The Lallantop

अमेरिका में भारतीय परिवार की हत्या की पूरी कहानी

इस मामले में लोकल पुलिस का क्या कहना है?

Advertisement
post-main-image
इस मामले में लोकल पुलिस का क्या कहना है?

एक मशहूर फ़्रेज है, The American Dream. इसको मशहूर बनाने वाले लेखक जेम्स एडम्स ने अपनी किताब एपिक ऑफ़ अमेरिका में लिखा था, 

Advertisement

“अमेरिकन ड्रीम सपनों से भरी उस दुनिया की बात करता है, जहां हर इंसान की ज़िंदगी बेहतर और संसाधनों से परिपूर्ण होगी और जहां सबके पास सफ़ल होने के समान अवसर होंगे.”

इसी चाह में अमेरिका गए एक भारतीय परिवार का सपना त्रासदी में बदल गया है. 03 अक्टूबर को एक व्यक्ति ने परिवार के चार सदस्यों को किडनैप किया था. इसमें आठ महीने की एक बच्ची, उसके माता-पिता और बच्ची के चाचा थे. दो दिनों के बाद एक सुनसान इलाके में चारों की लाश मिली. इस घटना ने अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के बीच सनसनी फैला दी है. इस मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया है. हालांकि, अभी तक हत्या का मकसद साफ़ नहीं हो सका है.

Advertisement

तो, आज हम जानेंगे,

- भारतीय परिवार के साथ आख़िर हुआ क्या था?
- इस मामले में लोकल पुलिस का क्या कहना है?
- और, इस घटना के संदिग्ध के बारे में क्या कुछ पता चला है?

सबसे पहले घटना की टाइमलाइन जान लेते हैं.

ये पूरा मामला 03 अक्टूबर 2022 की सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुआ. कैलिफ़ोर्निया के मसेड कस्बे में एक हाईवे के पास जसदीप सिंह का ट्रकिंग का बिजनेस था. उस सुबह वो अपनी मिनीवैन में दफ़्तर पहुंचे. उनके पीछे उनके एक रिश्तेदार अमनदीप सिंह अपना पिकअप ट्रक लेकर आए. नौ बजे के आस-पास एक तीसरा व्यक्ति टहलता हुआ आया. उसके एक हाथ में कचरे का थैला था. उसने दफ़्तर के बाहर अमनदीप से बात की. जब अमनदीप दफ़्तर के अंदर चले गए, तब मास्क पहने उस शख़्स ने जेब से पिस्तौल निकाली. फिर वो भी दफ़्तर के अंदर घुस गया.

Advertisement

जब वो बाहर निकला तो पूरा सीन बदला हुआ था. जसदीप और अमनदीप के हाथ पीछे की तरफ़ बंधे हुए थे. मास्कधारी उनके पीछे चल रहा था. उसने दोनों को अमनदीप की गाड़ी में बिठाया और फिर उन्हें लेकर निकल गया. इसके आठ मिनट बाद वो उसी पिकअप ट्रक में वापस लौटा. इस बार उसने दफ़्तर के अंदर जसदीप की पत्नी जसलीन कौर और उनकी बेटी को किडनैप किया. फिर उन्हें लेकर चुपचाप उसी रास्ते बाहर निकल गया. ये पूरी घटना दफ़्तर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो रही थी. लेकिन इसके बारे में घंटों तक किसी को कोई जानकारी नहीं थी.

फिर दिन के साढ़े ग्यारह बजे एक फ़ायर स्टेशन पर फ़ोन की घंटी बजी. उन्हें ख़बर मिली कि विन्टन के पास आगजनी की घटना दर्ज़ हुई है. फ़ायर फ़ाइटर्स को फौरन रवाना किया गया. हाईवे पेट्रोल के लिए निकले पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने मसेड पुलिस डिपार्टमेंट से मदद मांगी. जब ये लोग घटनास्थल पर गए, तब उन्होंने देखा कि एक काले रंग की गाड़ी गाड़ी धू-धूकर जल रही है. किसी तरह आग बुझाई गई. पुलिस ने नंबर प्लेट को जांचा तो पता चला कि गाड़ी किसी अमनदीप सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस डिटेल के ज़रिए उन्होंने अमनदीप का पता निकाला. जब पुलिसवाले पते पर पहुंचे, वहां सामान बिखरा पड़ा था. उन्हें शक़ हुआ. उन्होंने सीसीटीवी फ़ुटेज की पड़ताल की. सीसीटीवी फ़ुटेज ने पूरा मामला साफ़ कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज़ कर जांच शुरू कर दी.

पुलिस ने सीसीटीवी फ़ुटेज में दिख रहे संदिग्ध की तस्वीर रिलीज़ कर दी थी. उन्होंने किडनैप लोगों के पेमेंट कार्ड्स की भी निगरानी की. 04 अक्टूबर को सूचना मिली कि एक व्यक्ति के एटीएम कार्ड से पैसे निकाले गए हैं. फिर एटीएम की फ़ुटेज निकाली गई. इसमें वही मास्कधारी शख़्स पैसे निकालता दिख रहा था, जिसने भारतीय परिवार को उनके दफ़्तर से किडनैप किया था. पुलिस ने इसके आधार पर संदिग्ध की लोकेशन निकाली. जल्दी ही वो पकड़ में भी आ गया. लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले उसने अपनी जान लेने की कोशिश की. उसे पुलिस की निगरानी में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने संदिग्ध को तो पकड़ लिया था, लेकिन अगवा लोगों का कोई अता-पता नहीं चल रहा था.

05 अक्टूबर को मसेड के पुलिस डिपार्टमेंट ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. इसमें उन्होंने स्थानीय लोगों से मदद की अपील की. उधर, पुलिस संदिग्ध के होश में आने का इंतज़ार करने लगी. जब तक वो होश में आता, उससे पहले उनके पास एक फ़ोन आ गया. एक मज़दूर शाम को अपना काम खत्म कर घर लौट रहा था. उसी समय उसे बगीचे के बीचोंबीच चार लाशें दिखी. उसने बदहवास लहजे में पुलिस को फ़ोन किया. पुलिस पहुंची तो उनकी आशंका सच साबित हो गई. ये लाशें उन्हीं लोगों की थी, जिन्हें पूरे मसेड में बेसब्री से ढूंढा जा रहा था. तीनों वयस्कों के शरीर पर मारपीट और ज़ख्म के गहरे निशान थे. हालांकि, बच्ची के शरीर पर किसी तरह का निशान नहीं मिला. पुलिस ने कहा कि पूरी सच्चाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी.

उसी रात पुलिस ने एक और प्रेस कॉन्फ़्रेंस बुलाई. इसमें उन्होंने भारतीय परिवार की हत्या की पुष्टि कर दी. मसेड काउंटी के शेरिफ़ ने कहा,

“एक पूरे परिवार का नामोनिशान मिटा दिया गया है और हमें अभी तक वजह पता नहीं चली है.”

इस समय तक किडनैपिंग का मामला मास मर्डर में तब्दील हो चुका था. रहस्य का पूरा भार संदिग्ध पर टिक गया था. पुलिस ने उसी को आधार बनाकर जांच आगे बढ़ाई.
अब संदिग्ध के बारे में जान लेते हैं.

- गिरफ़्तार संदिग्ध का नाम हेसुस मैनएल सेलगाडो है. उसकी उम्र 48 बरस है. सेलगाडो का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. 2001 में उसे मेथ नामक ड्रग रखने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. ये उसका पहला क्राइम था.

- फिर आया 2005 का साल. 19 दिसंबर की बात है. सेलगाडो ने मसेड में ही एक घर में घुसकर बंदूक की नोक पर लूटपाट की थी. उसने घर के मालिक से क्रेडिट कार्ड और नगदी पैसे लूटे थे. सेलगाडो ने धमकी भी दी थी कि अगर उन्होंने पुलिस को बताया तो उन्हें जान से मार देगा.
जब सेलगाडो चला गया तब घर के मालिक ने पुलिस को फ़ोन किया. एक दिन बाद पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. शुरुआत में तो वो झूठे बयान देकर भरमाता रहा. फिर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. नवंबर 2006 में उसे सज़ा हुई. इस मामले में वो 2015 तक जेल में रहा. फिर कोर्ट ने उसे पैरोल पर छोड़ दिया. पुलिस के पास उसके बाद की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

सेलगाडो के बारे में और क्या पता चला है?

ये सामने आया है कि वो एक समय जसदीप और अमनदीप की ट्रकिंग कंपनी में काम करता था. उसकी दोनों से पैसों के लेनदेन को लेकर अनबन हुई थी. एक साल पहले उसने सिंह फ़ैमिली को धमकी भरे मेसेज और कॉल भी किए थे.

अभी तक हत्या का मकसद साफ़ नहीं हो सका है. ना ही ये स्पष्ट हुआ है कि हत्या के पीछे सेलगाडो ही था. किडनैपिंग के बाद और लाशें मिलने के बीच क्या हुआ, ये अभी भी अबूझ पहेली बना हुआ है. पुलिस ने कहा कि हमें अभी तक कोई आइडिया नहीं है कि असल में क्या हुआ था. ये तभी पता चल सकेगा, जब संदिग्ध ख़ुद अपने मुंह से पूरी बात ना बता दे. हमारे पास वीडियो है, हमारे पास ये मानने के पर्याप्त कारण हैं कि हमने सही व्यक्ति को पकड़ा है. लेकिन हम घटना का पूरा ब्यौरा नहीं जानते.

इस मामले में और क्या अपडेट हैं?

- मसेड के स्थानीय लोगों ने पीड़ितों की याद में कैंडिल मार्च निकालने का ऐलान किया है. ये मार्च 09 अक्टूबर की शाम तक रोज़ाना चलेगा. मसेड में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं. उनमें से कई लोग अपना बिजनेस चलाते हैं. उनके भीतर खौफ पैदा हुआ है. उन्होंने पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.

- जसदीप का परिवार पंजाब के होशियारपुर के हरसी पिंड गांव का रहने वाला है. जसदीप और अमनदीप के माता-पिता किडनैपिंग की ख़बर मिलने के बाद ही अमेरिका रवाना हो चुके थे. उनके गांव में मातम का माहौल है.

- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना पर शोक प्रकट किया. उन्होंने ट्वीट कर विदेशमंत्री एस जयशंकर से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की है. भगवंत मान ने लिखा,

“California में 4 भारतीयों के अपहरण और हत्या की खबर आई, जिसमें 8 महीने की बच्ची का भी कत्ल हुआ है. ये ख़बर सुनकर बहुत दुख हुआ. मैं पीड़ितों के परिवारों के साथ दुख साझा करता हूं... साथ ही केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की अपील करता हूं.”

- संदिग्ध हत्यारा सेलगाडो अभी भी अस्पताल में है. उसके ऊपर अभी किसी भी तरह का चार्ज़ नहीं लगाया गया है. कहा जा रहा है कि शुरुआती जांच पूरी होने के बाद उसके ऊपर मुकदमा दर्ज़ किया जाएगा. स्थानीय जांच अधिकारियों ने कहा है कि वे संदिग्ध के लिए मौत की सज़ा की मांग करेंगे.

एस जयशंकर ने अमेरिका दौरे में क्या कमाल किया?

Advertisement