
शामिख फ़राज़ उन खुशनसीब लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में दो सदियों का संगम देखा. बचपन बीसवीं सदी में बीता और जवान इक्कीसवीं सदी में हुए. कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रोफेशन भी उसी से जुड़ा, लेकिन शौक के चलते हिंदी और बहुत से विदेशी लेखकों को पढ़ा. फिर ब्लॉग, अख़बार में कॉलम लिखे. आइए आज अहमद फ़राज़ के जन्मदिन पर इनका लिखा एक लेख आपको पढ़वाते हैं.