निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी की सज़ा को बरकरार रखा. ये एक ऐसा केस था, जिसने पूरे भारत को झकझोर के रख दिया था. असल में निर्भया कांड के 6 आरोपी थे. जिसमें से बस ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी. उनमें से एक नाबालिग होने के कारण बच गया. 16 दिसंबर गैंगरेप केस के एक रेपिस्ट का नाम मुकेश सिंह है. BBC की एक डॉक्युमेंट्री में मुकेश का इंटरव्यू है.
इसमें उस आदमी की घटिया मानसिकता साफ़-साफ़ नज़र आती है. वो कहता है: 1. किसी रेप के लिए एक लड़के से ज़्यादा लड़की ज़िम्मेदार होती है.
2. ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती. इसके लिए 2 हाथ चाहिए होते हैं. कोई शरीफ़ लड़की रात के 9 बजे बाहर नहीं घूमती.
3. लड़का और लड़की बराबर नहीं होते. लड़कियां घर का काम करने के लिए बनी होती हैं, न कि गलत कपड़े पहन कर डिस्को और बार में घूमने के लिए.
4. सिर्फ 20% लड़कियां अच्छी होती हैं.
5. जब हम उसका रेप कर रहे थे, तब उसे हमें रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी. उसे चुपचाप जो हो रहा था, होने देना था. तब हम उसके साथ सब करने के बाद उसे घर छोड़ देते. सिर्फ लड़के को मारते.
6. किसी रेपिस्ट को मौत की सज़ा देना लड़कियों के लिए और खतरनाक हो जाएगा. पहले रेप करके कहते थे, 'इसे छोड़ दो, ये किसी से नहीं कहेगी.' लेकिन अब जो रेप करेंगे, वो लड़की को सीधे मार देंगे, छोड़ेंगे नहीं.
सिर्फ मुकेश ही नहीं, उसका एक वकील एपी सिंह भी लड़कियों के लिए ऐसी ही सोच रखता है. वो कहता है, अगर मेरी बेटी या बहन शादी से पहले किसी के साथ संबंध बनाएगी, अपना चरित्र खराब करेगी, तो मैं खुद उसे अपने फार्म हाउस लेकर जाऊंगा और सबके सामने उस पर पेट्रोल डाल कर उसे जला दूंगा.
चारों दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, 'जो दोषी हैं, वो अभी बच्चे हैं, स्टूडेंट हैं. सभी को बेरोज़गारी की दिक्कत थी.' वो इस पर आगे रिव्यू पेटिशन डालने के बारे में सोच रहे हैं.
ये स्टोरी 'दी लल्लनटॉप' के साथ इंटर्नशिप कर रही रुचिका ने की है.