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थॉर और लोकी की पूजा करने वाले लड़ाके वाइकिंग्स कौन थे, जिन्होंने दुनिया का नक्शा बदल दिया

लगभग 1300 साल पहले जब Middle East में Islam का उभार हो रहा था, Scandinavia में एक लुटेरा कबीला पनप रहा था. ये Viking Age की शुरुआत थी.

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वाइकिंग्स थॉर और लोकी को देवता मानते हैं (फोटो- मार्वल स्टूडियोज़)

दो नामों की कहानी सुनाते हैं आपको. नक़्शे में देखेंगे तो यूरोप के पास आपको ग्रीन लैंड और आइसलैंड दिखाई देंगे. दिलचस्प बात ये कि ग्रीनलैंड बर्फ से भरा है और आइसलैंड में ज्यादातर घास ही घास है. फिर इन दोनों को ये नाम क्यों मिला? एक योद्धा हुआ करता था आइसलैंड में, एकदम खूंखार. ऐसी मार काट मचाई कि कबीले से निकाल दिया गया. उसने कहा, तुम्हारी ऐसी की तैसी. खुद उत्तर की तरफ चला गया. कुछ वक्त बाद लौटा और लोगों से कहा, मेरे साथ आओ. लोगों ने पूछा, कहां?  योद्धा ने जवाबा दिया - ग्रीनलैंड. अब इसमें योद्धा की चाल थी. दरअसल ग्रीनलैंड में सिर्फ बर्फ थी. लेकिन उसने उस जगह को ग्रीनलैंड नाम दिया. ताकि लोग समझें वहां हरियाली होगी और इस तरह ग्रीनलैंड नाम पड़ गया. 

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ग्रीनलैंड और आइसलैंड का नक्शा (फोटो- गूगल)


दूसरा नाम- ब्लूटूथ. फ़ोन में पाए जाने वाली 21 वीं सदी की इस टेक्नॉलजी का नाम पड़ा है 9 वीं सदी के एक राजा के नाम पर. डेनमार्क के इस राजा का नाम था- हेराल्ड ब्लूटूथ गोर्मसन. कहते हैं राजा का एक दांत नीला पड़ गया था. इसी कारण उसका नाम ब्लूटूथ पड़ा. एक और दिलचस्प बात ये कि ब्लूटूथ टेक्नॉलजी का ये नाम सिर्फ़ टेंपररी होने वाला था. लॉन्च की डेट तक दो नए नाम सोचे गए. रेडियोवायर और PAN. इन दोनों में से PAN सिलेक्ट किया गया. यही नाम फ़ाइनल होने वाला था कि पता चला, PAN नाम दसियों चीजों के लिए इंटरनेट पर पहले से इस्तेमाल हो रहा है. लिहाजा अंत में ब्लूटूथ नाम ही रहने दिया गया. और आज भी हम इसी नाम से बुलाते हैं. 

Harald Bluetooth Gormsson: The Viking king who connected kingdoms | The  Viking Herald
हेराल्ड ब्लूटूथ गोर्मसन की संभावित तस्वीर (PHOTO- The Vikings Herald)

इन दो नामों की कहानियां आपने सुनी. अब इनके बीच एक कनेक्शन बताते हैं. दरअसल इन दोनों नामों के पीछे जो लोग थे, वे एक खूंखार कबीले से ताल्लुक रखते थे. इन लोगों को हम आज वाइकिंग्स के नाम से जानते हैं. 

Scandinavia
स्कैंडेनेवियन देश (PHOTO- Britannica))

उत्तरी यूरोप का इलाका स्कैंडेनेविया कहलाता है. यहां मौजूद स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क कहलाते हैं स्कैंडेनेवियन देश. इन्हीं में आइसलैंड और नॉर्वे को जोड़ दें तो कहे जाएंगे नार्डिक कंट्रीज़. वर्तमान में ये देश दुनिया के सबसे खुशहाल देश कहलाते हैं. स्कूल फ्री, अस्पताल फ्री और घर जैसी जेल, साथ में ढेर सारा टैक्स. ये स्कैंडेनेवियन देशों की पॉपुलर पहचान है. लगभग 1300 साल पहले जब मिडिल ईस्ट में इस्लाम का उभार हो रहा था, स्कैंडेनेविया में एक लुटेरा कबीला पनप रहा था. ये वाइकिंग एज की शुरुआत थी. ये खूंखार योद्धाओं की एक टोली थी, जो हमला कर लूटपाट मचाती थी और भाग जाती थी. 
वाइकिंग - ये नाम आया कहां से, इसे लेकर कई थ्योरीज़ हैं. एक थ्योरी कहती है की ये नाम लैटिन के 'vicus' से निकला है. जिसका मतलब होता है, गांव या बसावट. 

एक दूसरी थ्योरी कहती है कि वाइकिंग नाम नहीं एक वर्ब था. वाइकिंग का मतलब था - लूटने जाना. बहरहाल असलियत जो भी हो. वाइकिंग्स आगे चलकर उन लोगों को कहा जाने लगा जो लूटपाट मचाते थे. लुटेरों की कहानी दुनियाभर में मौजूद है. इनमें ऐसा क्या खास था? खास ये था कि कुछ ही सालों में ये इतने ताकतवर हो गए कि यूरोप के ताकतवर राजाओं को तलवार की नोंक पर रखना शुरू कर दिया. 

फ़्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन के बड़े-बड़े इलाकों पर इन्होंने अपना कब्ज़ा जमाया. यूरोप से ये आज के इस्तांबुल और ईरान तक पहुंच गए. वहीं पूर्व में इन्होने आज के यूक्रेन पर कब्ज़ा किया. आज का जो रशिया है, उसका नाम निकला है 'रूस' से. 'रूस' असल में वे वाइकिंग्स थे जो बेलारूस, यूक्रेन और रशिया में जाकर बसे और इन्होंने कीवन रूस नाम के एक नए राज्य की नींव रखी.  

वाइकिंग्स ने ग्रीनलैंड की खोज की. और माना जाता है ये अमेरिका तक भी पहुंच गए थे.

शुरुआत

वाइकिंग्स की अधिकतर कहानियां लोककथाओं के रूप में मिलती हैं. जिन्हें सागा कहा जाता है. इनमें प्रमुख हैं, 'किंग्स सागा' जो स्कैंडेनेविया के राजाओं की कहानी बताती है. इसके अलाव आइसलैंडर्स सागा, जो आइसलैंड में बसे वाइकिंग्स की कहानी कहती हैं. ये सागा लोककथाओं और इतिहास का मिश्रण हैं. इनके अनुसार साल 793 में वाइकिंग्स ने अपनी पहली बड़ी रेड डाली. 

इंग्लैंड के उत्तर पूर्व में एक टापू है- लिंडिसफार्न. इस टापू पर एक ईसाई मठ (Christian Monastery) हुआ करता था. टापू पर लोग हर दिन की तरह अपने रोजमर्रा के कामों में लगे थे. उसी समय एक बड़ी सी नाव ने लिंडिसफार्न के तट पर अपना डेरा डाला. तट के पास कुछ लोगों ने उन्हें देखा तो उन्हें लगा कि ये कोई भटकी हुई नाव है. उनका अंदाजा गलत था. नाव से आए लोगों का शरीर, हुलिया, हेयर स्टाइल, सब कुछ एकदम अलग था. टापू के लोग अंदाजा लगा ही रहे थे कि ये कौन हैं कि तभी उन पर हमला शुरू हो गया.

हमलावरों ने आम लोगों के साथ मठ को भी लूटा और उसे तहस-नहस कर डाला. लिंडिसफार्न में सुरक्षा के कुछ खास इंतज़ाम नहीं थे. क्योंकि इस वक्त तक ईसाई धर्म अधिकतर यूरोपीय देशों में फ़ैल चुका था. अधिकतर लोग ईसाई थे. इसलिए ईसाई मठ पर कोई हमला करेगा, ऐसी उम्मीद किसी को नहीं थी. इसी के चलते लिंडिसफार्न पर हमले ने सबको सकते में डाल दिया. ये वाइकिंग्स की पहली बड़ी रेड थी. यहां से उनकी छवि लुटेरों और हमलावरों वाली बनी. इसलिए इस पीरियड को ऐज़ ऑफ वाइकिंग्स की शुरुआत कहा गया. 

Viking Invasion
वाइकिंग्स जहां भी जाते, खूब लूटपाट करते (PHOTO- Viking.Style)
वाइकिंग्स रेड क्यों करते थे? 

जैसा पहले बताया वाइकिंग्स की शुरुआत स्कैंडेनेविया से हुई थी. लेकिन वहां रहने वाले सब लोग लूटमार करते हों, ऐसा नहीं था. स्कैंडेनेविया में लोग छोटे-छोटे गुटों में रहते थे. अधिकतर लोग खेती या मछली पकड़ कर अपना जीवन चलाते थे. इनका कोई एक राजा या लीडर नहीं था. अलग अलग कबीलों के अपने सरदार होते थे. स्कैंडेनेविया एक ठंडा इलाका था इसलिए कई बार संसाधनों की कमी पड़ जाती थी. इसी चक्कर में इन लोगों ने वाइकिंग अभियान शुरू किए. यानी नावों से दूसरे इलाकों में जाना, उन्हें लूटना और वापस आ जाना. 

कहानी कहती है कि वाइकिंग्स का एक सरदार रैग्नर लोथब्रोक ने एक बार तय किया कि वो नाव लेकर यात्रा करेगा. रैग्नर जब ये अभियान शुरू कर रहा था, तब वहां के लोगों को लगा था कि वो कभी वापस नहीं आ पाएगा. या तो वो समुद्री तूफान से मरेगा, या अगर कहीं किसी और इंसानी बस्ती में पहुंच भी गया तो वहां के लोग उसे मार डालेंगे. रैग्नर ने सबको गलत साबित किया. वो न सिर्फ समुद्री रास्ते से गया बल्कि खूब सारा धन दौलत भी लूटकर ले आया. इसके बाद स्कैंडेनेविया के अलग-अलग सरदारों के बीच वाइकिंग अभियान चलाने की होड़ शुरू हो गई. शुरुआत में ये यूरोपियन जहाजों, इंसानी बस्तियों, और धर्मस्थलों को लूटते थे. जैसे-जैसे सफलता मिली, इनकी हिम्मत बढ़ती गई.

राजा होगा अपने घर का

840 ईस्वीं में वाइकिंग्स ने फ़्रैंकिया पर हमला किया. फ्रैंकिया माने आज का फ्रांस और जर्मनी. तब ये एक संयुक्त राज हुआ करता था. यहां के राजा लुइस द पायस की मौत के बाद उनके बेटों में सत्ता के लिए संघर्ष शुरू हो गया. वाइकिंग्स ने इस लड़ाई का फायदा उठाकर फ्रांस में अपने स्थाई ठिकाने बना लिए. लगभग इसी समय इवार द बोनलेस नाम के एक वाइकिंग सरदार ने इंग्लैंड पर हमला किया और आज के यॉर्कशायर को अपना नया बेस बना लिया.

Francia
फ्रैंकिया का नक्शा (PHOTO- Wikipedia)

इसी प्रकार के हमले आयरलैंड, स्कॉटलैंड, स्पेन, इटली और पुर्तगाल पर भी हुए. 870 ईस्वी आते आते वाइकिंग यूरोप में एक नई ताकत के रूप में उभरने लगे. यूरोप में अपने नए बेस से इन्होंने ईरान और आज के टर्की पर भी छापामारी की. शुरुआत में यूरोप के राजाओं ने वाइकिंग्स से युद्ध किया. लेकिन वाइकिंग काफी खूंखार समझे जाते थे. इसलिए कई लड़ाइयों के बाद भी उन पर पार न पाया जा सका. अंत में यूरोप के राजाओं ने वाइकिंग्स से समझौते में ही अपनी भलाई समझी. 

साल 911 में फ्रांस और वाइकिंग्स के बीच एक डील हुई. डील में तय हुआ कि वाइकिंग्स लूटपाट नहीं करेंगे. बदले में उन्हें उत्तरी फ़्रांस का एक बहुत बड़ा इलाका मिल गया. एक दिलचस्प ट्रिविया है कि फ़्रांस में वाइकिंग्स को जो इलाका दिया गया, उसे नाम मिला, 'द लैंड ऑफ नॉर्थमेन'. आगे चलकर इसी जगह वर्ल्ड वॉर 2 के ऑपरेशन ओवरलॉर्ड को अंजाम दिया गया. जिसे D-Day या नॉरमैंडी लैन्डिंग्स नाम से जाना गया. D-Day ऑपरेशन ही वो पॉइंट था, जहां से जर्मनी युद्ध में पिछड़ने लगा था. 

ग्रीनलैंड और अमेरिका 

950 ईस्वीं की बात है. नॉर्वे में पैदाइश हुई एक लड़के की. जिसे अपने लाल बालों के लिए नाम मिला एरिक द रेड. नाम के अनुरूप ही एरिक गुस्सैल स्वभाव का था. उसके पिता भी अपने गुस्से के लिए बदनाम थे. एक बार एरिक के पिता ने कुछ लोगों की हत्या कर दी. एरिक की उम्र तब 10 साल की थी. एरिक के पिता को देश निकाला दे दिया गया. वो नॉर्वे से निकलकर आइसलैंड में जा बसे . पिता की मौत के बाद एरिक ने शादी की, परिवार बसाया. 

हालांकि पिता के अवगुण उसमें भी थे. लिहाजा 980 ईस्वीं के आसपास पड़ोसियों के साथ झगड़ा होने पर उसने उनकी हत्या कर दी. एरिक को घर छोड़ना पड़ा. नई जगह में भी उसका किसी शख्स से झगड़ा हुआ और कुछ रोज़ बाद उस शख्स के दो बेटे मरे हुए मिले. एरिक को एक बार फिर तीन साल के लिए देश निकाला दे दिया गया. इन झंझटों ने तंग आकर एरिक ने फैसला किया कि बस बहुत हुआ. कहानी कहती है कि वो एक नाव पर सवार होकर आइसलैंड से उत्तर पश्चिम की तरफ चला गया. वापस आकर उसने लोगों को बताया, क्या तुम ये छोटे से टापू पर रहते हो, उत्तर की तरफ एक बहुत बड़ी जमीन है. जहां हरियाली ही हरियाली है. उसने नई जमीन को नाम दिया ग्रीनलैंड. 

Erik the Red
एरिक द रेड (PHOTO- Wikipedia)

इसके बाद एरिक बहुत से लोगों को साथ लेकर ग्रीनलैंड में बस गया. ग्रीनलैंड में हालांकि हरियाली का 'ह' भी नहीं था. लेकिन वो अलग बात है. इतना तय है कि ग्रीनलैंड पर पहली यूरोपियन कॉलोनी बसाने का श्रेय एरिक द रेड को गया. एरिक द रेड के चार बच्चे थे. इनमें से दो की कहानी जानने लायक हैं. एक बेटा जिसका नाम था, लीफ एरिकसन और एक बेटी- जिसका नाम था फ़्रेडिस. अपने पिता की तरफ लीफ एरिकसन भी खोजी प्रवृति का आदमी था. सागास ऑफ़ ग्रीनलैंडर्स के अनुसार एक बार नॉर्वे से ग्रीनलैंड की तरफ जाते हुए लीफ की नाव तूफ़ान में भटक गई. और एक नए इलाके में पहुंच गया. यहां उसे जंगली अंगूर, गेहूं और मेपल के पेड़ मिले. 

लीफ एरिकसन के लिए ये एकदम नया इलाका था. इसलिए उसने इसे नाम दिया विनलैंड और वहां मिली चीजों को लेकर वापस ग्रीनलैंड लौट गया. अब ये जो विनलैंड था, ये आज के नॉर्थ अमेरिका का तटीय इलाका है. 1960 में विनलैंड में वाइकिंग्स से जुड़े कुछ आर्कियोलॉजिकल अवशेष मिले. इन अवशेषों से ये साबित हुआ कि क्रिस्टोफर कोलंबस से 500 साल पहले वाइकिंग्स ने अमेरिका की पहचान कर ली थी. 

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सागा ऑफ द ग्रीनलैंडर्स (PHOTO- Amazon)

अब सवाल ये कि अगर वाइकिंग्स ने अमेरिका की खोज कर ली थी. तो उन्होंने इसे अपना ठिकाना क्यों नहीं बनाया? इस सवाल का जवाब मिलता है एरिक द रेड की बेटी, फ़्रेडिस की कहानी में. Saga of the Greenlanders के अनुसार, हुआ कुछ यूं कि अपने भाई लीफ एरिकसन की विनलैंड से वापसी के बाद फ़्रेडिस ने भी वहां जाने का प्लान बनाया. उसने दो और लोगों को अपने साथ इस अभियान में जोड़ा. तय हुआ कि जो मिलेगा, तीनों मिलकर बांट लेंगे. लेकिन जैसे ही ये तीनों विनलैंड पहुंचे एक बखेड़ा शुरू हो गया. 

बात ये थी कि लीफ एरिकसन जब विनलैंड से लौटा, वो यहां कुछ बने बनाए घर छोड़ गया था. लीफ ने आपने भाई से इन घरों को इस्तेमाल करने की परमिशन ली. लेकिन जब वो विनलैंड पहुँची, उसने देखा, उसके दो पार्टनर घरों पर कब्ज़ा करके बैठ गए हैं. बस फिर क्या था. फ़्रेडिस तमतमाते हुए अपने पति के पास गई और उससे कहा, अगर मर्द हो तो अपनी पत्नी को इंसाफ दिलाओ. फ़्रेडिस के पति ने फ़्रेडिस के दोनों पार्टनर और बाकी लोगों को मार डाला. कैम्प में सो रही पांच औरतों की हत्या खुद फ़्रेडिस ने की. 

इस करतूत को छुपाने के लिए उसने सबको धमकी दी कि कोई ये बात उसके भाई को नहीं बताएगा. एक साल तक विनलैंड में रहने के बाद वो वापस लौटी. और अपने भाई से कहा,

 “मेरे दोनों पार्टनर विनलैंड में ही रुक गए हैं”. 

कुछ वक्त बाद लीफ एरिकसन को सच्चाई का पता चला. हालांकि अपनी बहन को वो मार नहीं सकता था. इसलिए उसने फ़्रेडिस को जाने दिया. पर इस पूरे घटनाक्रम से एक चीज बदल गई. विनलैंड बदनाम हो गया और वाइकिंग्स ने वहां जाने का इरादा छोड़ दिया. बाद में कुछ इक्का दुक्का कैंपेन विनलैंड के लिए रवाना हुए, लेकिन नेटिव लोगों से तनातनी के चलते वाइकिंग्स वहां कभी सेटल नहीं हो पाए. 

धर्म और दी एंड 

वाइकिंग्स अपने समय के खूंखार योद्धा माने जाते थे. लिहाजा हालिया समय में इन पर कई फ़िल्में और TV सीरीज बनी हैं. हालांकि पॉपुलर कल्चर में वाइकिंग्स लम्बे समय से मौजूद हैं. मार्वल की मूवीज़ में आप थॉर से परिचित होंगे. तूफान का देवता थॉर जो एसगार्ड नामक साम्राज्य का युवराज है. थॉर, उसके पिता ओडिन, थॉर का भाई लोकी और एसगार्ड का रक्षक हेमडाल, ये सभी असल में नॉर्स गॉड कहलाते हैं. यानी स्कैंडेनेवियन लोगों के देवता. शुरुआती वाइकिंग्स भी इन्हीं लोगों को मानते थे.

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लोकी, ओडिन और थॉर (PHOTO- Marvel)

फिर दसवीं सदी में डेनमार्क में ईसाई धर्म का आगमन हुआ. ईसाई धर्म को अपनाने वाले पहले वाइकिंग राजा का नाम था हेराल्ड ब्लूटूथ गोर्मसन. जिसके नाम पर ब्लूटूथ टेक्नॉलजी का नाम पड़ा. हेराल्ड के बाद स्कैंडेनेवियन देशों में ईसाई धर्म बढ़ता गया. और 12 वीं सदी आते आते वाइकिंग पूरी तरह ख़त्म हो गए. यूरोप के तमाम देशों में आज भी वाइकिंग कल्चर के निशान दिखाई पड़ते हैं. एक साफ़ असर आप मॉडर्न इंग्लिश भाषा में देख सकते हैं. अंग्रेज़ी के शब्द मसलन केक. फॉग, नेक, सीट, वांट, वीक. ये सब वाकिंग्स के आगमन के साथ इंग्लिश भाषा में जुड़े. विंडो शब्द का नॉर्स भाषा में मतलब होता था, 'wind eye'. यानी खिड़की, हवा की आंख है. इसके अलावा to go, to come, to sit, to listen, to eat- ये सारे शब्द भी वाइकिंग्स के ही दिए हुए हैं. 

वाइकिंग्स के बारे में और जानने के लिए आप  नील प्राइस की किताब, Children of Ash and Elm: A History of the Vikings. पढ़ सकते हैं. या नेटफ्लिक्स पर The Vikings सीरीज देख सकते हैं. उसमें कहानी को मसालेदार बनाने के लिए चीजें जोड़ी हैं. लेकिन हथियारों से लेकर पोशाक और नामों में, मोटामोटी सही जानकारी है. 

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