भारत के बाहर की दुनिया बॉलीवुड के लिए कितनी पागल है. इसके हम पांच नए प्रूफ लेकर आए हैं. ये मुमकिन हुआ एक नई किताब के जरिए. इसका टाइटल है बॉलीवुड बूम.
1. मिथुन चक्रवर्ती का घाना कनेक्शन वाया जिम्मी जिम्मी मिथुन चक्रवर्ती का कमाल डांस नंबर. “जिम्मी, जिम्मी, जिम्मी, आजा, आजा, आजा” आज भी शादी वाले डांस की प्ले लिस्ट में शामिल. मगर इसकी धूम भारत तक महदूद नहीं. रूस भी इसका दीवाना है. लोग वहां के डिस्क में इस गाने के बजते ही मिथुन वाले स्टेप्स करने लगते हैं.
उधर अफ्रीका के घाना में मिथुन की अलग ही फैन फॉलोइंग है. वहां ऑथर को एक बंदा मिला, जिसका नाम जिम्मी था. रूपा बताने लगीं कि हमारे यहां एक गाना है इस नाम का. इस पर वो आदमी बोला, उसी के चलते तो मैंने अपना नाम बदल जिम्मी रख लिया.
2. रूस का झांसा देकर किस पास करा लिया कपूर ने राज कपूर. रूस के एक और दुलारे. इंडियन चार्ली चैपलिन का खिताब पाए. मगर एक बार उन्होंने रूस की आड़ में अपनी फिल्म सेंसर बोर्ड से पास कराई थी. ये वाकया है मेरा नाम जोकर का. इसमें तीन हीरोइन थीं. दूसरे नंबर की सर्कस में काम करने वाली हीरोइन रूस की थी. उनका फिल्म में एक किसिंग सीन था. इस पर सेंसर बोर्ड को दिक्कत थी. इस पर राज कपूर का लॉजिक दिलचस्प था. उन्होंने बोर्ड से कहा, ये तो विदेशी है. उनके कल्चर में चूमना जरूरी है. बेहद मामूली चीज है. इसका भारतीय संस्कार या ऑडियंस को शॉक से कोई कनेक्शन नहीं.
3. दुनिया का इतना बड़ा सिंगर हिंदी गाने सुन बड़ा हुआ वन्ना बी माय छम्मक छल्लो!
इस बात से तो सभी वाकिफ होंगे कि, शाहरुख खान की फिल्म ‘रा वन’ का एक गाना ‘छम्मक छल्लो’ एकॉन (AKON) ने गाया था. पर क्या आपको मालूम है कि AKON सेनेगल में हिंदी गाने सुनते हुए बड़े हुए हैं? दरअसल अफ्रीका के इतिहास में हमेशा से ही हिंदी गाने सुनने और उन पर डांस करने का कल्चर रहा है. अफ्रीका में कई भारतीय ऐक्टर्स को एक अलग नाम भी दिया गया है. धर्मेन्द्र को ‘सर्किन-कर्फी’ कहा जाता है. इसका मतलब है शक्ति का राजा. संजय दत्त का नाम है दाबा-मई-लासिनोर यानी लाइसेंस वाला गुंडा.
फ्रेंड्स वाली टोपी 4. 90 के दशक की बिलकुल शुरुआत में एक टोपी हुआ करती थी. जिस पर ‘फ्रेंड्स’ लिखा रहता था. ये ट्रेंड आया सूरज बड़जात्या की डेब्यू फिल्म मैंने प्यार किया’ से. सलमान खान और भाग्यश्री की ये फिल्म अफ्रीका में भी सुपरहिट हुई. फिल्म से जुड़ी एसेसरीज भी वहां खूब बिकीं. वहां हिट होने की एक वजह फिल्म की फैमिली वैल्यूज थीं, जिन्हें वहां भी खूब तवज्जो दी जाती थी.
5. जापान रजनीकांत का दीवाना क्यों
1995 में रजनीकांत की फिल्म ‘मुथु’ रिलीज हुई. उस वक्त चेन्नई में जापान का एक फिल्मों के लिए दीवाना टूरिस्ट आया था. वह वापस गया तो फिल्म का वीडियो टेप अपने साथ ले गया. उसने अपने दोस्तों को फिल्म दिखाई. उन्हें इतनी पसंद आई कि टेप की कई कॉपियां तैयार की गईं. ये जापान में रजनी के बुखार की शुरुआत थी. उसके बाद कई वीडियो लाइब्रेरी वाले लगातार सप्लाई लेते रहे. अब आलम ये है कि रजनीकांत की फिल्म जिस दिन इंडिया में रिलीज होती है, उसी दिन जापान में. इसकी शुरुआत 2012 में आई रजनी-दीपिका स्टारर ‘कोचादाइयां’ से हुई.

बॉलीवुड बूम को रूपा स्वामीनाथन ने लिखा है. इसे प्रकाशित किया है पेंग्विन बुक्स ने. रूपा स्वामीनाथन को अपने लेखन के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है. इसके अलावा वो फिल्में भी बनाती हैं.
