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पाकिस्तानी कॉमेडी किंग की कहानी उसकी बरसी पर

मोईन अख्तर. जिंदादिल आदमी और बेहतरीन इंसान. पाकिस्तानी लेजेंड. बचपन में बाप से ऐक्टिंग की वजह से पिटे. 60 बरस में सबके बाप बनकर कहा अलविदा.

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"मैं यंग था और अकेला था. मैंने अपनी मेकेनिक की नौकरी छोड़ दी थी. मुझे नहीं मालूम था कि मुझे क्या करना था लेकिन अन्दर से आती एक धीमी आवाज़ मुझसे कहती रहती थी - तुम जो भी करना, बड़ा करना."


6 सितम्बर 1966. एक दुबला पतला लड़का स्टेज पे चढ़ता है. ऑडियंस हल्ला काट रही थी. गालियां दे रही थी. अंडे टमाटर फेंके जाने की कसर ही बाकी थी बस. लड़का माइक पे आता है. शांत एकदम. तानों और गालियों का नाम मात्र का भी फ़र्क नहीं. ऑडियंस से कहता है कि उसे बस दस मिनट का समय दिया जाए. अगर उन्हें परफॉरमेंस अच्छी नहीं लगेगी तो वो चला जाएगा. लड़का 45 मिनट तक माइक पर बोलता रहता है. लोग हंसते रहते हैं. क्या बुड्ढा और क्या बच्चा. सब बराबर हंसे जा रहे थे. 45 मिनट के बाद वो माइक छोड़ता है. तालियों के शोर के बीच. जो लोग पहले गालियां दे रहे थे, वो ही लोग अब तालियां पीट रहे थे. हर कोई उसका नाम जानना चाहता था. मोईन अख्तर. वही मोईन अख्तर जिसने 11 मार्च 2011 को आख़िरी बार स्टेज पर कदम रक्खा. "An evening with legend." माइक पर आने के बाद उन्होंने फिर एक बार वही कहा जो पहली बार माइक पर कहा था - "मैं सिर्फ 10 मिनट ही परफॉर्म कर पाऊंगा." इस बार 10 मिनट ख़तम होने पर ऑडियंस हल्ला काटने लगती है. कहती है कि आज जाने की ज़िद न करो. और फिर से वही होता है जो पहली बार हुआ था. वो 45 मिनट तक लोगों को हंसाते हैं.

आज उनकी बरसी है. पांचवी 22 अप्रैल 2011 को 60 बरस की उमर में मौत हो गयी.

मोईन अख्तर यानी वो सितारा जो आपकी मदद करता रहता है.

https://www.youtube.com/watch?v=ZLCKuXJLSWg मोईन अख्तर के अब्बू को जब मालूम चला कि मोईन ऐक्टिंग करना चाहते हैं तो बहुत नाराज़ हुए. मोईन को पास बुलाया. अपनी बेल्ट उठाई और तबीयत से पीटा. उस वक़्त ऐक्टिंग को काफी घिनौनी निगाहों से देखा जाता था. पैंतीस सालों बाद मोईन अख्तर अपने एक शो की तैयारी कर रहे थे. उस शो में देश के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ भी मौजूद रहने वाले थे. मोईन के अब्बू ने कहा कि वो भी जाना चाहते हैं. मोईन ने बताया कि ऐसे मौकों पर सेक्योरिटी प्रोटोकॉल होते हैं. हफ़्तों पहले इसके बारे में बताना पड़ता है कि कौन आयेगा और कौन नहीं. ऐसे में आखिरी वक़्त पर ये अरेंजमेंट करना मुश्किल होगा. उनके अब्बू ने कहा - "तुम्हें कौन रोकेगा?" शो में मोईन खान के अब्बू शामिल हुए. परवेज़ मुशर्रफ को जब ये मालूम हुआ कि मोईन के पिता भी वहां मौजूद हैं तो वो उनसे मिले. मिलकर बोला "आपका बेटा हमारे देश की धरोहर है." मुझे नहीं मालूम कि कैसे मोईन अख्तर वहां खुशी के मारे फट कैसे नहीं पड़े. https://www.youtube.com/watch?v=Cf3pOAAahNg मोईन जिंदादिल इंसान थे. बच्चों के लिए फण्ड इकठ्ठा करने के लिए प्रोग्राम करने से लेकर अपने दोस्त को पैसे देने के लिए अपनी गाड़ी बेच देने में कोई झिझक नहीं दिखाते थे. मोईन खान ने लोगों से सिर्फ इसलिए उधार ले रक्खा था क्यूंकि उन्हें किसी की मदद करनी थी. ऐसे शख्स की मदद जिसे वो जानते तक नहीं थे. https://www.youtube.com/watch?v=N3hzoGgZbtM https://www.youtube.com/watch?v=j-oQpd4EAL8