'ब्रह्मांड पुराण' में विस्तार से लिखा है
दरअसल, हनुमान के पिता केसरी के विवाह और उनके पुत्रों के बारे में विस्तार से बताया गया है पुराणों में. 'ब्रह्मांड पुराण' और 'वायु पुराण' में वानरों की वंशावली के साथ-साथ कई अनूठी कहानियां मिलती हैं.'ब्रह्मांड पुराण' में लिखा है कि केसरी ने कुंजर की पुत्री अंजना को पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया. अंजना के गर्भ से और वायु के अंश से हनुमान का जन्म हुआ. अंजना के गर्भाधान संस्कार और पुंसवन संस्कार की भी जानकारी दी गई है. पुराण में अंजना को रूपवती भी बताया गया है.
इसी पुराण में हनुमान के पांच भाइयों के बारे में क्रम से बताया गया है. उनमें सबसे बड़े थे हनुमान. उनके बाद वालों के नाम थे- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान. 'ब्रह्मांड पुराण' के इस एक श्लोक में सभी भाइयों के नाम देखे जा सकते हैं-
ज्येष्ठस्तु हनुमांस्तेषां मतिमांस्तु ततः स्मृतः ।
श्रुतिमान् केतुमांश्चैव गतिमान् धृतिमानपि ॥
गीताप्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित 'कल्याण' के 'श्रीहनुमान-अंक' से साभार
हनुमान के पांचों भाई विवाहित थे
आगे ये भी जानकारी दी गई है कि भाइयों में अकेले हनुमान ही ब्रह्मचारी थे. उनके अन्य भाई पुत्र-पुत्री और पौत्र वाले थे. हनुमान के बारे में बताया गया है कि वे युद्ध में तीनों लोकों से टकराने का उत्साह रखते थे. जहां तक वेग की बात है, इस मामले में उन्हें दूसरा 'गरुड़' बताया गया है. हनुमान के बल-पराक्रम की सारी कहानियां आप पहले ही देख-सुन चुके हैं.Video:रामायण में जो देखा वो ठीक, पर क्या है तमिल में लिखी गई 'कंब रामायण' की कहानी