊ में शुरू हुआ. इसे भारत का सबसे बड़ा मॉल बताया जा रहा है.
वीडियो देखें : लुलु मॉल में नमाज़ के विरोध में हनुमाल चालीसा का मामला बढ़ता जा रहा











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