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हिडेन कैमरे का कैसे पता लगाएं? होटल का कमरा हो या बाथरूम इन तरीकों का इस्तेमाल जरूर करें

Hidden Camera: होटल के कमरे में टीवी, शीशा, रिमोट, बल्ब, घड़ी, टिशू बॉक्स हो या लैंप... अलग-अलग मामलों में ऐसी चीजों में छिपे हुए कैमरे पाए गए हैं. कमरे में जो भी चीज बिना जरूरत की लगे उसकी जांच जरूर करनी चाहिए. खासकर सजावटी चीजों की. इससे बचने के लिए तेज और सतर्क आंखों से जांच के अलावा कई तकनीकी उपाय भी हैं.

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हिडेन कैमरों को मोबाइल के कैमरे से पकड़ा जा सकता है. (तस्वीर: इंडिया टुडे/सोशल मीडिया)

बेंगलुरु में एक फेमस कॉफी चेन के लेडीज टॉयलेट में एक मोबाइल छिपाकर रखा गया था. मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन था. इस मामले में उसी कैफेटेरिया में काम करने वाले 23 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसी खबरें आती रही हैं. होटल का कमरा हो या कोई पब्लिक टॉयलेट. कई बार ऐसी जगहों पर हिडेन कैमरा (Hidden Camera) होने का खतरा हो सकता है. इस आर्टिकल में ऐसे तरीकों की बात करेंगे जिसके जरिए ऐसी जगहों पर हिडेन कैमरे का पता लगाया जा सकता है.

शुरूआती जांच सतर्क आंखों से

उदाहरण एक होटल कमरे का लेते हैं. हिडेन कैमरे का खेल बहुत हद तक उससे निकलने वाली लाइट पर निर्भर करता है. उस लाइट को पकड़ लिया तो कैमरा भी पकड़ में आ जाएगा. होटल के कमरे में पहुंचते ही सबसे पहले उन सभी संभावित जगहों की जांच करनी चाहिए जहां ऐसे कैमरे छिपाए जा सकते हैं. टीवी, शीशा, रिमोट, बल्ब, घड़ी, टिशू बॉक्स, लैंप… इसके अलावा कोई भी ऐसी चीज जिसकी कमरे में बहुत ज्यादा जरूरत ना हो. और ऐसा लग रहा हो कि उसे जबरदस्ती वहां रखा गया है. इसमें सजावट की चीजें भी हो सकती हैं. इन चीजों की जांच तेज और सतर्क आंखों से की जानी चाहिए. 

  • कमरे में अंधेरा करके फ्लैशलाइट के जरिए इन चीजों को नजदीक से देखने पर कैमरे का लेंस या उससे निकलने वाली लाइट दिख सकती है. 
  • अंधेरा करने के बाद मोबाइल का कैमरा ऑन करके कमरे में इधर-उधर घुमाइए (धीरे-धीरे). कहीं से भी कोई लाल या कोई अजीब रोशनी दिखे तो उसकी जांच करें. कारण- मोबाइल का कैमरा इन्फ्रारेड लाइट को आसानी से पकड़ लेता है.

कमरे में जरूरत से ज्यादा बल्ब हो तब तो उसे जरूर देखना चाहिए. कहीं उसमें मेमोरी कार्ड लगाने की जगह तो नहीं. या उस पर आईडी या पासवर्ड तो नहीं लिखा. जैसे ही ऐसा कुछ दिखे. सबसे पहले ध्यान इस बात पर कि बल्ब में मेमोरी कार्ड, आईडी या पासवर्ड का कोई काम नहीं होता. ये कैमरे होते हैं.

अतिरिक्त सुरक्षा के लिए ये अगर किसी लाइट का पता ना भी चले तो भी अगर ऐसी चीजों (टीवी, शीशा, रिमोट, बल्ब, घड़ी…) की जरूरत ना हो तो उस पर तौलिया रख देना चाहिए. या किसी तरह उन चीजों को ढ़क देना चाहिए.

घड़ी में छिपा Hidden Camera
Hidden Camera in Watch
होटल के वॉशरूम में लगी घड़ी/हिडेन कैमरा. (तस्वीर: सोशल मीडिया)

इस तस्वीर को देखिए. ये एक साधारण-सी दिखने वाली घड़ी है. लेकिन शंका इसे लगाने की जगह को लेकर है. दरअसल, इस घड़ी को एक होटल के वॉशरूम में लगाया था. ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले दिमाग यही ठनकना चाहिए कि आखिर वॉशरूम में घड़ी का क्या काम? और ये सवाल आते ही इसकी जांच की चाहिए. ऐसा ही किया भी गया. मोबाइल फ्लैशलाइट के जरिए इसे नजदीक से देखा गया तो एक हिडेन कैमरा दिखा. बहुत ही चालाकी से इसे ऐसी जगह पर लगाया गया था जहां मुश्किल से किसी का भी ध्यान जाए.

Hidden Cameras
अलग-अलग मामलों में छिपाए गए हिडेन कैमरे. (तस्वीर: सोशल मीडिया)

ये तो हो गई जागरूकता और बेसिक तकनीक की बात. अब कुछ एडवांस तरीका भी है. एक तरीका तो लाइट का था अब दूसरा खेल है वाईफाई कनेक्शन का. अगर कहीं कैमरा लगा है तो उसके फुटेज को रिकॉर्ड करने के लिए एक स्टोरेज सिस्टम भी होगा. अधिकतर हिडेन कैमरों में तार नहीं होते. ऐसे इन्हें छिपाना आसान होता है. ऐसे में इन्हें वाईफाई कनेक्शन के जरिए मॉनीटर या स्टोरेज सिस्टम से जोड़ा जाता है. इसका पता लगाने के लिए वाईफाई फाइंडर ऐप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन ये थोड़ा-सा टेक्नीकल होगा. वाईफाई कनेक्शन के टाइप को देखकर पता लगाना होगा कि कहीं ये किसी कैमरे का कनेक्शन तो नहीं. इसे आसान करने का एक और तरीका है. कुछ ऐसे ऐप्स आते हैं जो इस काम को आसान कर देते हैं. मतलब कि वो वाईफाई कनेक्शन के नेचर का पता लगाते हैं. और अगर इसमें से कोई किसी कैमरे या अजीब तरह के डिवाइस से जुड़ा होता है तो उसे बता देते हैं. ऐसा ही एक ऐप है- Fing. ये ऐप फ्री है. अधिकतर जानकार इसे रिकमेंड करते हैं. इसके अलावा भी कई ऐप्स मिल जाते हैं. जिसके लिए ऐप स्टोर पर ‘Spy Camera Detector’ या ‘Hidden Camera Detector’ सर्च करना है.

इसके अलावा कुछ एडवांस मशीन भी आते हैं. जैसे- रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर, लेंस डिटेक्टर या एडवांस लेंस डिटेक्टर. इन मशीनों के जरिए आसानी से इन कैमरों का पता लगाया जा सकता है.

Hidden Camera Detector
इन मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

ऐसी किसी भी परिस्थिति में तत्काल पुलिस में शिकायत करनी चाहिए. और प्राइवेसी तो हम सबका अधिकार है. इसका मतलब है कि हमें ऐसी जगहों पर इतनी मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए थी.

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