अधिकांश लोगों को नहीं पता होता कि विदेश से सोना या अन्य सामान कितनी मात्रा में ला सकते हैं. इसके नियम क्या हैं? तय सीमा से ज्यादा सोने या अन्य सामान लाने पर क्या हो सकता है? आसान भाषा में हम इसी पर बात करेंगे.
कितना सोना ला सकते हैं
एक आम धारणा है. कई लोगों को आपने ये कहते सुना होगा कि विदेश से आने वाला व्यक्ति जितना मर्जी जूलरी पहनकर आ सकता है. पहनी हुई जूलरी पर टैक्स नहीं देना पड़ता. पहली बात ये कि ये बिल्कुल गलत धारणा है. आप सोने की जूलरी पहनकर आएं या बांधकर ले आएं, तय सीमा से ज्यादा लाएंगे, तो मुसीबत हो सकती है.दुबई को सोना के खरीदारों का स्वर्ग कहा जाता है. इसे 'सिटी ऑफ गोल्ड' के निकनेम से भी जानते हैं. लोग दुबई से इसलिए सोना खरीदना चाहते हैं, क्योंकि टैक्स नहीं देना पड़ता. कहने का मतलब है कि दुबई से सोना खरीदने पर वैट या सेल्स टैक्स नहीं देना पड़ता. अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा, तो सोना थोड़ा सस्ता मिलेगा.

Baggage Rules, 2016 के मुताबिक, सभी मेल पैसेंजर, जो दुबई या किसी और देश में कम से कम एक साल से रह रहे हों, वो 20 ग्राम तक की सोने की जूलरी लेकर आ सकते हैं. लेकिन इसकी कीमत 50 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यानी अगर कोई पुरुष 20 ग्राम सोना विदेश से लेकर आता है, तो यह ड्यूटी फ्री होगा. टैक्स नहीं देना होगा. वहीं महिलाओं के लिए 40 ग्राम सोना, जिसकी कीमत एक लाख से ज्यादा न हो, लेकर आ सकती हैं. इस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. कम से कम एक साल से वहीं रहने वाला नियम महिलाओं और बच्चों पर भी लागू होता है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये नियम सिर्फ सोने की जूलरी पर लागू होता है. सोने के सिक्के, बिस्किट या अन्य चीज पर नहीं.
तय सीमा से ज्यादा सोना नहीं ला सकते?
जवाब है, बिल्कुल ला सकते हैं. लेकिन आपको देना होगा भारी-भरकम टैक्स. आप एक किलो तक सोना विदेश से ला सकते हैं. लेकिन इस पर एक्साइज ड्यूटी देनी होगी, जो कि 12.5 प्रतिशत है. एक किलो से ज्यादा सोना लाने पर 36.05 फीसदी टैक्स देना होगा. यदि आपके पास तय सीमा से अधिक सोना है, तब आपको अपने साथ संबंधित बिल वैगरह रखना होगा. आपको डिक्लियर भी करना होगा. सोने से संबंधित सारी जानकारी देना जरूरी है.बाकी सामान को लेकर क्या नियम है
जब भी कोई व्यक्ति विदेश से भारत आता है, तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उसे एक फॉर्म भरना होता है. उसमें ये बताना होता है कि आपने क्या शॉपिंग की. अगर कोई व्यक्ति ऐसा कोई सामान अपने साथ नहीं लेकर आ रहा है, जिस पर उसे ड्यूटी चुकानी हो, तो वह ग्रीन चैनल से गुजरता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति विदेश से ऐसे सामान ला रहा है, जिस पर उसे टैक्स देना है, तो उसे रेड चैनल से गुजरना होता है.विदेश से सामान लाने पर टैक्स देना पड़ता है. कितना टैक्स देना होगा. ये इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति ने कितने दिन विदेश में बिताए हैं.
नेपाल, भूटान या म्यांमार को छोड़कर बाकी देशों से आने वाले यात्री अपने साथ 50 हजार रुपए तक का सामान ला सकते हैं. नेपाल, भूटान या म्यांमार के संदर्भ में ये लिमिट 15 हजार रुपए है. इस लिमिट तक के सामान पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है.

जैसा कि हमने बताया कि किसी सामान को लेकर कितना छूट मिलेगा, कितना टैक्स देना होगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना वक्त विदेश में बिताया है. अगर कोई प्रोफेशन या कोई बिजनेसमैन तीन से छह महीने में इंडिया आता है, तो अपने साथ 60 हजार रुपए तक के हाउसहोल्ड आइटम्स पर उसे छूट मिलती है.
छह से 12 महीने विदेश में बिताने वाला एक लाख, एक से लेकर दो साल रहने वाला दो लाख और दो साल से ज्यादा समय तक विदेश में रहने वाला पांच लाख तक का हाउसहोल्ड आइटम अपने साथ ला सकता है. लेकिन इसमें भी कई सारे टर्म एंड कंडिशन हैं. हम उसमें नहीं जाते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, जैसे एलईडी या एलसीडी टीवी पर 36.5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. इस तरह के कोई भी प्रोडक्ट, जो विदेश से खरीदकर लाए जा रहे हैं, उसकी वैल्यू काउंट की जाती है और फिर उस हिसाब से टैक्स देना होता है.
अगर विदेश से आते समय आपके पास 10 हजार डॉलर या इससे ज्यादा की करंसी है, तो आपको इसे डिक्लियर करना होगा.
कस्टम ड्यूटी नहीं दिया, तो क्या होगा?
क्रुणाल पंड्या के मामले में जिन घड़ियों को कस्टम विभाग ने अपने कब्जे में लिया, उसकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है. यदि क्रुणाल इन घड़ियों को लेना चाहते हैं, तो 38 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी देनी होगी. साथ ही जुर्माना भी भरना होगा. अगर उन्होंने पहले ही इन आइटम्स को लेकर डिक्लियर कर दिया होता, तो उन्हें सिर्फ कस्टम ड्यूटी ही देनी होती, जुर्माना नहीं.विदेश से सामान लाने और उसे डिक्लियर नहीं करने पर जुर्माना भरना पड़ता है. कुछ मामलों में जेल तक हो सकती है.