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'अमित शाह से काम मांगा, फिर...' मनोज सिन्हा ने बताया, वे कैसे बने जम्मू-कश्मीर के LG?

मनोज सिन्हा लल्लनटॉप से इंटरव्यू में बोले- जब पहली बार उन्होंने सुना कि उन्हें जम्मू-कश्मीर के दूसरे लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर नियुक्त किया गया है तब उन्हें यह अटपटा लगा था.

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मनोज सिन्हा ने अभी तक कुल 8 लोकसभा चुनाव लड़े हैं. (फ़ोटो/आजतक)

लल्लनटॉप के पॉलिटिकल इंटरव्यू में इस बार बात हुई जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से. मनोज सिन्हा ने अभी तक कुल 9 लोकसभा चुनाव लड़े. साल 1984, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में. इनमें से 1996, 1999 और 2014 का चुनाव वे जीते हैं. बातचीत में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका नाम आने के पीछे की कहानी, कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं, बढ़ती टारगेटेड किलिंग, वोट बैंक के लिहाज़ से बाहरी लोगों को बसाने, ठग संजय प्रकाश राय शेरपुरिया से जान-पहचान, नेताओं को नज़रबंद करने समेत अन्य कई ज़रूरी मुद्दों पर खुलकर बात की. लेकिन इन सबमें से एक अहम सवाल उनसे हुआ कि आखिर वो जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कैसे बने? इस निर्णय के पीछे कौन था? क्या है पर्दे के पीछे की कहानी?

इस सवाल पर उन्होंने बताया कि इस बात कि मुक्कमल जानकारी उन्हें नहीं हैं कि कैसे उन्हें उपराज्यपाल बनाए जाने का निर्णय लिया गया. वो अमित शाह से कोविड-19 के दौरान जून के महीने में मिले थे. उस समय अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक मीटिंग करके आ रहे थे. उन्होंने कहा, 

“एक साल पहले जो मेरी अमित शाह जी से बात हुई थी, वो मिलके मैंने उनको याद दिलाई थी. मैंने उनसे कहा था कि मेरे पास समय है, तो कोई काम? जवाब में उन्होंने कहा कि आपको काम दिया जाएगा. बाद में दिल्ली में कोविड का प्रभाव बढ़ने लगा तो मैं बनारस चला गया. जुलाई का अंतिम सप्ताह था, अमित शाह जी का फ़ोन आया, उन्होंने मुझे बुलाया, मेरी उनसे चर्चा हुई. बाद में उन्हें कोविड हो गया. वहां से फ्री होकर मैंने भी कोविड का टेस्ट करवाया. मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई.”

उन्होंने आगे बताया कि हॉस्पिटल से ही अमित शाह ने उन्हें फ़ोन किया और पूछा कि वो कहां हैं. उन्होंने कहा,

“मैं दिल्ली आ गया हूं. बाद में 4 अगस्त को मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला. उस बातचीत से मुझे थोड़ा संकेत मिला और 6 अगस्त 2020 को नोटिफिकेशन आया कि मुर्मु साहब को हटाकर जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी के दूसरे लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर मुझे नियुक्त किया गया है.”

उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी का उपराज्यपाल बनाया जाएगा. जब पहली बार उन्होंने सुना कि उन्हें जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी के दूसरे लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर नियुक्त किया गया है, तब उन्हें यह सुनकर अटपटा लगा था. उनकी ये बनने की इच्छा भी नहीं थी. लेकिन पार्टी अगर कोई जिम्मेदारी देती है, तो वो सोच समझ कर देती है इसलिए यह फैसला उन्होंने स्वीकार कर लिया. 

LG मनोज सिन्हा का ये पूरा इंटरव्यू 15 अगस्त को शाम 4 बजे लल्लनटॉप के सभी चैनल्स पर रिलीज होगा. अगर आप उनकी पूरी कहानी जानना चाहते हैं तो ये इंटरव्यू समय निकालकर जरूर देखें. 

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