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किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे 'ओझा सर', बता दिया!

2023 में क्या करने वाले हैं अवध ओझा?

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फोटो - सोशल मीडिया

लल्लनटॉप के न्यूज़रूम में लल्लनटॉप मेहमान. कौन? अवध ओझा. शिक्षक, काउंसलर, आंत्रप्रेन्योर. मस्त तबियत के आदमी और कमाल की हिस्ट्री बांचने वाले. सोशल मीडिया के दौर में ओझा सर (Ojha Sir) ख़ूब वायरल हैं. उनकी पॉपुलैरिटी और बातचीत के अंदाज को देख कर अक्सर एक सवाल उठता है कि क्या वो राजनीति में उतरेंगे. हमने आपके हिस्से का ये सवाल उनसे पूछ लिया. जवाब में उन्होंने कहा,

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"मैं भाजपा या किसी भी पार्टी से कोई चुनाव नहीं लड़ने वाला हूं. मैं स्कूल खोलने जा रहा हूं. 2023 में. इलाहाबाद में. क्योंकि पढ़ाई-लिखाई ने मुझे नाम दिया, इज़्ज़त दी, पैसा दिया. तो मैं तो उसी विधा को आगे बढ़ाऊंगा. हां, मेरे साथ जो लोग रहते हैं, वो राजनीति करेंगे. मैं ऐसे लोगों की टीम ही तैयार कर रहा हूं. पढ़े-लिखे लोग हैं: लॉयर हैं, डॉक्टर हैं, IPS हैं, IAS हैं."

अवध ओझा का स्कूल कैसा होगा?

"स्कूल बोर्डिंग होगा. क्योंकि भारत में बहुत बड़े स्कूल बहुत फ़ीस लेते हैं. एक साल का 70 लाख-80 लाख. वो कहते हैं, 'हम घुड़सवारी सिखाते हैं'. अरे हम कौन सा किर्गिस्तान में रह रहे हैं कि हमको घोड़े से खाना इक्क्ट्ठा करने जाना है.

मैं चाहता हूं कि शिक्षा का एक केंद्र हो, जहां ज़िंदा दिमाग़ों को लाया जाए. उनको क़ायदे से पढ़ाया जाए. और वो स्कूल, देश को मेरा योगदान होगा. मेरे लोगों को योगदान होगा."

इसके बाद हमने उनसे पूछा कि अगर आपकी सोच इतनी क्रांतिकारी है, तो आप सत्ता में क्यों नहीं जाते. एक स्कूल में नहीं, सब स्कूलों में ऐसी स्कीम लागू करिए. इस पर उनका जवाब था कि सोचने वाले व्यक्ति को कभी सत्ता नहीं संभालना चाहिए. उसकी सोचने की क्षमता कम हो जाती है, क्योंकि उस पर अतिरिक्त बोझ आ जाता है. फ़ाइलें ज़्यादा हो जाती हैं. बकौल अवध ओझा, उनके आदर्श गांधी हैं. वो सत्ता में नहीं आना चाहते.

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