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घर बैठे-बैठे ख़ुद से कोरोना की जांच करनी है, बस ये सिंपल-सा तरीक़ा अपनाइए

ये भी जान लीजिए कि निगेटिव या पॉज़िटिव आने पर क्या करना है?

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ICMR ने सबसे पहले Covisure किट को मंजूरी दी थी (फोटो सोर्स- Covisure Video Screengrab और आज तक)
कोरोना की जांच करने का एक और तरीक़ा मार्केट में है. ख़ुद से जांच करने का. घर पर टेस्ट किट से. बहुत दिन से है. लेकिन केस इतने बढ़ रहे हैं कि सोचा आपको भी इसके बारे में सही-सटीक जानकारी दे दी जाए. अब आप अपने घर पर ही कोरोना का टेस्ट करना चाहें तो उसके लिए क्या विकल्प है? ये कितना कारगर है? ऐसी किट्स कितने की आती हैं? क्या इस टेस्ट के बाद RTPCR टेस्ट करवाने की ज़रूरत नहीं रहेगी? आज इन्हीं सवालों के जवाब देंगे. ICMR ने कितनी होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी- 23 नवंबर 2021 को ICMR ने 7 अलग-अलग होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी थी.
ये सभी किट्स RAT यानी Rapid Antigen Test के माध्यम से घर पर ही Covid-19 का टेस्ट करने के लिए बनाई गईं हैं, जो कुछ ही देर में पॉजिटिव या नेगेटिव रिपोर्ट दे देती हैं. रिपोर्ट कहां देती हैं? दरअसल इन किट्स को बनाने वाली कंपनियों ने कुछ ऐप बनाए हैं जो गूगल प्ले स्टोर और iOS पर उपलब्ध हैं. टेस्ट का रिजल्ट दिखाने के लिए इन्हीं ऐप्स की मदद ली जाती है. कौन-कौन सी किट्स हैं सिलसिलेवार जान लेते हैं.
कोवीसेल्फ़ (CoviSelf)– पुणे की माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड (Mylab Discovery Solutions Limited) ने कोवीसेल्फ़ नाम से टेस्ट किट बनाई है. ICMR की मंजूरी पाने वाली ये पहली किट है. इसमें सैम्पल लेने के लिए Nasal Swab का इस्तेमाल होता है. आपने देखा ही होगा. नाक में स्वैब वाली एक पतली स्टिक डालते हैं और रोल करते हैं. इस टेस्टिंग किट की कीमत 250 रूपए है. टेस्ट रिजल्ट के लिए Mylab Coviself ऐप को डाउनलोड करना होता है.
Coviself किट (फोटो सोर्स- आज तक)
Coviself किट (फोटो सोर्स- आज तक)


पैनबायो (PanBio)– एबॉट रैपिड डायग्नोस्टिक्स डिवीज़न (Abbott Rapid Diagnostics Division) ने इसे बनाया है. ये भी नेज़ल स्वैब से ही सैम्पल कलेक्ट करती है. ये एक से ज्यादा किट्स के पैक में भी उपलब्ध है. इसके एक किट वाले पैक की कीमत 250 रूपए ही है. टेस्ट रिजल्ट के लिए Navica App को डाउनलोड करना होता है.
कोवीफाइंड (Covifind)– गुजरात की मेरिल डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड (Meril Diagnostics Private Limited) कंपनी ने इसे बनाया है, ये भी Nasal Swab से ही टेस्ट के लिए सैम्पल लेती है. ये भी 3 से 10 किट के पैक में उपलब्ध है. प्रति किट इसकी कीमत भी लगभग 250 रूपए है.
एंगकार्ड (Angcard)– ऐंग्स्ट्रॉम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Angstrom Biotech Private Limited) ने इसे बनाया है, ICMR द्वारा एप्रूव्ड ये अकेली किट है जो लार (Saliva) का सैम्पल लेती है. इसका एक पीस 50 रूपए का आता है.
इनके अलावा ICMR ने 3 और रैपिड एंटीजन होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी है. इनमें से पहली है Healgen Scientific Limited, USA की CliniTest जिसे गुरुग्राम बेस्ड सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड बनाता है, इसके अलावा Ultra Covi Catch और Abcheck नाम से दो और टेस्टिंग किट्स मार्केट में उपलब्ध हैं.
4 होम टेस्टिंग किट्स ऐसी भी हैं जिन्हें ICMR ने एप्रूव तो नहीं किया है लेकिन जानकारी के बतौर अपनी वेबसाइट पर इनके नाम ज़रूर बताए हैं. चूंकि ई-कॉमर्स साइट्स पर बिक ये भी रही हैं इसलिए हम भी बताए देते हैं.
Trivitron Healthcare Pvt. Ltd की MyCoviTest किट
Oscar Medicare Pvt. Ltd., Delhi की OSKIT टेस्ट किट,
Oscar Medicare Pvt. Ltd. हरिद्वार की ही OSKIT टेस्ट किट
Pathkits Healthcare Pvt. Ltd. की COVIatHome.
इनके भी दाम लगभग उतने ही हैं जितने एप्रूव्ड किट्स के हैं.
ये तो उन उपलब्ध किट्स की मोटा-माटी जानकारी है जो कोरोना की होम टेस्टिंग के लिए बाज़ार में उपलब्ध हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल कैसे करना है? और क्या सावधानियां रखनी हैं ये भी समझ लेते हैं.
ज्यादातर होम टेस्टिंग किट्स नेज़ल स्वैब से लिए गए सैम्पल पर ही काम करती हैं (फोटो सोर्स- gettyimages)
ज्यादातर होम टेस्टिंग किट्स नेज़ल स्वैब से लिए गए सैम्पल पर ही काम करती हैं (फोटो सोर्स- gettyimages)

इस्तेमाल कैसे करें इन सभी किट्स की लिस्टिंग के साथ ही ICMR ने इन्हें इस्तेमाल करने के लिए ट्यूटोरियल वीडियो लिंक भी दिए हैं
, जिन्हें देखकर पूरी प्रक्रिया आप आसानी से समझ सकते हैं.
अमूमन इन सभी किट्स में एक नेज़ल स्वैब स्टिक दी जाती है, जिसे नाक के अंदर इन्सर्ट करके रोल करना होता है. उतना ही अंदर जहां तक कोई रुकावट न आए. करीब 2 से 4 सेन्टीमीटर तक. उसके बाद इस स्वैब को किट के साथ मिली एक प्लास्टिक बायल में स्टिर करना होता है. दरअसल इस प्लास्टिक की शीशी में एक लिक्विड होता है जिसमें नाक से लिए गए सैम्पल वाले स्वैब को अच्छे से मिक्स करना होता है. इसके बाद की प्रक्रिया किसी सामान्य प्रेगनेंसी किट की तरह ही है.
प्रेगनेंसी टेस्ट किट (फोटो सोर्स- PTI)
प्रेगनेंसी टेस्ट किट (फोटो सोर्स- PTI)


प्लास्टिक की शीशी में कलेक्टेड लिक्विड की कुछ बूंदें टेस्टिंग किट पर डालनी होती हैं. जिसके कुछ मिनट बाद टेस्ट रिजल्ट उस एंड्राइड ऐप पर आ जाता है जो इस किट के इस्तेमाल के दौरान उपयोग में रहती है. पुणे की Mylab कंपनी के मुताबिक उनकी Coviself किट 15 मिनट में ऐप पर टेस्ट का रिजल्ट दे देती है. अगर 20 मिनट के बाद रिजल्ट आ रहा है तो इसे इनवैलिड माना जाता है.
टेस्ट के दौरान की अतिरिक्त सावधानियां यहीं हैं कि जिस जगह पर टेस्ट किट का सामान रखें वो साफ़ हो, साफ़ नहीं है तो सैनिटाइज़ कर लें, स्वैब को किसी और चीज़ से या हाथ से न छुएं. पूरे प्रॉसेस को अच्छे से अंजाम दें. लेकिन इसके अलावा कुछ एडवाइजरी ICMR ने भी जारी की हैं.
ICMR (फोटो सोर्स - icmr.gov.in)
ICMR (फोटो सोर्स - icmr.gov.in)

ICMR की एडवाइजरी- टेस्टिंग किट्स के एप्रूवल की लिस्ट जारी करने से पहले ही ICMR ने होम टेस्ट को लेकर कुछ जरूरी मशवरे दिए थे.
संक्षिप्त में जान लेते हैं.
# RAT यानी रैपिड एंटीजन टेस्ट की सलाह सिर्फ उन लोगों को दी जाती है जिनमें कोई संक्रमण के लक्षण हों या लैब टेस्ट में पॉजिटिव आए किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हों.
# बार-बार होम टेस्टिंग की सलाह नहीं दी गई है.
# टेस्ट किट का इस्तेमाल इसे बनाने वाली कंपनी द्वारा बताई गई विधि के अनुसार ही करें.
# सभी यूजर्स टेस्ट के बाद टेस्ट किट की तस्वीर लेने के लिए उसी फ़ोन का इस्तेमाल करें जिस पर टेस्ट किट से संबंधित ऐप डाउनलोड की गई है.
# सभी यूज़र्स, जिनका रिजल्ट पॉजिटिव आया है, वे रिजल्ट को पॉजिटिव ही मानें, रिपीटेड टेस्ट की आवश्यकता नहीं है.
# टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर फ़ौरन RTPCR टेस्ट करवाएं, संभवतः होम टेस्टिंग किट कई बार पॉजिटिव केसेज़ को मिस कर सकता है.
# संक्रमण के लक्षणों के बावजूद टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव आने पर खुद को संभावित संक्रमित ही मानें.
# टेस्ट के बाद किट के साथ दिए गए यूजर मैन्युअल के नियमों के तहत ही यूज़ की गई टेस्ट किट और स्वैब आदि को डिस्पोज़ ऑफ करें.
अब बात ओमिक्रॉन की टेस्टिंग की. भारत के पास अभी तक कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए अपनी इजाद की हुई RTPCR Test Kit की व्यवस्था नहीं थी. अमेरिकी कंपनी थर्मो फिशर (Thermo Fisher) की टेस्टिंग किट का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसके अलावा लैब में वही टेस्ट किए जा रहे थे जो जेनेरिक थे, यानी डेल्टा वैरिएंट या इससे पहले के वैरिएंट के लिए किए जाने वाले RTPCR या एंटीजन टेस्ट. अब ICMR ने टाटा ग्रुप की हेल्थकेयर कंपनी टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स की बनाई एक किट को मंजूरी दे दी है. Omisure नाम की ये किट ख़ास तौर पर ओमिक्रॉन की जांच के लिए बनाई गई है, Omisure भी अमेरिकी किट की ही तरह ओमिक्रॉन वैरिएंट में होने वाले म्यूटेशंस में S-Gene Dropout को पकड़ेगी. और ICMR के मुताबिक़ Omisure अमेरिकी किट से कहीं बेहतर है.

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