केरल का सेंट अलफॉन्सा पब्लिक स्कूल कुछ दिनों से विवाद में है. सोशल मीडिया पर इस स्कूल की एक तस्वीर वायरल हुई थी. इस तस्वीर में 3 लड़कियां थीं, जिन्होंने स्कूल यूनिफॉर्म पहन रखा था. और सारा विवाद स्कूल यूनिफॉर्म की डिजाइन को लेकर हुआ था. यूनिफॉर्म का डिजाइन कुछ ऐसा है, जिसमें लड़कियों के ब्रेस्ट का शेप दिख रहा था. और लोगों के लिए ये बेहद वल्गर था. कुछ लोगों ने ट्विटर पर स्कूल अथॉरिटी को लताड़ा तो वही कुछ ने वल्गर ना कहकर, खराब डिजाइन के बहाने अपना ठीकरा फोड़ा. सोशल मीडिया पर चल रही इस कंट्रोवर्सी पर स्कूल प्रिसिंपल सर रोजीली ने सफाई भी पेश किया था. उनका कहा था कि जो फोटो सोशल मीडिया में दिखाई जा रही है, वो असली नहीं है. मतलब फोटोशॉप का सहारा लेकर इसे वल्गर बनाया गया है. दूसरी तरफ कोझीकोड़े के नौशाद तेक्कयिल ने स्कूल के खिलाफ चाइल्ड राइट्स कमीशन में कंप्लेन दर्ज करा दी थी. अब इस मामले में ये हुआ है कि सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करने वाले फोटोग्राफर जकारिया पोकुन्नम को अरेस्ट कर लिया गया है. साथ ही फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर बोस ईपान पर पॉस्को के तहत केस दर्ज हुआ है. बोस ईपान का स्टूडियो स्कूल के बगल में ही है. और बोस ने तस्वीर लेने के बाद अपने दोस्त जकारिया से शेयर की थी. पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन ने फोटोग्राफर से उस तस्वीर को डिलीट भी करवाया है. पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन ने ये भी कहा है कि उनके अनुसार वो ड्रेस वल्गर नहीं है. लेकिन अगर कोई लड़की इस ड्रेस में कंफर्टेबल नहीं है तो ड्रेस के ऊपर ओवरकोट पहने सकती है. सीपीएम ने इस ड्रेस कोड के खिलाफ प्रोटेस्ट भी निकाला है.
यूनिफॉर्म में ब्रेस्ट शेप दिखने से आपको तकलीफ क्यों है? इन सारे कंट्रोवर्सी के बीच किसी यूजर ने स्कूल की यूनिफॉर्म फिर से शेयर की. और वो फोटो आपको कहीं से वल्गर नहीं लगेगी. क्यों? क्योंकि इस यूनिफॉर्म में जो बच्ची है, उसके ब्रेस्ट का शेप आपको नहीं दिख रहा है. चलिए हम दोनों ही बातों को मान लेते हैं. हो सकता है यूनिफॉर्म का डिजाइन वैसा ही हो, जैसा आप सोच रहे हैं. तो इसमें क्या बुराई है? कहीं बुराई उनका लड़की होना ही तो नहीं है? जाहिर सी बात है कि लड़कियां हैं तो ब्रेस्ट होगा ही. लेकिन सिर्फ ब्रेस्ट होने के कारण आपकी नजर में वो तीन स्कूली छात्राएं, 'बच्ची' नहीं रही. फोटो वायरल करने वालों की नजर में वो लड़कियां बच्ची न होकर पोर्नोग्राफी मसाला हो गईं. जिसे देखकर उनके अंदर कुछ समय के लिए वो मर्द जाग जाता है, जो उस समय बस उसे भोगना चाहता है. धड़ाधड़ इस फोटो को शेयर करने वालों को खुद से पूछना चाहिए कि क्या उन्हें सच में स्कूल यूनिफॉर्म से दिक्कत है? या यूनिफॉर्म में दिख रही लड़कियों से? जो कि मोटी हैं, बल्की हैं. मोटी लड़कियों के प्रति हमारे समाज में एक अलग ही मानसिकता होती है. मोटी लड़कियों के कपड़े कसे होते है. और कसे कपड़ों को देखकर आपका खून गरम हो जाता है. आपकी नसें तन जाती है. तो अपनी मानसिकता के लिए यूनिफॉर्म को क्यों कोसना. बुराई या अश्लीलता इस ड्रेस में नहीं, आपकी नजरों में है. यूनिफॉर्म तो बस बहाना भर है, अपनी भड़ास निकालने का. ये लड़कियां किसी और भी ड्रेस में होती तो आपकी नजर उनकी जांघ, उनकी छाती को ढूंढ ही लेती. अब अगर हम प्रिसिंपल की बात मानें कि इस फोटो को फोटोशॉप के जरिए वल्गर बनाया गया है. तो ये एक अलग ही लेवल की नीचता है. फोटोशॉप करने वाले इंसान ने भी अपनी कुंठा ही निकाली है. ये ठीक वैसे ही जैसे कुछ लड़के लड़कियों को परेशान करने के लिए या अपनी ठरक मिटाने के लिए लड़कियों की इमेज को खराब करते हैं. या उनके कपड़ों को चोरी करके मास्टरबेट करते हैं.
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