सूरज बड़जात्या दादा जी की मान लेते तो 'हम आपके हैं कौन' नहीं होती !
ये फिल्म सूरज बड़जात्या ने डायरेक्ट की थी और प्रोड्यूसर थे उनके दादा जी ताराचंद बड़जात्या. ताराचंद ने राजश्री प्रोडक्शन्स नाम से प्रोडक्शन हाउस खोला था. इस फिल्म में बहुत सी नई चीज़ें ट्राय की गई थीं. जैसे कुछ सीक्वेंस रेगुलर तरीके से शूट करने के बजाए गानों में पिरो दिया गए थे. ऐसा ही एक सीक्वेंस था 'धिकताना-धिकताना' गाने का. जब सूरज ने ये फिल्म बनाकर अपने दादा जी को दिखाई, तो उन्हें ये गाना और सीक्वेंस इतना पसंद आया कि वो फिल्म का नाम ही 'धिकताना' रख देना चाहते थे. लेकिन सूरज के बहुत समझाने पर वो माने और फिल्म को 'हम आपके हैं कौन...!' नाम से रिलीज़ किया गया.

राजश्री प्रोडक्शन के मालिक और सूरज के दादा ताराचंद बड़जात्या. (फ़ोटो:दैनिक ट्रिब्यून)
'दीदी तेरा देवर दीवाना' नुसरत फ़तेह अली के गाने की कॉपी थी
फिल्म में कुल 14 गाने थे और सभी ज़बरदस्त हिट हुए थे. लेकिन एक गाना जो सबसे ज़्यादा फेमस हुआ था वो था 'दीदी तेरा देवर दीवाना'. लेकिन इस गाने के बारे में कहा जाता है कि इसकी 'प्रेरणा' फिल्म के म्यूज़िक डायरेक्टर राम-लक्ष्मण (म्यूज़िक डायरेक्टर विजय पाटिल इसी नाम से म्यूज़िक देते थे) को नुसरत फ़तेह अली खान के गाने 'सारे नबियां' से ली थी. हालांकि ये सब बातें भी इस फिल्म के गानों के लिए लोगों का प्यार कम कर पाई. फिल्म का एल्बम साल का सबसे ज़्यादा और 90 के दशक का चौथा सबसे ज़्यादा बिकने वाला साउंडट्रैक बना. इस एल्बम की तक़रीबन 1 करोड़ यूनिट्स बिकी थीं. सबसे खास बात ये कि इस फिल्म के बाद किसी भी फिल्म में लता मांगेशकर और एस.पी बालासुब्रमण्यम ने साथ गाना नहीं गाया.
शूटिंग के दौरान अनुपम खेर को लकवा मार गया था
फिल्म की शूटिंग के बीच में ही एक्टर अनुपम खेर को लकवा हो गया था. उनके शरीर का बायां हिस्सा ठीक से काम नहीं कर रहा था. इसीलिए फिल्म के एक सीन में जब पूरी फैमिली एक गेम खेल रही थी, तब अनुपम खेर ने 'शोले' वाले सीन की नक़ल की थी. इस सीन में उनका किरदार मुंह टेढ़ा करके धर्मेंद्र वाला डायलॉग बोलता है. अनुपम ने मुंह टेढ़ा किया नहीं था बल्कि लकवे की वजह से उनका मुंह टेढ़ा हो गया था. इसीलिए उनसे वही सीन करवाया गया.

फिल्म के उस सीन में अनुपम खेर. (फ़ोटो: यूट्यूब)
इस फिल्म के लिए माधुरी को सलमान से ज़्यादा पैसे मिले थे
कहा ये भी जाता है कि इस फिल्म के लिए माधुरी दीक्षित को सलमान खान से ज़्यादा फ़ीस मिली थी. और ये बताने वाले कोई और नहीं, उस फिल्म का हिस्सा रहे अनुपम खेर थे. उन्होंने ये बात महिला और पुरुष की समानता की बात करते हुए कही थी. इस फिल्म के लिए माधुरी दीक्षित को 2 करोड़ 75 लाख 35 हज़ार 729 रुपए मिले थे. ये उस दौर के लिए बहुत बड़ी रकम थी. इसकी वजह वाज़िब भी थी, क्योंकि माधुरी उस वक़्त सलमान से बड़ी स्टार थीं. हालांकि सलमान से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल टालने के अंदाज़ में कहा कि उन्हें नहीं लगता की ऐसा हुआ होगा.

फिल्म के एक सीन में माधुरी दीक्षित.(फ़ोटो: स्प्रिंग क्रीक स्टेशन)
मशहूर पेंटर एम.एफ हुसैन ने 70 से ज्यादा बार देखी थी 'हम आपके हैं कौन'
जब ये फिल्म रिलीज़ हुई तो इसकी दीवानगी सिर्फ आम लोगो में ही नहीं बल्कि मशहूर शख्सीयतों में भी थी. इसका एक मशहूर उदाहरण हैं चित्रकार एम.एफ हुसैन. हुसैन साहब को ये फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे 70 से भी ज़्यादा बार देखी. वो इस फिल्म के बाद माधुरी की ख़ूबसूरती और अदाकारी के फैन हो गए. इसके बाद उन्होंने माधुरी की कई पेंटिंग बनाईं. इतना ही नहीं, उन्होंने माधुरी को लेकर 'गजगामिनी' नाम की एक फिल्म भी बना डाली. फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई, ये और बात है.

माधुरी दीक्षित के साथ एम. एफ़ हुसैन.(फ़ोटो: रीडिफ़)
फिल्म इतनी बड़ी हिट हुई कि इसकी एक स्क्रीनिंग राष्ट्रपति भवन में भी हुई
'हम आपके हैं कौन' जब रिलीज़ हुई तो इसकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई थी कि सब लोग इसे देखना चाहते थे. इन्हीं सिनेप्रेमियों में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती विमला शर्मा भी शामिल थीं. उनके लिए इस फिल्म की एक स्पेशल स्क्रीनिंग राष्ट्रपति भवन में भी रखवाई गई जहां उन्होंने फिल्म देखी और देखकर उसके मेकर्स को बधाई दी. इसके बाद फिल्म के डायरेक्टर सूरज बड़जात्या की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.

भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा (फोटोःविकिमीडिया कॉमन्स)
अवॉर्ड्स की झड़ी लग गई थी
इस फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए 12 श्रेणियों में नॉमिनेट किया गया था, जिनमें से इसने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस समेत 5 अवॉर्ड्स अपनी झोली में डाले. लता मंगेश्कर, जिन्होंने इस फिल्म में 10 गाने गाए थे, एक अरसे से अवॉर्ड लेने बंद कर दिए थे. उन्हें रिक्वेस्ट करके इस फिल्म के गाने 'दीदी तेरा दीवाना' के लिए बेस्ट सिंगर का अवार्ड लेने के लिए ख़ास तौर पर बुलाया गया था. उन्होंने इस गाने से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि उन्हें ये गाना गाने का बिलकुल भी मन नहीं था और उन्होंने फिल्म के म्यूज़िक डायरेक्टर राम-लक्ष्मण से ये भी कहा था ये गाना नहीं चलेगा. बावजूद इसके उन्होंने ये गाना गया और ये इतना बड़ा हिट हुआ कि इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिला.

लता मंगेशकर
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