क्या वाकई में उपाय कारगर है?
हमने जब लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि उपाय बिल्कुल कारगर है. इसके पीछे का लॉजिक यह है कि अंडे की ट्रे कागज की लुगदी से बनती है और इसमें नमी होती है. नमी होने की वजह से यह धीरे-धीरे जलती है, जिससे खूब धुआं होता है. चूंकि मच्छर या कीड़े-मकोड़े धुएं के आसपास नहीं फटकते इसलिए मच्छरों से बचाव हो जाता है.
क्या ये तरीका सेफ है?
यह तरीका दिखता तो बहुत अतरंगी है, लेकिन क्या यह सेफ भी है. इसके लिए हमने डॉक्टरों से बात की. दिल्ली एमसीडी में सीनियर फिजीशियन रह चुके डॉक्टर अनिल बंसल का कहना है कि किसी भी तरह का धुआं शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. अंडे की ट्रे में कागज के अलावा दूसरे जहरीले पदार्थ भी होते हैं, जब उन्हें जलाया जाता है तो और भी जहरीला धुआं पैदा होता है. बेहतर होगा कि ऐसे धुएं से बचा जाए. सांस के मरीजों को तो इस तरह के धुएं के आसपास कतई नहीं जाना चाहिए.

अंडे वाली ट्रे जलाने से मच्छर भागते तो हैं, लेकिन इससे इंसानी शरीर को भी नुकसान हो सकता है.
मच्छर कैद करने वाली मशीन मार्केट में हर साल मच्छर भगाने की कोई न कोई अतरंगी तकनीक भी देखने को मिलती है. ऐसी ही एक खास मशीन हमें नजर आई. इस मशीन को बनाने वालों का दावा है कि मच्छर इस मशीन की तरफ खिंचे चले आएंगे और इसमें कैद हो जाएंगे. इससे न धुआं न निकलता है और न ही इसमें कोई दवाई रीफिल करने की जरूरत है. बस इसे लैंप की तरह जला दीजिए और मच्छर-मक्खी इसकी तरफ खिंचे चले आएंगे. जैसे ही ये मशीन के पास आएंगे, मशीन में लगा एक छोटा सा पंखा इन्हें अपने भीतर खींच लेगा. बस हो गया काम-तमाम मच्छरों का.
क्या वाकई तरीका कारगर है?
इस पर इस्तेमाल करने वालों की राय बंटी हुई है. हालांकि ज्यादातर लोग ऐसे ही मिले जिन्होंने इसे कम असरदार ही बताया. हमारे एक साथी देवेंद्र ने ऐसा की एक लैंप ट्राई किया था, लेकिन उन्होंने बताया कि यह पैसे की पूरी तरह से बर्बादी साबित हुआ, क्योंकि मच्छर उस मशीन के आसपास मंडराते रहते हैं और मशीन कुछ नहीं करती.

मच्छरों को पकड़ के जमा करने का यह आइडिया भले ही सुनने में अच्छा लगे लेकिन इसे इस्तेमाल करने वाले संतुष्ट नहीं दिखे.
मच्छर भगाने वाले ऐप अब तकनीक की बात चली है तो ऐप कैसे पीछ रह जाएं. एड्रॉयड से लेकर आईओएस तक पर ऐसे कई ऐप हैं, जो आवाज पैदा करके मच्छर भगाने का दावा करते हैं. ऐसे कुछ ऐप हैं Anti Mosquito Repellent Sound और Ultrasound Barrier आदि. हमने ऐसे ऐप पहले ट्राई भी किए हैं. हर हफ्ते इस तरह के नए ऐप डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध रहते हैं. इन ऐप को डाउनलोड करने पर यह अलग-अलग तरह की आवाजें निकालते हैं. दावा किया जाता है कि इन आवाजों से मच्छर-मक्खी क्या, कुत्ता बिल्ली तक भाग जाएंगे.
क्या वाकई कारगर हैं?
ये सभी ऐप किसी काम के नहीं हैं. इनसे तरह-तरह आवाज निकालती हैं, लेकिन इनका असर न मच्छरों पर होता है और न दूसरे किसी प्राणी पर. हां इतना जरूर है कि कुछ देर के बाद आपको जरूर इन आवाजों से नफरत होने लगेगी.
कितना सेफ है?
इस तरह के ऐप का एक ही मकसद है. यूजर के फोन से डेटा को जमा करना. कई ऐसे ऐप भी हैं जो इंस्टॉल होने के बाद फोन का डेटा हैक भी कर सकते हैं. बेहतर होगा कि ऐसे किसी भी ऐप को डाउनलोड न करें.

गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर कई ऐसे ऐप हैं जो आवाज निकाल कर मच्छर भगाने का दावा करते हैं लेकिन इनके दावे बस दावे ही हैं.
कुछ हर्बल हो जाए मच्छरों को भगाने के इन सब तरीकों के बाद मच्छर भगाने के कुछ हर्बल तरीके भी आपको बता देते हैं.
नीम और लैवेंडर का तेल
नीम के तेल को मच्छरों से छुटकारा पाने का रामबाण उपाय बताया गया है. हालांकि इसकी महक से कुछ लोगों को दिक्कत हो सकती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार नीम के तेल में एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. आप चाहें तो नीम के तेल को लैवेंडर ऑयल के साथ मिलाकर भी शरीर पर लगा सकते हैं. इससे मच्छर दूर रहेंगे.
नींबू और लौंग
एक नींबू को बीच से काट लें और उसमें कुछ लौंग धंसा दें. इस नींबू को उस जगह पर रख दें जहां मच्छरों के होने की आशंका सबसे अधिक हो. इस उपाय को करने से मक्खियां भी दूर रहती हैं.
बेबी क्रीम
अगर आपको ये पढ़कर हंसी आ रही है तो आपको बता दें कि ये कोई मजाक नहीं है. अगर घर में कोई बच्चा है, तो बेबी क्रीम तो घर पर होगी ही. इसे लगाकर आप मच्छरों से राहत पा सकते हैं.
लहसुन का पानी
लहसुन की 5 से 6 कलियों को कूट लें. इसे एक कप पानी में मिलाकर कुछ देर के लिए उबाल लें. इस पानी को एक स्प्रे बॉटल में भरकर घर के अलग-अलग कोनों में छिड़क दें. इसकी गंध से भी मच्छर दूर रहते हैं.

लहसुन के पानी से भी मच्छरों को भगाने का दावा किया जाता है.
ये तरीके कितने कारगर
दादी-नानी के ये नुस्खे बरसों से आजमाए जा रहे हैं. इनसे फायदे का दावा करने वाले ज्यादा हैं. आयुर्वेद में इस तरह के तरीकों को काफी मुफीद बताया गया है, लेकिन मॉडर्न साइंस इस पर ज्यादा भरोसा नहीं करता.
कितना सेफ है?
डॉक्टर बंसल का कहना है कि इन तरीकों के पीछे को साइंटिफिक कारण तो नहीं है लेकिन इन्हें आजमाने में लोगों को कोई हर्ज भी नहीं है. फिर भी अगर किसी की स्किन सेंसिटिव है तो किसी भी तरह का तेल या मिक्चर लगाने से पहले शरीर के किसी छोटे हिस्से पर लगाकर उसका असर देख लें. अगर कोई रिएक्शन नहीं होता तो इन नुस्खों को आजमाने में कोई दिक्कत नहीं है. सब पर भारी 'मच्छरदानी' हमने मच्छरों को भगाने के तरह-तरह के उपाय आजमाने वाले अपने साथियों से बेहतरीन उपाय के बारे में पूछा. सबने तरह-तरह के नुस्खे बताए, लेकिन जिस नुस्खे पर सब राजी हुए वह रहा मच्छरदानी. निर्विवाद रूप से यह बात मानी गई कि मच्छर से खुद को बचाने के लिए मच्छरदानी जैसा कारगर तरीका दूसरा नहीं है. इसे अपनी जरूरत के साइज में हिसाब से 150 रुपए से 1500 रुपए में खरीदा जा सकता है.
डॉक्टर बंसल भी इस बात से पूरी तरह इत्तेफाक रखते हैं कि मच्छरदानी लगा कर सोना मच्छरों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है.